शाहरुख खान एक्टिंग के बीच इंप्रोवाइजेशन में भी हैं माहिर, अनुपम खेर ने सुनाया किस्सा

बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने साल 1995 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' से जुड़ा एक मजेदार किस्सा सुनाया. अनुपम ने बताया कि मशहूर डायलॉग "ओ पोची, ओ कोका, ओ बॉबी, ओ लोला" को अभिनेता शाहरुख खान ने चुटकियों में रच डाला था. अभिनेता अनुपम खेर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कूल डैड किरदार को लेकर राय जाहिर की. उन्होंने कहा, "कूल डैड का किरदार निभाना मेरे पिताजी जी को सम्मान देने जैसा है. मेरे निभाए हर एक 'कूल डैड' किरदार का कनेक्शन मेरे पिताजी को समर्पित है और वह उन सब में फिट बैठते हैं. अभिनेता ने अपने पिता को अपना 'सबसे अच्छा दोस्त' बताया. शाहरुख खान की इम्प्रोवाइजेशन स्क्लि से बना डायलॉग अनुपम खेर से जब पूछा गया कि उनका मशहूर डायलॉग "ओ पोची, ओ कोका, ओ बॉबी, ओ लोला" कैसे बना था, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, तुरंत! फिल्म की शूटिंग के दौरान मैंने शाहरुख से कहा, चलो कुछ ऐसा करते हैं जिसे लोग याद रखें. खास बात है कि शाहरुख इम्प्रोवाइजेशन (बिना किसी योजना के तुरंत कुछ बेहतर बनाना) में माहिर हैं. वह हमेशा नए-नए आइडियाज आजमाने के लिए तैयार रहते हैं." अनुपम ने बताया कि उनकी यह लाइन हिट बन गई थी. उन्होंने कहा, "यह लाइन एक तरह से कल्ट बन गई थी, यह मेरे लिए बहुत खास है. मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि कुछ चीजें आपके साथ ताउम्र रहती हैं और वह धीरे-धीरे आपके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाती हैं." DDLJ से आदित्य चोपड़ा का निर्देशन डेब्यू साल 1995 में रिलीज हुई रोमांटिक-ड्रामा 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' से आदित्य चोपड़ा ने निर्देशन में डेब्यू किया था. फिल्म में शाहरुख खान और काजोल मुख्य भूमिकाओं में थे. वर्कफ्रंट की बात करें तो अनुपम की हालिया रिलीज फिल्म 'तन्वी द ग्रेट' है, जिसे उन्होंने निर्देशित भी किया है.           View this post on Instagram                       A post shared by Zee Music Company (@zeemusiccompany) यह फिल्म 21 वर्षीय 'ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर' से जूझ रही लड़की तन्वी रैना पर आधारित है, जो अपनी मां विद्या और दादा कर्नल प्रताप रैना के साथ रहती है. कहानी में तन्वी की प्रेरणा उसके दिवंगत पिता, कैप्टन समर रैना होते हैं, जो भारतीय सेना के अफसर थे और सियाचिन ग्लेशियर पर तिरंगा फहराने का सपना देखते थे. तन्वी ठान लेती है कि वह अपने पिता के कदमों पर चलेगी और सेना में शामिल होकर उनके इस सपने को पूरा करेगी. फिल्म में अनुपम खेर 'कर्नल प्रताप रैना' के किरदार में हैं.

Jul 24, 2025 - 17:30
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शाहरुख खान एक्टिंग के बीच इंप्रोवाइजेशन में भी हैं माहिर, अनुपम खेर ने सुनाया किस्सा

बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने साल 1995 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' से जुड़ा एक मजेदार किस्सा सुनाया. अनुपम ने बताया कि मशहूर डायलॉग "ओ पोची, ओ कोका, ओ बॉबी, ओ लोला" को अभिनेता शाहरुख खान ने चुटकियों में रच डाला था.

अभिनेता अनुपम खेर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कूल डैड किरदार को लेकर राय जाहिर की. उन्होंने कहा, "कूल डैड का किरदार निभाना मेरे पिताजी जी को सम्मान देने जैसा है. मेरे निभाए हर एक 'कूल डैड' किरदार का कनेक्शन मेरे पिताजी को समर्पित है और वह उन सब में फिट बैठते हैं. अभिनेता ने अपने पिता को अपना 'सबसे अच्छा दोस्त' बताया.

शाहरुख खान की इम्प्रोवाइजेशन स्क्लि से बना डायलॉग

अनुपम खेर से जब पूछा गया कि उनका मशहूर डायलॉग "ओ पोची, ओ कोका, ओ बॉबी, ओ लोला" कैसे बना था, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, तुरंत! फिल्म की शूटिंग के दौरान मैंने शाहरुख से कहा, चलो कुछ ऐसा करते हैं जिसे लोग याद रखें. खास बात है कि शाहरुख इम्प्रोवाइजेशन (बिना किसी योजना के तुरंत कुछ बेहतर बनाना) में माहिर हैं. वह हमेशा नए-नए आइडियाज आजमाने के लिए तैयार रहते हैं."


अनुपम ने बताया कि उनकी यह लाइन हिट बन गई थी. उन्होंने कहा, "यह लाइन एक तरह से कल्ट बन गई थी, यह मेरे लिए बहुत खास है. मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि कुछ चीजें आपके साथ ताउम्र रहती हैं और वह धीरे-धीरे आपके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाती हैं."

DDLJ से आदित्य चोपड़ा का निर्देशन डेब्यू

साल 1995 में रिलीज हुई रोमांटिक-ड्रामा 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' से आदित्य चोपड़ा ने निर्देशन में डेब्यू किया था. फिल्म में शाहरुख खान और काजोल मुख्य भूमिकाओं में थे. वर्कफ्रंट की बात करें तो अनुपम की हालिया रिलीज फिल्म 'तन्वी द ग्रेट' है, जिसे उन्होंने निर्देशित भी किया है.

 
 
 
 
 
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यह फिल्म 21 वर्षीय 'ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर' से जूझ रही लड़की तन्वी रैना पर आधारित है, जो अपनी मां विद्या और दादा कर्नल प्रताप रैना के साथ रहती है. कहानी में तन्वी की प्रेरणा उसके दिवंगत पिता, कैप्टन समर रैना होते हैं, जो भारतीय सेना के अफसर थे और सियाचिन ग्लेशियर पर तिरंगा फहराने का सपना देखते थे.

तन्वी ठान लेती है कि वह अपने पिता के कदमों पर चलेगी और सेना में शामिल होकर उनके इस सपने को पूरा करेगी. फिल्म में अनुपम खेर 'कर्नल प्रताप रैना' के किरदार में हैं.

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