शाहरुख खान ने कभी मुंबई छोड़कर ना जाने का क्यों किया था फैसला? हेमा मालिनी से जुड़ा है किस्सा
शाहरुख खान बॉलीवुड के सुपरस्टार हैं उन्होंने अपने करियर में तमाम ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं. किंग खान को फिल्मों में पहला बड़ा ब्रेक हेमा मालिनी ने दिया था. 'ड्रीम गर्ल' ने शाहरुख को न सिर्फ़ उनकी पहली फ़िल्म दी, बल्कि उन्हें एक ऐसा प्यारा और निजी पल भी दिया जिसके बाद शाहरुख खान ने कभी मुंबई न छोड़ने का मन बना लिया था. किसकी वजह से शाहरुख खान ने नहीं छोड़ी मुंबईशाहरुख खान को फिल्म 'दीवाना' से पहचान मिली थी. लेकिन सबके पहले हेमा मालिनी ने ही इस दिल्ली के लड़के में कुछ ख़ास देखा और उन्हें एक मौका देने का फ़ैसला किया. दिग्गज अभिनेत्री और निर्देशक शाहरुख से पहली बार मिलने के समय अपनी फिल्म 'दिल आशना है' की तैयारी कर रही थीं. सुपरस्टार ने 'आप की अदालत' में बताया था हेमा जी ने उन्हें एक भूमिका पर चर्चा करने के लिए बुलाया था. उन्होंने शाहरुख से कहा, "आपको मेकअप वगैरह करना होगा." घबराए शाहरुख ने ईमानदारी से जवाब दिया, "मैं दिल्ली का लड़का हूं और मुझे मेकअप के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है." इसके बाद जो हुआ, वह हमेशा के लिए उनके ज़ेहन में बस गया। शाहरुख़ ने याद करते हुए कहा, "फिर हेमा जी मेरे पास आईं और मेरे बालों में कंघी की. यही वह दिन था जब मैंने तय कर लिया कि मैं यहीं रहूंगा और कभी मुंबई नहीं छोड़ूंगा." फिर क्या था शाहरुख खान ने भी अपनी मेहनत के दम पर हिंदी सिनेमा में इतिहास रच दिया और तमाम ब्लॉकबस्टर फिल्में देकर सुपरस्टार का तमगा हासिल कर लिया., कैसे मिली थी शाहरुख खान को दिल आशना हैशाहरुख खान के लिए अपनी पहली फ़िल्म तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं था. अपनी बायोग्राफी "हेमा मालिनी: बियॉन्ड द ड्रीम गर्ल" दिग्गज अभिनेत्री ने बताया है कि वह, शाहरुख़ के "दिल आशना है" के पहले ऑडिशन से संतुष्ट नहीं थीं. शाहरुख़ घबराए हुए लग रहे थे, और रुक-रुक कर जवाब दे रहे थे. फिर भी, हेमा ने उनमें संभावना देखी और फिर से कोशिश करने का फैसला किया. इस बार उन्होंने शाहरुख़ को अपने बाल पीछे करने और भड़कीली जैकेट की बजाय एक सादी टी-शर्ट पहनने को कहा. दूसरा ऑडिशन कामयाब रहा था. इंडिया टुडे के हवाले से, किताब में लिखा है कि हेमा ने धर्मेंद्र को उस यंग अभिनेमात से मिलने के लिए बुलाया भी था. धर्मेंद्र को वह तुरंत पसंद आ गए, जिससे शाहरुख़ की फ़िल्म में जगह पक्की हो गई थी. हालांकि शाहरुख़ की पहली फ़िल्म "दिल आशना है" थी, लेकिन "दीवाना" 1992 में पहले ही रिलीज़ हो गई थी - जिसने उन्हें दुनिया से खूब पहचान मिल गई थी. सालों बाद, हेमा और शाहरुख़ ने "हे राम" और "वीर ज़ारा" में फिर से साथ काम किया था. जिससे एक छोटी सी नेकी और कंघी से शुरू हुई कहानी पूरी हुई.

