दिवाली के मौके पर श्रेनु पारिख से लेकर नेहा मेहता तक को याद आया बचपन, शेयर कीं कई प्यारी यादें

टीवी के कई पॉपुलर कलाकार श्रेनु पारिख, गरिमा परिहार, समृद्ध बावा, नेहा मेहता और ऋषि सक्सेना ने हाल ही में दिवाली से जुड़ी प्यारी यादें शेयर कीं. इस दौरान बचपन की रस्मों से लेकर परिवार संग आज तक बिताए खास पलों का जिक्र किया जो इस उत्सव को और भी खास बनाती है. 'गाथा शिव परिवार की गणेश कार्तिकेय' में माता पार्वती का किरदार निभा रहीं श्रेनु पारिख ने कहा, 'मेरे लिए दिवाली हमेशा एकजुटता और परंपरा का प्रतीक रही है. मुझे आज भी याद है दादा-दादी के घर दिवाली मनाना, मेरे मामा तरह-तरह के पटाखे लाते थे, बा स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाती थीं जैसे मगज, घुघरा और बूंदी, और पूरा मोहल्ला खुशियों से जगमगाता था.' इस बार दीवाली है खास एक्ट्रेस ने कहा, 'धनतेरस की लक्ष्मी पूजा से लेकर वाघ बारस पर रंगोली बनाने तक, ये सब रस्में मेरे दिल के बेहद करीब हैं. आज भी मैं परिवार, हंसी और कृतज्ञता के साथ उसी भाव से दिवाली मनाती हूं. जब मैं 'गणेश कार्तिकेय' में माता पार्वती की भूमिका निभा रही हूं, यह त्योहार और भी खास लगता है जैसे दिव्य प्रकाश हमें मार्गदर्शन कर रहा हो.” 'पुष्पा इम्पॉसिबल' में दीप्ति की भूमिका निभा रहीं गरिमा परिहार ने कहा, “दिवाली मुझे तुरंत मेरे बचपन में ले जाती है. हम सभी कज़िन घंटों रंगोली बनाते, फुलझड़ियां जलाते और आसमान को पटाखों से जगमगाता देखते. मेरी दादी अपने हाथों से खास लड्डू बनाती थीं, उनकी खुशबू आज भी घर की याद दिला देती है. उम्र चाहे कितनी भी हो जाए, दिवाली का वो बचपन वाला उत्साह कभी कम नहीं होता.' 'पुष्पा इम्पॉसिबल' में अश्विन का किरदार निभा रहे समृद्ध बावा ने कहा, 'मेरे लिए दिवाली रोशनी, भोजन और हंसी का त्योहार है. मुझे याद है मां को गुझिया बनाने में मदद करना और त्योहार से पहले घर की सफाई करना. आज भी, चाहे शूट कितने भी व्यस्त हों, मैं परिवार और दोस्तों संग दिवाली मनाना सुनिश्चित करता हूं. हम सब मिलकर आरती करते हैं और घर का बना खाना खाते हैं. दिवाली हमेशा मुझे गर्माहट और सकारात्मकता से भर देती है.' 'इत्ती सी खुशी' में हेतल की भूमिका निभा रहीं नेहा एस.के. मेहता ने कहा,  “मेरे लिए दिवाली का अर्थ है ठहरना और उन परंपराओं का सम्मान करना जिन्होंने मुझे गढ़ा है. वडनगर से आने के कारण हमारी दिवाली कभी शानो-शौकत वाली नहीं रही, बल्कि साथ रहने वाली रही सजावट में मदद करना, पूजा करना, मिठाइयां बांटना और पड़ोसियों के संग हँसी-मज़ाक करना.' जमीन से जोड़ते हैं छोटे-छोटे रिवाज एक्ट्रेस ने आगे कहा,' थियेटर और स्क्रीन पर सालों बिताने के बाद भी मुझे वे छोटे-छोटे रिवाज़ सबसे ज्यादा ज़मीन से जोड़ते हैं. दिवाली सिर्फ रोशनी और मिठाइयों का नाम नहीं है ,यह नवीनीकरण, कृतज्ञता और जीवन के असली मूल्यों को संजोने का त्योहार है. 'इत्ती सी खुशी' में संजय की भूमिका निभा रहे ऋषि सक्सेना ने कहा,  “मेरे लिए दिवाली हमेशा आत्मचिंतन और जुड़ाव का समय रही है. मुझे याद है कि परिवार के साथ लक्ष्मी पूजा करने के बाद छत पर जाकर थोड़े पटाखे छोड़ना कितना खास लगता था. ये छोटी-छोटी परंपराएं जीवन भर आपके साथ रहती हैं. आज भी मैं दिवाली को सादगी से मनाना पसंद करता हूं, दिये जलाकर, मिठाइयाँ बाँटकर और अपनों के साथ समय बिताकर.” ये भी पढ़ें:-Rise And Fall Winner: अर्जुन बिजलानी बने 'राइज एंड फॉल' के विनर, मिली मोटी रकम, जानें कौन रहा रनरअप?  

