बॉलीवुड में क्या Bad and Good क्या-क्या हैं? The Bads Of Bollywood की स्टारकास्ट ने गिना दिया
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं. वो सीरीज द बैड्स ऑफ बॉलीवुड डायरेक्ट कर रहे हैं. इस सीरीज में बॉबी देओल, सहर बंबा, लक्ष्य लालवनी, राघव जुयाल जैसे स्टार्स हैं. हाल ही में उन्होंने एंटरटेनमेंट लाइव को इंटरव्यू दिया. इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड की एक खराब और एक अच्छी बात बताई. एक्टर्स ने बताई बॉलीवुड की खराब और अच्छी बात एक्ट्रेस सहर बंबा ने कहा, 'एक्टर्स के लिए सिर्फ एक्टिंग ही नहीं और भी कई साइड चीजें करनी जरुरी होती हैं. ये कभी कभी थका देने वाला होता है. ये मैं एंजॉय नहीं करती हूं.' अच्छी बात को लेकर उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में बहुत ही अच्छा कंटेंट लिखा जा रहा है. राघव जुयाल ने कहा, 'बॉलीवुड की अच्छी बात ये है कि मेरे जैसे आदमी को 15 साल से काम मिल रहा है और मेरा घर चल रहा है. ऐसी कुछ खराब चीज है ही नहीं.' लक्ष्य लालवानी ने कहा, 'काम के जरिए बहुत ही अच्छे लोगों से मिलने का अवसर मिल जाता है. रिश्ते बनते हैं. ये अच्छी बात है कि काम की वजह से अच्छे लोगों से मिलने का मौका मिल जाता है. बुरी चीज ये है कि थोड़ी सी ईमानदारी और होनी चाहिए. मुझे लगता है कि सभी को ईमानदार होना चाहिए.' वहीं बॉबी देओल ने कहा, 'बॉलीवुड मेरा प्यार है. आप जिससे प्यार करते हैं उसमें अच्छा भी होता है और बुरा भी होता है. आज जो भी मैं हूं वो बॉलीवुड की वजह से हूं. जिंदगी में हर प्रोफेशन अच्छा और बुरा होता है. अगर जो हमें फेम और प्यार दे रहा है, उससे बढ़कर कुछ बुरा दिखता नहीं है.' अनाया सिंह ने कहा, 'बॉलीवुड ने बहुत कुछ दिया है. लेकिन जब आपको अच्छे वक्त में होते हैं तो सब अच्छा होता है और जब बुरा होता है तो वो बहुत बुरा हो सकता है. ये बुरी चीज नहीं है. लेकिन ये आपको हार्ड हिटिंग लेसन देता है.' मनोज पाहवा ने कहा ये मनोज पाहवा ने कहा, 'जैसे राघव ने कहा इस इंडस्ट्री ने हमको तो दोनों हाथों से लिया. आज भी घर चल रहा है. बढ़िया जिंदगी चल रही है. बच्चे पल रहे हैं. बॉलीवुड हाईली प्रोफेशनल और बहुत सेकुलर है. सारी दुनिया जहां हिंदू मुस्लिम, धर्म-जाति को लेकर लड़ रही है. बॉलीवुड में जब आप सेट पर होते हैं तो 200 लोग हो 250 लोग हों कोई नहीं जानता कि कौन क्या है. सबका मजहब सिर्फ ये होता है कि ये फिल्म खत्म करनी है. उसी में रमजान भी आ जाते हैं. उसी में पूजा हो जाती है. ये मुझे कमाल चीज लगती है. हमें दुनिया में ऐसे ही रहना चाहिए.' आगे मनोज ने कहा, 'बुरी चीज ये है कि मुझे ये लगता है कि 100 साल हो गए हैं लेकिन हमारे को न सिस्टमैटिक ढंग से काम करना नहीं आता. कितनी भी बड़ी फिल्म हो अफरा-तफरी जरुर मचती है. उसकी हमें आदत पड़ गई है. लेकिन हम इसे थोड़ा सा ऑर्गेनाइज कर सकते हैं. इसीलिए मुझे ये 16-18 घंटे...मतलब काम में अगर लग गए तो होली-दीवाली कुछ नहीं होता. हालांकि, वास्तव में ये बुरी चीज नहीं है. लेकिन थोड़ा सिस्टमैटिक हो सकता है. मैं डायरेक्टर्स से जाकर पूछता हूं कि ये लास्ट फिल्म है क्या. इसके बाद कुछ नहीं करेगा. तो वो कहता नहीं सर, सारी जिंदगी यही काम करना है तो फिर मैं कहता हूं कि तो फिर ऐसे क्यों र रहा है कि ये आखिरी है. थोड़ा आराम से करो.'

शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं. वो सीरीज द बैड्स ऑफ बॉलीवुड डायरेक्ट कर रहे हैं. इस सीरीज में बॉबी देओल, सहर बंबा, लक्ष्य लालवनी, राघव जुयाल जैसे स्टार्स हैं. हाल ही में उन्होंने एंटरटेनमेंट लाइव को इंटरव्यू दिया. इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड की एक खराब और एक अच्छी बात बताई.
एक्टर्स ने बताई बॉलीवुड की खराब और अच्छी बात
एक्ट्रेस सहर बंबा ने कहा, 'एक्टर्स के लिए सिर्फ एक्टिंग ही नहीं और भी कई साइड चीजें करनी जरुरी होती हैं. ये कभी कभी थका देने वाला होता है. ये मैं एंजॉय नहीं करती हूं.' अच्छी बात को लेकर उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में बहुत ही अच्छा कंटेंट लिखा जा रहा है.
राघव जुयाल ने कहा, 'बॉलीवुड की अच्छी बात ये है कि मेरे जैसे आदमी को 15 साल से काम मिल रहा है और मेरा घर चल रहा है. ऐसी कुछ खराब चीज है ही नहीं.'
लक्ष्य लालवानी ने कहा, 'काम के जरिए बहुत ही अच्छे लोगों से मिलने का अवसर मिल जाता है. रिश्ते बनते हैं. ये अच्छी बात है कि काम की वजह से अच्छे लोगों से मिलने का मौका मिल जाता है. बुरी चीज ये है कि थोड़ी सी ईमानदारी और होनी चाहिए. मुझे लगता है कि सभी को ईमानदार होना चाहिए.'
वहीं बॉबी देओल ने कहा, 'बॉलीवुड मेरा प्यार है. आप जिससे प्यार करते हैं उसमें अच्छा भी होता है और बुरा भी होता है. आज जो भी मैं हूं वो बॉलीवुड की वजह से हूं. जिंदगी में हर प्रोफेशन अच्छा और बुरा होता है. अगर जो हमें फेम और प्यार दे रहा है, उससे बढ़कर कुछ बुरा दिखता नहीं है.'
अनाया सिंह ने कहा, 'बॉलीवुड ने बहुत कुछ दिया है. लेकिन जब आपको अच्छे वक्त में होते हैं तो सब अच्छा होता है और जब बुरा होता है तो वो बहुत बुरा हो सकता है. ये बुरी चीज नहीं है. लेकिन ये आपको हार्ड हिटिंग लेसन देता है.'
मनोज पाहवा ने कहा ये
मनोज पाहवा ने कहा, 'जैसे राघव ने कहा इस इंडस्ट्री ने हमको तो दोनों हाथों से लिया. आज भी घर चल रहा है. बढ़िया जिंदगी चल रही है. बच्चे पल रहे हैं. बॉलीवुड हाईली प्रोफेशनल और बहुत सेकुलर है. सारी दुनिया जहां हिंदू मुस्लिम, धर्म-जाति को लेकर लड़ रही है. बॉलीवुड में जब आप सेट पर होते हैं तो 200 लोग हो 250 लोग हों कोई नहीं जानता कि कौन क्या है. सबका मजहब सिर्फ ये होता है कि ये फिल्म खत्म करनी है. उसी में रमजान भी आ जाते हैं. उसी में पूजा हो जाती है. ये मुझे कमाल चीज लगती है. हमें दुनिया में ऐसे ही रहना चाहिए.'
आगे मनोज ने कहा, 'बुरी चीज ये है कि मुझे ये लगता है कि 100 साल हो गए हैं लेकिन हमारे को न सिस्टमैटिक ढंग से काम करना नहीं आता. कितनी भी बड़ी फिल्म हो अफरा-तफरी जरुर मचती है. उसकी हमें आदत पड़ गई है. लेकिन हम इसे थोड़ा सा ऑर्गेनाइज कर सकते हैं. इसीलिए मुझे ये 16-18 घंटे...मतलब काम में अगर लग गए तो होली-दीवाली कुछ नहीं होता. हालांकि, वास्तव में ये बुरी चीज नहीं है. लेकिन थोड़ा सिस्टमैटिक हो सकता है. मैं डायरेक्टर्स से जाकर पूछता हूं कि ये लास्ट फिल्म है क्या. इसके बाद कुछ नहीं करेगा. तो वो कहता नहीं सर, सारी जिंदगी यही काम करना है तो फिर मैं कहता हूं कि तो फिर ऐसे क्यों र रहा है कि ये आखिरी है. थोड़ा आराम से करो.'
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