शाहरुख खान बॉलीवुड के सुपरस्टार हैं उन्होंने अपने करियर में तमाम ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं. किंग खान को फिल्मों में पहला बड़ा ब्रेक हेमा मालिनी ने दिया था. 'ड्रीम गर्ल' ने शाहरुख को न सिर्फ़ उनकी पहली फ़िल्म दी, बल्कि उन्हें एक ऐसा प्यारा और निजी पल भी दिया जिसके बाद शाहरुख खान ने कभी मुंबई न छोड़ने का मन बना लिया था.
किसकी वजह से शाहरुख खान ने नहीं छोड़ी मुंबई
शाहरुख खान को फिल्म 'दीवाना' से पहचान मिली थी. लेकिन सबके पहले हेमा मालिनी ने ही इस दिल्ली के लड़के में कुछ ख़ास देखा और उन्हें एक मौका देने का फ़ैसला किया. दिग्गज अभिनेत्री और निर्देशक शाहरुख से पहली बार मिलने के समय अपनी फिल्म 'दिल आशना है' की तैयारी कर रही थीं. सुपरस्टार ने 'आप की अदालत' में बताया था हेमा जी ने उन्हें एक भूमिका पर चर्चा करने के लिए बुलाया था. उन्होंने शाहरुख से कहा, "आपको मेकअप वगैरह करना होगा." घबराए शाहरुख ने ईमानदारी से जवाब दिया, "मैं दिल्ली का लड़का हूं और मुझे मेकअप के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है."
इसके बाद जो हुआ, वह हमेशा के लिए उनके ज़ेहन में बस गया। शाहरुख़ ने याद करते हुए कहा, "फिर हेमा जी मेरे पास आईं और मेरे बालों में कंघी की. यही वह दिन था जब मैंने तय कर लिया कि मैं यहीं रहूंगा और कभी मुंबई नहीं छोड़ूंगा." फिर क्या था शाहरुख खान ने भी अपनी मेहनत के दम पर हिंदी सिनेमा में इतिहास रच दिया और तमाम ब्लॉकबस्टर फिल्में देकर सुपरस्टार का तमगा हासिल कर लिया.,
कैसे मिली थी शाहरुख खान को दिल आशना है
शाहरुख खान के लिए अपनी पहली फ़िल्म तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं था. अपनी बायोग्राफी "हेमा मालिनी: बियॉन्ड द ड्रीम गर्ल" दिग्गज अभिनेत्री ने बताया है कि वह, शाहरुख़ के "दिल आशना है" के पहले ऑडिशन से संतुष्ट नहीं थीं. शाहरुख़ घबराए हुए लग रहे थे, और रुक-रुक कर जवाब दे रहे थे. फिर भी, हेमा ने उनमें संभावना देखी और फिर से कोशिश करने का फैसला किया. इस बार उन्होंने शाहरुख़ को अपने बाल पीछे करने और भड़कीली जैकेट की बजाय एक सादी टी-शर्ट पहनने को कहा. दूसरा ऑडिशन कामयाब रहा था. इंडिया टुडे के हवाले से, किताब में लिखा है कि हेमा ने धर्मेंद्र को उस यंग अभिनेमात से मिलने के लिए बुलाया भी था. धर्मेंद्र को वह तुरंत पसंद आ गए, जिससे शाहरुख़ की फ़िल्म में जगह पक्की हो गई थी.
हालांकि शाहरुख़ की पहली फ़िल्म "दिल आशना है" थी, लेकिन "दीवाना" 1992 में पहले ही रिलीज़ हो गई थी - जिसने उन्हें दुनिया से खूब पहचान मिल गई थी. सालों बाद, हेमा और शाहरुख़ ने "हे राम" और "वीर ज़ारा" में फिर से साथ काम किया था. जिससे एक छोटी सी नेकी और कंघी से शुरू हुई कहानी पूरी हुई.
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