इस अदाकारा का दिलीप कुमार संग था मनमुटाव, शादीशुदा राज कपूर से अफेयर! फिर इस वजह से छोड़ दी थी फिल्में

कुछ कलाकार इंडस्ट्री में न केवल अपने हुनर के ज़रिए, बल्कि तमाम बैरियर्स को तोड़कर और स्टार होने के अर्थ को नए सिरे से परिभाषित करके एक लीगेसी छोड़ जाते हैं. बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री वैजयंतीमाला भी इन्हीं कलाकारों में से एक हैं. ट्रेंड भरतनाट्यम नृत्यांगना रही वैजयंती माला ने तमिल फिल्मों से एक्टिंग करियर शुरू किया था और फिर देखते ही देखते वे हिंदी सिनेमा की टॉप अदाकारा बन गई थईं. चेन्नई के एक रूढ़िवादी तमिल ब्राह्मण अयंगर परिवार में जन्म लेने के बावजूद, वैजयंतीमाला ने अपने दमदार और प्रभावशाली अभिनय से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया. उन्होंने 50 और 60 के दशक में अपना दबदबा बनाया और मीना कुमारी, मधुबाला, नरगिस, सुचित्रा सेन, वहीदा रहमान जैसी दिग्गज अभिनेत्रियों को कड़ी टक्कर दी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैजयंती माला क दिलीप कुमार संग खूब अनबन रही थी वहीं वे राजकपूर पर दिल हार बैठी थी. हालांकि उनका रिश्ता टूट भी गया था. 16 साल की उम्र में करियर की शुरूआत की थीवैजयंतीमाला ने 16 साल की उम्र में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. वह पहली बार 1949 में तमिल फिल्म 'वाज़काई' में दिखाई दी थीं. स्टार बनने का उनका सफर चुनौतियों से भरा रहा और उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में बॉडी शेमिंग का भी सामना करना पड़ा था.  एक बार उनकी हिंदी फिल्म नागिन के निर्देशक नंदलाल जसवंतलाल ने उन्हें इडली कहकर रुला दिया था. उन्होंने इस घटना का ज़िक्र अपनी बुक, "बॉन्डिंग" में किया है. देवदास से 'डांसिंग डॉल' की इमेज तोड़ीहालांकि गंगा जमुना, आम्रपाली और संगम में उन्होंने अलग-अलग किरदार निभाए और खूब तारीफें भी पाई लेकिन, वैजयंतीमाला को अक्सर "डांसिंग डॉल" तक सीमित कर दिया जाता था, यह बात उन्होंने खुद भी स्वीकार की थी. लेकिन दिलीप कुमार के साथ फिल्म देवदास (1955) ने उनके बारे में लोगों की राय बदल दी थी. उन्होंने याद करते हुए कहा था, "देवदास बनने तक, आलोचक यही कहते रहे कि मैं एक डांसर हूं, अभिनेत्री नहीं. लेकिन इसके रिलीज़ होने के बाद, मुझे शानदार रिव्यू मिलें. इसने मेरे लिए कमाल कर दिया. क्रिटिक्स की तारीफ से मुझे अच्छे ऑफर मिले. मैंने अपनी रेप्यूटेशन कमाई और मेनस्ट्रीम में स्वीकार कर ली गई." दिलीप कुमार से क्यों हुआ था वैजयंती माला का मनुमटावदेवदास के बाद, वैजयंतीमाला ने दिलीप कुमार के साथ नया दौर (1957), मधुमती (1958), पैगाम (1959), गंगा जमुना (1961), लीडर (1964) और संघर्ष (1968) सहित कई फिल्मों में काम किया. उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने ऑफ-स्क्रीन रोमांस की अफवाहों को हवा दी, लेकिन दोनों ने इससे इनकार किया. हालाँकि, उनके प्रोफेशनल रिश्ते में तब खटास आ गई जब दिलीप कुमार की फिल्म राम और श्याम में