मां कालरात्रि जिनकी पूजा नवरात्रि की सप्तम तिथि मे की जाती है, जिनकी पूजा सच्चे मन से की जाये तो मिलती है शक्ति… आइये जाने 15 अप्रैल को किस प्रकार माता कालरात्रि को प्रसन्न करे
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बात करें मां कालरात्रि की जो नवरात्रि के सप्तम तिथि को आगमन होता है। मां काली की पूजा करने से सभी कष्ट मिट जाते हैं। मां भगवती के विशाल दृश्य को देखकर छूमंतर हो जाते हैं भूत-प्रेत.
मां काली की पूजा कोई सामान्य पूजा नहीं है। यह तांत्रिकों और अघोरियों के लिए बहुत हि महत्वपूर्ण है, इस दिन तांत्रिकों और अघोरिया अपनी तंत्र मंत्र विद्या से माता काली को प्रसन्न करते है।
तंत्र विद्या से माता काली को कैसे प्रसन्न करते हैं,इसके बारे में जाने…
ऐसे उपाय जो आपके संकट दूर कर देंगे
माता कालरात्रि की पूजा अक्सर रात में की जाती है। क्योंकि मां काली रात्रि मे फैली नकारात्मक ऊर्जा को अपनी शक्ति से हर लेती है,और उसका सर्वनाश कर हमें कष्ट से निवारण करती है। स्वच्छ मन से मां काली का आह्वान करने से मां उनकी सारी मनोकामना पूर्ण करती है। और मां काली को प्रसन्न करना है तो 108 बार मंत्र “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा”जाप कर मां काली को प्रसन्न कर सकते हैं,और साथ ही माता काली की कृपा से सुख समृद्धि मिलेगा।
बात करें मां काली के भोग की तो पूजा के दौरान गुड़ से बने भोजन या मिठाइयो का भोग लगाना चाहिए,इससे मां काली पसंद होती है।और इस दिन पेठे की बाली दी जाती है, प्राचीन काल से मान्यता है कि ऐसा करने से विजय की प्राप्ति होती है। अगर मां भगवती के असीम कृपा हुई तो धन संपत्ति की प्राप्ति होती है,और रुके हुए कार्य संपन्न होते हैं।
माता काली की पूजा के दौरान रात्रि में अन्य उपाय किये जाते हैं। जैसे कुछ लोग नींबू से टोटका करते हैं, तो कुछ लोग मां कालरात्रि के बीच मंत्र का जाप करते हैं। जिससे की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सुख समृद्धि आती है।
ऐसे तो मां भगवती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है,और उनका सदैव आशीर्वाद बना रहता है। और हमें तन-मन-धन से परिपूर्ण बनाए रखते हैं. मां काली की असीम कृपा से हमारे सारे कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण होती है।
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