सलीम खान के घर में नहीं खाया जाता है बीफ, दूसरे धर्म में शादी को लेकर कहा ये

सलमान खान के पिता और राइटर सलीम खान ने हाल ही में अपनी दूसरे धर्म में शादी, घर पर गणेश चतुर्थी मनाने का तरीका और धर्म के प्रति अपने खुले नजरिए के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि वो एक शांतिपूर्ण माहौल में कैसे बड़े हुए, परिवार और अपनी परंपराओं को कैसे निभाया और बच्चों को मूल्यों के साथ कैसे पाला. गणपति उत्सव मनाने की परंपरा उनके पिता से शुरू हुई फ्री प्रेस जर्नल से बातचीत में सलीम ने बताया कि उनके घर में गणपति उत्सव मनाने की परंपरा उनके पिता से शुरू हुई थी. जब वे इंदौर में रहते थे, उनके पिता, जो उस समय डीएसपी थे, हिंदू किरायेदारों के साथ दोस्ती और मेल-जोल बनाए रखते थे, और बिना किसी धर्म के भेदभाव के  साथ खाना और खुशियाँ बांटते थें. शादी से परिवार को नहींं थीं कोई आपत्ति  सलीम खान ने बताया कि हिंदू त्योहार, जैसे गणपति, मनाने की उनकी परंपरा शादी से बहुत पहले से थी. उनके मोहल्ले, स्कूल और पुलिस स्टेशन में वे हिंदुओं के बीच बड़े हुए थे. उन्होंने कहा कि उनके परिवार को उनकी सलमा खान (सुशीला चरक) से शादी में कोई आपत्ति नहीं थी. उन्होंने यह भी बताया कि उनके ससुर, जो एक डेंटिस्ट थे, केवल धर्म के कारण उनकी शादी पर आपत्ति जताते थे, लेकिन उनके मजबूत रिश्ते को समझने के बाद उन्होंने शादी स्वीकार कर ली. सलीम ने कहा कि वे और सलमा अब 60 साल से शादीशुदा हैं और धर्म कभी उनके बीच नहीं आया. धर्म को लेकर सलीम की सोच सलीम ने बताया कि उनके मुस्लिम रिश्तेदार कभी उनके फैसलों पर आपत्ति नहीं करते, क्योंकि वे जानते हैं कि सलीम अलग हैं. अन्य लोगों की तरह वे कभी-कभी शराब पीते हैं, और उनके घर में कभी भी बीफ नहीं खाया जाता. उन्होंने बताया कि धर्म की शिक्षा गायों की पवित्रता पर जोर देती है, और इस्लाम दूसरे धर्मों की अच्छी बातें भी अपनाता है. अंग्रेजी में पवित्र कुरान पढ़ी है  सलीम ने बताया कि उन्होंने अंग्रेजी में पवित्र कुरान पढ़ी है और पाया कि इसके संदेश मानवता पर जोर देते हैं और व्यापक इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार हैं. उन्होंने 2013 के टीवी सीरियल महाभारत में सलाहकार के रूप में अपने काम के बारे में भी बताया और खुद को इस महाकाव्य का विशेषज्ञ कहा. मनोज कुमार के सुझाव पर उन्होंने बिना कोई फीस लिए प्रोडक्शन को मार्गदर्शन दिया और तय करने में मदद की कि क्या दिखाना है. सलीम ने एक मजेदार घटना भी याद की, जब दिलीप कुमार के घर किसी ने उन्हें नहीं पहचाना और पूछा कि आप कौन हैं, जिस पर उन्होंने अपना अनुभव साझा किया.

Aug 31, 2025 - 15:30
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सलीम खान के घर में नहीं खाया जाता है बीफ, दूसरे धर्म में शादी को लेकर कहा ये

सलमान खान के पिता और राइटर सलीम खान ने हाल ही में अपनी दूसरे धर्म में शादी, घर पर गणेश चतुर्थी मनाने का तरीका और धर्म के प्रति अपने खुले नजरिए के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि वो एक शांतिपूर्ण माहौल में कैसे बड़े हुए, परिवार और अपनी परंपराओं को कैसे निभाया और बच्चों को मूल्यों के साथ कैसे पाला.

गणपति उत्सव मनाने की परंपरा उनके पिता से शुरू हुई

फ्री प्रेस जर्नल से बातचीत में सलीम ने बताया कि उनके घर में गणपति उत्सव मनाने की परंपरा उनके पिता से शुरू हुई थी. जब वे इंदौर में रहते थे, उनके पिता, जो उस समय डीएसपी थे, हिंदू किरायेदारों के साथ दोस्ती और मेल-जोल बनाए रखते थे, और बिना किसी धर्म के भेदभाव के  साथ खाना और खुशियाँ बांटते थें.

शादी से परिवार को नहींं थीं कोई आपत्ति 

सलीम खान ने बताया कि हिंदू त्योहार, जैसे गणपति, मनाने की उनकी परंपरा शादी से बहुत पहले से थी. उनके मोहल्ले, स्कूल और पुलिस स्टेशन में वे हिंदुओं के बीच बड़े हुए थे. उन्होंने कहा कि उनके परिवार को उनकी सलमा खान (सुशीला चरक) से शादी में कोई आपत्ति नहीं थी. उन्होंने यह भी बताया कि उनके ससुर, जो एक डेंटिस्ट थे, केवल धर्म के कारण उनकी शादी पर आपत्ति जताते थे, लेकिन उनके मजबूत रिश्ते को समझने के बाद उन्होंने शादी स्वीकार कर ली. सलीम ने कहा कि वे और सलमा अब 60 साल से शादीशुदा हैं और धर्म कभी उनके बीच नहीं आया.

धर्म को लेकर सलीम की सोच

सलीम ने बताया कि उनके मुस्लिम रिश्तेदार कभी उनके फैसलों पर आपत्ति नहीं करते, क्योंकि वे जानते हैं कि सलीम अलग हैं. अन्य लोगों की तरह वे कभी-कभी शराब पीते हैं, और उनके घर में कभी भी बीफ नहीं खाया जाता. उन्होंने बताया कि धर्म की शिक्षा गायों की पवित्रता पर जोर देती है, और इस्लाम दूसरे धर्मों की अच्छी बातें भी अपनाता है.

अंग्रेजी में पवित्र कुरान पढ़ी है 

सलीम ने बताया कि उन्होंने अंग्रेजी में पवित्र कुरान पढ़ी है और पाया कि इसके संदेश मानवता पर जोर देते हैं और व्यापक इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार हैं. उन्होंने 2013 के टीवी सीरियल महाभारत में सलाहकार के रूप में अपने काम के बारे में भी बताया और खुद को इस महाकाव्य का विशेषज्ञ कहा. मनोज कुमार के सुझाव पर उन्होंने बिना कोई फीस लिए प्रोडक्शन को मार्गदर्शन दिया और तय करने में मदद की कि क्या दिखाना है. सलीम ने एक मजेदार घटना भी याद की, जब दिलीप कुमार के घर किसी ने उन्हें नहीं पहचाना और पूछा कि आप कौन हैं, जिस पर उन्होंने अपना अनुभव साझा किया.

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