उनकी जगह वहीदा रहमान ने ले ली. वैजयंतीमाला के अनुसार, ऐसा दिलीप कुमार और राज कपूर के अहंकार के टकराव के कारण हुआ क्योंकि राज कपूर की फिल्म संगम और दिलीप कुमार की लीडर की तारीखें आपस में टकरा रही थीं. उन्होंने बुक में लिखा, "लीडर की तारीखें संगम से टकरा रही थीं. दोनों बड़ी तारीखें चाहते थे... यह एक प्रोफेशनल कंप्टीशन था. मैं दोनों के बीच की लड़ाई में फंस गई." दिलीप कुमार के इस कदम से उन्हें ठेस पहुंची और दोनों ने सालों तक एक-दूसरे से बात नहीं की।.उनके मतभेदों को आखिरकार दिलीप कुमार की पत्नी, अभिनेत्री सायरा बानो ने सुलझाया, जिन्होंने उनसे अतीत को पीछे छोड़ने की रिक्वेस्ट की थी. राज कपूर संग था वैजयंती माला का अफेयर?वैजयंतीमाला के करियर को उनकी दादी यदुगिरि देवी ने बहुत बारीकी से संभाल था. वे राज कपूर को एक वुमनाइजर मानती थीं. बावजूद इसके वैजयंती और राजकपूर क रोमांस की अफवाहें सुर्खियां बनने से नहीं रुकीं।.हालाँकि, वैजयंतीमाला ने अपनी किताब में इस अफेयर से इनकार किया है, इसे कपूर का एक पब्लिसिटी स्टंट बताया है और उन पर "पब्लिसिटी की भूख के कारण रोमांस को गढ़ने" का आरोप लगाया है. ऋषि कपूर ने वैजयंती माला के दावे को बताया था झूठावहीं ऋषि कपूर ने अपनी बायोग्राफी खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड में वैजयंतीमाला के दावे को झूठा बताया था. उन्होंने लिखा था कि जब राज कपूर कथित तौर पर वैजयंतीमाला के साथ जुड़े हुए थे, तब उनकी मां कृष्णा कपूर उनके साथ कैसे चली गई थीं. उन्होंने किताब में लिखा है, "मुझे याद है कि जब पापा वैजयंतीमाला के साथ थे, तब हम अपनी माँ के साथ मरीन ड्राइव स्थित नटराज होटल में रहने चले गए थे. होटल से, हम दो महीने के लिए चित्रकूट के एक अपार्टमेंट में रहने चले गए थे. मेरे पिता ने मां और हमारे लिए वह अपार्टमेंट खरीदा था. उन्होंने उन्हें वापस पाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन मेरी मां तब तक वापस नहीं आईं जब तक उन्हों अपनी लाइफ वो चैप्टर एंड नहीं कर दिया." बता दें कि राज कपूर और वैजयंतीमाला ने सिर्फ़ दो फ़िल्मों - नज़राना (1961) और संगम (1964) में साथ काम किया था. वैजयंती माला ने करियर के पीक पर छोड़ दी थी फिल्में1968 में, वैजयंतीमाला ने अपने करियर के पीक पर, कपूर परिवार के डॉक्टर, डॉ. चमनलाल बाली से शादी करके सभी को चौंका दिया था. इसके बाद उन्होंने पर्सनल लाइफ पर पूरा फोकस करने के लिए फ़िल्में छोड़ दीं, हालांकि डांस के प्रति अपने पैशन को ज़िंदा रखने के लिए उन्होंने लाइव शोज़ में परफ़ॉर्म करना जारी रखा. अपनी किताब में, उन्होंने लिखा, "मैंने अपनी लाइफ का सबसे समझदारी भरा फ़ैसला लिया, मैंने सही समय पर फ़िल्में छोड़ दीं. मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योंकि मैंने कुछ बेहतरीन कलाकारों के साथ काम किया है." ये भी पढ़ें:-'रामायण' में रणबीर कपूर के पेड़ों पर चढ़ने और तीर चलाने पर भड़के मुकेश खन्ना, बोले- 'अगर आपने राम को योद्धा बताया तो लोग...'    

