विवेक ओबेरॉय हुए मालामाल, 1200 करोड़ की नेटवर्थ, एक साल में कंपनी के लिए जुटाए 8500 करोड़
Vivek Oberoi News: एक्टर विवेक ओबेरॉय फिल्मी दुनिया छोड़ अब पूरी तरह बिजनेस पर फोकस कर रहे हैं. हाल ही में विवेक ओबेरॉय ने बताया कि पिछले एक साल में उनकी 12 कंपनियों ने 8500 करोड़ रुपये जुटाए हैं. पिता सुरेश ओबेरॉय को लेकर विवेक ने कहा ये CNBC TV-18 से बातचीत में विवेक ने अपने पिता के बारे में बात करते हुए कहा, 'वो हमेशा इंवेस्टर रहे हैं. वो जमीनें खरीदते और बेचते थे. वो हमेशा पैसा बनाते थे. जमीनें मेरा पहला इंट्रोडक्शन था. जब मैं 9 या 10 साल का था वो अचानक ही सामान लेकर आ आते थे. एक साल परफ्यूम का सामान था, दूसरे साल इलेक्ट्रॉनिक्स का. मैं अपने बैग में भर लेता था और घर घर जाकर बेचता था. वो अंत में मुझसे मेरी खाता बुक के बारे में पूछते थे. वो मुझे केवल प्रॉफिट रखते देते थे. वो लागत मुझसे ले लेते थे.' आगे विवेक ने कहा, 'फिल्म इंडस्ट्री सशक्त नहीं थी. मुझे वहां रहना और कुछ लोगों के साथ मिलना-जुलना पसंद था. लेकिन इसमें आपको वापस भी देना पड़ता है. लोगों को टैलेंटेड लोगों को लेना चाहिए और उन्हें सलाह देनी चाहिए, या प्लेटफॉर्म और सपोर्ट. ये वहां के सिस्टम से मिसिंग था.' आगे विवेक ने कहा, 'पिछले साल ही मेरी सभी कंपनियों ने 1 बिलियन डॉलर (इंडियन करंसी में 8500 करोड़ ) से ज़्यादा जुटाए होंगे. ये बड़ा आमाउंट है. ये प्रॉबल्म नहीं है. लेकिन ये अमाउंट लगाया कहां जा रहा है, ग्रोथ को कैसे प्रोटेक्ट किया जा रहा है. ये ऐसा है कि सिलिकॉन वैली से मारवाड़ी मानसिकता को शादी करनी ही होगी. जब बॉलीवुड के प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स इंटरनेशनल फिल्म्स में कॉपी करते हैं तो वो भी देसी तड़का लगाते हैं. तो बिजनेस में क्यों नहीं?' बता दें कि विवेक ओबेरॉय की नेटवर्थ 1200 करोड़ रुपये बताई जाती है. ये भी पढ़ें- Birthday Special: एक के बाद एक बड़ी फिल्मों में दिखे थे सलमान खान के जीजा, फिर भी लग गया 'फ्लॉप' का टैग

Vivek Oberoi News: एक्टर विवेक ओबेरॉय फिल्मी दुनिया छोड़ अब पूरी तरह बिजनेस पर फोकस कर रहे हैं. हाल ही में विवेक ओबेरॉय ने बताया कि पिछले एक साल में उनकी 12 कंपनियों ने 8500 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
पिता सुरेश ओबेरॉय को लेकर विवेक ने कहा ये
CNBC TV-18 से बातचीत में विवेक ने अपने पिता के बारे में बात करते हुए कहा, 'वो हमेशा इंवेस्टर रहे हैं. वो जमीनें खरीदते और बेचते थे. वो हमेशा पैसा बनाते थे. जमीनें मेरा पहला इंट्रोडक्शन था. जब मैं 9 या 10 साल का था वो अचानक ही सामान लेकर आ आते थे. एक साल परफ्यूम का सामान था, दूसरे साल इलेक्ट्रॉनिक्स का. मैं अपने बैग में भर लेता था और घर घर जाकर बेचता था. वो अंत में मुझसे मेरी खाता बुक के बारे में पूछते थे. वो मुझे केवल प्रॉफिट रखते देते थे. वो लागत मुझसे ले लेते थे.'
आगे विवेक ने कहा, 'फिल्म इंडस्ट्री सशक्त नहीं थी. मुझे वहां रहना और कुछ लोगों के साथ मिलना-जुलना पसंद था. लेकिन इसमें आपको वापस भी देना पड़ता है. लोगों को टैलेंटेड लोगों को लेना चाहिए और उन्हें सलाह देनी चाहिए, या प्लेटफॉर्म और सपोर्ट. ये वहां के सिस्टम से मिसिंग था.'
आगे विवेक ने कहा, 'पिछले साल ही मेरी सभी कंपनियों ने 1 बिलियन डॉलर (इंडियन करंसी में 8500 करोड़ ) से ज़्यादा जुटाए होंगे. ये बड़ा आमाउंट है. ये प्रॉबल्म नहीं है. लेकिन ये अमाउंट लगाया कहां जा रहा है, ग्रोथ को कैसे प्रोटेक्ट किया जा रहा है. ये ऐसा है कि सिलिकॉन वैली से मारवाड़ी मानसिकता को शादी करनी ही होगी. जब बॉलीवुड के प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स इंटरनेशनल फिल्म्स में कॉपी करते हैं तो वो भी देसी तड़का लगाते हैं. तो बिजनेस में क्यों नहीं?'
बता दें कि विवेक ओबेरॉय की नेटवर्थ 1200 करोड़ रुपये बताई जाती है.
ये भी पढ़ें- Birthday Special: एक के बाद एक बड़ी फिल्मों में दिखे थे सलमान खान के जीजा, फिर भी लग गया 'फ्लॉप' का टैग
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