Oct 17, 2025 - 17:30
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दिवाली के मौके पर श्रेनु पारिख से लेकर नेहा मेहता तक को याद आया बचपन, शेयर कीं कई प्यारी यादें

टीवी के कई पॉपुलर कलाकार श्रेनु पारिख, गरिमा परिहार, समृद्ध बावा, नेहा मेहता और ऋषि सक्सेना ने हाल ही में दिवाली से जुड़ी प्यारी यादें शेयर कीं. इस दौरान बचपन की रस्मों से लेकर परिवार संग आज तक बिताए खास पलों का जिक्र किया जो इस उत्सव को और भी खास बनाती है.

'गाथा शिव परिवार की गणेश कार्तिकेय' में माता पार्वती का किरदार निभा रहीं श्रेनु पारिख ने कहा, 'मेरे लिए दिवाली हमेशा एकजुटता और परंपरा का प्रतीक रही है. मुझे आज भी याद है दादा-दादी के घर दिवाली मनाना, मेरे मामा तरह-तरह के पटाखे लाते थे, बा स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाती थीं जैसे मगज, घुघरा और बूंदी, और पूरा मोहल्ला खुशियों से जगमगाता था.'

इस बार दीवाली है खास

एक्ट्रेस ने कहा, 'धनतेरस की लक्ष्मी पूजा से लेकर वाघ बारस पर रंगोली बनाने तक, ये सब रस्में मेरे दिल के बेहद करीब हैं. आज भी मैं परिवार, हंसी और कृतज्ञता के साथ उसी भाव से दिवाली मनाती हूं. जब मैं 'गणेश कार्तिकेय' में माता पार्वती की भूमिका निभा रही हूं, यह त्योहार और भी खास लगता है जैसे दिव्य प्रकाश हमें मार्गदर्शन कर रहा हो.”


'पुष्पा इम्पॉसिबल' में दीप्ति की भूमिका निभा रहीं गरिमा परिहार ने कहा, “दिवाली मुझे तुरंत मेरे बचपन में ले जाती है. हम सभी कज़िन घंटों रंगोली बनाते, फुलझड़ियां जलाते और आसमान को पटाखों से जगमगाता देखते. मेरी दादी अपने हाथों से खास लड्डू बनाती थीं, उनकी खुशबू आज भी घर की याद दिला देती है. उम्र चाहे कितनी भी हो जाए, दिवाली का वो बचपन वाला उत्साह कभी कम नहीं होता.'


'पुष्पा इम्पॉसिबल' में अश्विन का किरदार निभा रहे समृद्ध बावा ने कहा, 'मेरे लिए दिवाली रोशनी, भोजन और हंसी का त्योहार है. मुझे याद है मां को गुझिया बनाने में मदद करना और त्योहार से पहले घर की सफाई करना. आज भी, चाहे शूट कितने भी व्यस्त हों, मैं परिवार और दोस्तों संग दिवाली मनाना सुनिश्चित करता हूं. हम सब मिलकर आरती करते हैं और घर का बना खाना खाते हैं. दिवाली हमेशा मुझे गर्माहट और सकारात्मकता से भर देती है.'

'इत्ती सी खुशी' में हेतल की भूमिका निभा रहीं नेहा एस.के. मेहता ने कहा,  “मेरे लिए दिवाली का अर्थ है ठहरना और उन परंपराओं का सम्मान करना जिन्होंने मुझे गढ़ा है. वडनगर से आने के कारण हमारी दिवाली कभी शानो-शौकत वाली नहीं रही, बल्कि साथ रहने वाली रही सजावट में मदद करना, पूजा करना, मिठाइयां बांटना और पड़ोसियों के संग हँसी-मज़ाक करना.'


जमीन से जोड़ते हैं छोटे-छोटे रिवाज

एक्ट्रेस ने आगे कहा,' थियेटर और स्क्रीन पर सालों बिताने के बाद भी मुझे वे छोटे-छोटे रिवाज़ सबसे ज्यादा ज़मीन से जोड़ते हैं. दिवाली सिर्फ रोशनी और मिठाइयों का नाम नहीं है ,यह नवीनीकरण, कृतज्ञता और जीवन के असली मूल्यों को संजोने का त्योहार है.

'इत्ती सी खुशी' में संजय की भूमिका निभा रहे ऋषि सक्सेना ने कहा,  “मेरे लिए दिवाली हमेशा आत्मचिंतन और जुड़ाव का समय रही है. मुझे याद है कि परिवार के साथ लक्ष्मी पूजा करने के बाद छत पर जाकर थोड़े पटाखे छोड़ना कितना खास लगता था. ये छोटी-छोटी परंपराएं जीवन भर आपके साथ रहती हैं. आज भी मैं दिवाली को सादगी से मनाना पसंद करता हूं, दिये जलाकर, मिठाइयाँ बाँटकर और अपनों के साथ समय बिताकर.”

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