Aug 13, 2025 - 14:30
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इस अदाकारा का दिलीप कुमार संग था मनमुटाव, शादीशुदा राज कपूर से अफेयर!  फिर इस वजह से छोड़ दी थी फिल्में

कुछ कलाकार इंडस्ट्री में न केवल अपने हुनर के ज़रिए, बल्कि तमाम बैरियर्स को तोड़कर और स्टार होने के अर्थ को नए सिरे से परिभाषित करके एक लीगेसी छोड़ जाते हैं. बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री वैजयंतीमाला भी इन्हीं कलाकारों में से एक हैं. ट्रेंड भरतनाट्यम नृत्यांगना रही वैजयंती माला ने तमिल फिल्मों से एक्टिंग करियर शुरू किया था और फिर देखते ही देखते वे हिंदी सिनेमा की टॉप अदाकारा बन गई थईं.

चेन्नई के एक रूढ़िवादी तमिल ब्राह्मण अयंगर परिवार में जन्म लेने के बावजूद, वैजयंतीमाला ने अपने दमदार और प्रभावशाली अभिनय से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया. उन्होंने 50 और 60 के दशक में अपना दबदबा बनाया और मीना कुमारी, मधुबाला, नरगिस, सुचित्रा सेन, वहीदा रहमान जैसी दिग्गज अभिनेत्रियों को कड़ी टक्कर दी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैजयंती माला क दिलीप कुमार संग खूब अनबन रही थी वहीं वे राजकपूर पर दिल हार बैठी थी. हालांकि उनका रिश्ता टूट भी गया था.

16 साल की उम्र में करियर की शुरूआत की थी
वैजयंतीमाला ने 16 साल की उम्र में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. वह पहली बार 1949 में तमिल फिल्म 'वाज़काई' में दिखाई दी थीं. स्टार बनने का उनका सफर चुनौतियों से भरा रहा और उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में बॉडी शेमिंग का भी सामना करना पड़ा था.  एक बार उनकी हिंदी फिल्म नागिन के निर्देशक नंदलाल जसवंतलाल ने उन्हें इडली कहकर रुला दिया था. उन्होंने इस घटना का ज़िक्र अपनी बुक, "बॉन्डिंग" में किया है.


देवदास से 'डांसिंग डॉल' की इमेज तोड़ी
हालांकि गंगा जमुना, आम्रपाली और संगम में उन्होंने अलग-अलग किरदार निभाए और खूब तारीफें भी पाई लेकिन, वैजयंतीमाला को अक्सर "डांसिंग डॉल" तक सीमित कर दिया जाता था, यह बात उन्होंने खुद भी स्वीकार की थी. लेकिन दिलीप कुमार के साथ फिल्म देवदास (1955) ने उनके बारे में लोगों की राय बदल दी थी. उन्होंने याद करते हुए कहा था, "देवदास बनने तक, आलोचक यही कहते रहे कि मैं एक डांसर हूं, अभिनेत्री नहीं. लेकिन इसके रिलीज़ होने के बाद, मुझे शानदार रिव्यू मिलें. इसने मेरे लिए कमाल कर दिया. क्रिटिक्स की तारीफ से मुझे अच्छे ऑफर मिले. मैंने अपनी रेप्यूटेशन कमाई और मेनस्ट्रीम में स्वीकार कर ली गई."

दिलीप कुमार से क्यों हुआ था वैजयंती माला का मनुमटाव
देवदास के बाद, वैजयंतीमाला ने दिलीप कुमार के साथ नया दौर (1957), मधुमती (1958), पैगाम (1959), गंगा जमुना (1961), लीडर (1964) और संघर्ष (1968) सहित कई फिल्मों में काम किया. उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने ऑफ-स्क्रीन रोमांस की अफवाहों को हवा दी, लेकिन दोनों ने इससे इनकार किया. हालाँकि, उनके प्रोफेशनल रिश्ते में तब खटास आ गई जब दिलीप कुमार की फिल्म राम और श्याम में उनकी जगह वहीदा रहमान ने ले ली. वैजयंतीमाला के अनुसार, ऐसा दिलीप कुमार और राज कपूर के अहंकार के टकराव के कारण हुआ क्योंकि राज कपूर की फिल्म संगम और दिलीप कुमार की लीडर की तारीखें आपस में टकरा रही थीं.

