Mayank Gandhi Success Story: मिडिल-क्लास से शुरूआत, खुद का रास्ता चुना, और अब भारत के साइबर सिक्योरिटी लीडर
मयंक गांधी, एक नाम जिसने साइबर सुरक्षा की दुनिया में खुद को शीर्ष पर पहुंचाया है। कभी साधारण परिवार का लड़का, आज भारत के अग्रणी उद्यमियों में से एक है। एथिकल हैकर से लेकर बिजनेस मिलियनयर तक का उनका सफर हर युवा को प्रेरित करता है जो अपनी शर्तों पर जीवन जीना चाहता है।
चंडीगढ़ से शुरुआत: साधारण परिवार, बड़े सपने
मयंक का जन्म चंडीगढ़ के एक साधारण परिवार में हुआ। उन्होंने शिशु निकेतन और देव समाज स्कूल से पढ़ाई की, लेकिन बचपन से ही उनका मन किताबों के बजाय तकनीक और बिजनेस की तरफ था। कॉलेज के लिए उन्होंने CGC और IU इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, जर्मनी में पढ़ाई की, लेकिन पारंपरिक शिक्षा उन्हें रास नहीं आई। यहीं से उन्होंने तय किया कि वह खुद का रास्ता बनाएंगे और फाइनेंशियल सफलता के व्यावहारिक पहलुओं को समझेंगे।
साइबर सुरक्षा से पहली मुलाकात: एक शौक बना जुनून
2016 में, मयंक ने शौकिया तौर पर एथिकल हैकिंग सीखी। चीज़ों को समझने और तोड़ने-मरोड़ने की कला ने जल्द ही उन्हें साइबर क्राइम के मामलों में स्थानीय अधिकारियों के साथ काम करने का मौका दिया। यहीं से उनका रुझान इस क्षेत्र की तरफ बढ़ा, और उन्होंने इसे अपने करियर में बदलने का फैसला किया।
TMG सिक्योरिटी: मिशन साइबर शिक्षा की क्रांति
भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता कम थी, और किफायती प्रशिक्षण की कमी को मयंक ने एक मौके के रूप में देखा। 2021 में, उन्होंने TMG सिक्योरिटी की शुरुआत की, जिसका मकसद सभी के लिए साइबर सुरक्षा शिक्षा को सुलभ बनाना था। शुरू में उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर छात्रों को ट्रेनिंग देना शुरू किया। उनकी प्रभावी शिक्षण शैली और प्रैक्टिकल कोर्सेज़ ने उन्हें लोकप्रिय बना दिया, और जल्दी ही TMG सिक्योरिटी का नाम तेजी से फैलने लगा।
आज TMG सिक्योरिटी का प्रभाव
आज TMG सिक्योरिटी देश-विदेश की कई बैंकिंग और फिनटेक कंपनियों को साइबर सुरक्षा सेवाएं प्रदान कर रही है। मयंक का विजन छात्रों और पेशेवरों को इस काबिल बनाना है कि वे डिजिटल खतरों का आत्मविश्वास के साथ सामना कर सकें। उनकी कंपनी ने स्टार्टअप्स और अन्य संगठनों के साथ मिलकर साइबर शिक्षा का विस्तार किया है।
सफलता का सफर: एक बिजनेस मिलियनयर की पहचान
मयंक न केवल साइबर सुरक्षा में, बल्कि ई-कॉमर्स, ड्रॉप शिपिंग और निवेश में भी सफल हैं। उनकी कुल संपत्ति का अनुमान लगभग 10 मिलियन डॉलर है। बिजनेस के अलावा, मयंक नए स्टार्टअप्स का समर्थन करते हैं और साइबर टेक्नोलॉजी के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।
निष्कर्ष: मयंक गांधी से सीखने वाली बातें
मयंक गांधी की कहानी सिखाती है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। दृढ़ संकल्प और मेहनत के साथ, उन्होंने साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर साइबर सुरक्षा में एक मुकाम हासिल किया। उनका सफर हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करना चाहता है। मयंक और TMG सिक्योरिटी का मिशन है डिजिटल दुनिया को सुरक्षित बनाना और दूसरों को भी इस महत्वपूर्ण सफर में शामिल करना।
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