उन्होंने बुक में लिखा, "लीडर की तारीखें संगम से टकरा रही थीं. दोनों बड़ी तारीखें चाहते थे... यह एक प्रोफेशनल कंप्टीशन था. मैं दोनों के बीच की लड़ाई में फंस गई." दिलीप कुमार के इस कदम से उन्हें ठेस पहुंची और दोनों ने सालों तक एक-दूसरे से बात नहीं की।.उनके मतभेदों को आखिरकार दिलीप कुमार की पत्नी, अभिनेत्री सायरा बानो ने सुलझाया, जिन्होंने उनसे अतीत को पीछे छोड़ने की रिक्वेस्ट की थी.


राज कपूर संग था वैजयंती माला का अफेयर?
वैजयंतीमाला के करियर को उनकी दादी यदुगिरि देवी ने बहुत बारीकी से संभाल था. वे राज कपूर को एक वुमनाइजर मानती थीं. बावजूद इसके वैजयंती और राजकपूर क रोमांस की अफवाहें सुर्खियां बनने से नहीं रुकीं।.हालाँकि, वैजयंतीमाला ने अपनी किताब में इस अफेयर से इनकार किया है, इसे कपूर का एक पब्लिसिटी स्टंट बताया है और उन पर "पब्लिसिटी की भूख के कारण रोमांस को गढ़ने" का आरोप लगाया है.


ऋषि कपूर ने वैजयंती माला के दावे को बताया था झूठा
वहीं ऋषि कपूर ने अपनी बायोग्राफी खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड में वैजयंतीमाला के दावे को झूठा बताया था. उन्होंने लिखा था कि जब राज कपूर कथित तौर पर वैजयंतीमाला के साथ जुड़े हुए थे, तब उनकी मां कृष्णा कपूर उनके साथ कैसे चली गई थीं.

उन्होंने किताब में लिखा है, "मुझे याद है कि जब पापा वैजयंतीमाला के साथ थे, तब हम अपनी माँ के साथ मरीन ड्राइव स्थित नटराज होटल में रहने चले गए थे. होटल से, हम दो महीने के लिए चित्रकूट के एक अपार्टमेंट में रहने चले गए थे. मेरे पिता ने मां और हमारे लिए वह अपार्टमेंट खरीदा था. उन्होंने उन्हें वापस पाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन मेरी मां तब तक वापस नहीं आईं जब तक उन्हों अपनी लाइफ वो चैप्टर एंड नहीं कर दिया." बता दें कि राज कपूर और वैजयंतीमाला ने सिर्फ़ दो फ़िल्मों - नज़राना (1961) और संगम (1964) में साथ काम किया था.

वैजयंती माला ने करियर के पीक पर छोड़ दी थी फिल्में
1968 में, वैजयंतीमाला ने अपने करियर के पीक पर, कपूर परिवार के डॉक्टर, डॉ. चमनलाल बाली से शादी करके सभी को चौंका दिया था. इसके बाद उन्होंने पर्सनल लाइफ पर पूरा फोकस करने के लिए फ़िल्में छोड़ दीं, हालांकि डांस के प्रति अपने पैशन को ज़िंदा रखने के लिए उन्होंने लाइव शोज़ में परफ़ॉर्म करना जारी रखा. अपनी किताब में, उन्होंने लिखा, "मैंने अपनी लाइफ का सबसे समझदारी भरा फ़ैसला लिया, मैंने सही समय पर फ़िल्में छोड़ दीं. मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योंकि मैंने कुछ बेहतरीन कलाकारों के साथ काम किया है."

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