कभी डराकर तो कभी हंसाकर, ईशा कोप्पिकर ने इन 5 फिल्मों से जीता दर्शकों का दिल

Isha Koppikar Top 5 Fan Favourite Performances: नए एज की क्वीन ईशा कोप्पिकर ने भारतीय सिनेमा में एक आकर्षक और विविधतापूर्ण यात्रा तय की है. उन्होंने अपने दमदार किरदारों से न केवल अलग पहचान बनाई, बल्कि पारंपरिक महिला किरदारों की सीमाओं को भी तोड़ा. हल्की-फुल्की कॉमेडी से लेकर गंभीर क्राइम ड्रामा तक, ईशा के किरदारों ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी. आइए नजर डालते हैं उनकी पांच यादगार फिल्मों पर जो आज भी लोगों के जेहन में बसी हैं. क्या कूल हैं हमइस कल्ट एडल्ट कॉमेडी फिल्म में ईशा ने सब-इंस्पेक्टर उर्मिला मार्तोड़कर का किरदार निभाया. जी हां, आपने सही पढ़ा. स्मार्ट, स्टाइलिश और बेबाक अंदाज़ में ईशा ने जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग दिखाई. एक महिला पुलिस अफसर को उन्होंने जिस अंदाज में पेश किया, वह बॉलीवुड के लिए नया और ताजगी भरा था. यह उनके करियर की सबसे हिट और पुरस्कार-नामांकित भूमिकाओं में से एक है. डॉन इस क्राइम थ्रिलर में ईशा ने ‘अनिता’ का किरदार निभाया और शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार के साथ स्क्रीन शेयर करते हुए भी अपने अभिनय की चमक बनाए रखी. उन्होंने ग्लैमर और गंभीरता का बेहतरीन संतुलन दिखाया, और अपने आत्मविश्वास व मौजूदगी से दर्शकों का ध्यान खींचा. एक विवाह... ऐसा भीराजश्री प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित इस क्लासिक फिल्म में ईशा ने ‘चांदनी’ नाम की छोटे शहर की लड़की का किरदार निभाया, जो अपने सपनों को त्यागकर परिवार की ज़िम्मेदारियां उठाती है. ईशा का यह भावनात्मक और पारंपरिक किरदार बेहद असरदार रहा. उनके गरिमामय अभिनय ने फिल्म के संस्कारी और भावनात्मक पक्ष को और मजबूत किया. फिल्म के मूल्यों से प्रेरित विषय और उनके अभिनय ने उन्हें आलोचकों और दर्शकों से समान रूप से प्रशंसात्मक समीक्षा दिलाई. शबरीराम गोपाल वर्मा की इस कम सराही गई फिल्म में ईशा ने मुंबई के अपराध जगत की एक कठोर महिला गैंगस्टर की भूमिका में अपनी अब तक की सबसे परिवर्तनकारी भूमिका निभाई. ग्लैमर से दूर, ईशा का मेकअप इतना सटीक था और वह इतनी पहचान में नहीं आ रही थीं कि उन्हें वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने फिल्म के सेट पर घुसने से भी मना कर दिया था. यह उनका सबसे साहसी और सशक्त अभिनय था, जिसे समीक्षकों ने उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ बताया. कृष्णा कॉटेजइस सुपरनैचुरल थ्रिलर में ईशा ने ‘दिशा’ का रहस्यमयी किरदार निभाया. एक ऐसी आत्मा जो प्रेम में पागल है और बदले की आग में जल रही है. रोमांस और हॉरर के मेल से बनी इस कहानी को ईशा की गंभीर और डरावनी स्क्रीन प्रेजेंस ने और भी प्रभावशाली बना दिया. ‘कृष्णा कॉटेज’ आज भी 2000 के दशक की हॉरर फिल्मों में कल्ट क्लासिक मानी जाती है, और इसका बहुत बड़ा श्रेय ईशा के दमदार अभिनय को जाता है. चाहे वह सख्त पुलिस अफसर हो, बदले की प्यास में भटकती आत्मा हो या एक जटिल एंटी-हीरो, ईशा कोप्पिकर ने हर किरदार में कुछ नया और अनोखा जोड़ा. उनके फिल्मी चयन में जोखिम उठाने की भावना साफ झलकती है जो कि कई प्रमुख अभिनेत्रियाँ करने की हिम्मत नहीं करतीं. ये पाँच फ़िल्में हमें याद दिलाती हैं कि भले ही ईशा की स्क्रीन उपस्थितियाँ चुनिंदा हो गई हों, लेकिन उनका प्रभाव अविस्मरणीय बना हुआ है.

Jun 28, 2025 - 21:30
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कभी डराकर तो कभी हंसाकर, ईशा कोप्पिकर ने इन 5 फिल्मों से जीता दर्शकों का दिल

Isha Koppikar Top 5 Fan Favourite Performances: नए एज की क्वीन ईशा कोप्पिकर ने भारतीय सिनेमा में एक आकर्षक और विविधतापूर्ण यात्रा तय की है. उन्होंने अपने दमदार किरदारों से न केवल अलग पहचान बनाई, बल्कि पारंपरिक महिला किरदारों की सीमाओं को भी तोड़ा. हल्की-फुल्की कॉमेडी से लेकर गंभीर क्राइम ड्रामा तक, ईशा के किरदारों ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी. आइए नजर डालते हैं उनकी पांच यादगार फिल्मों पर जो आज भी लोगों के जेहन में बसी हैं.

क्या कूल हैं हम
इस कल्ट एडल्ट कॉमेडी फिल्म में ईशा ने सब-इंस्पेक्टर उर्मिला मार्तोड़कर का किरदार निभाया. जी हां, आपने सही पढ़ा. स्मार्ट, स्टाइलिश और बेबाक अंदाज़ में ईशा ने जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग दिखाई. एक महिला पुलिस अफसर को उन्होंने जिस अंदाज में पेश किया, वह बॉलीवुड के लिए नया और ताजगी भरा था. यह उनके करियर की सबसे हिट और पुरस्कार-नामांकित भूमिकाओं में से एक है.


डॉन

इस क्राइम थ्रिलर में ईशा ने ‘अनिता’ का किरदार निभाया और शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार के साथ स्क्रीन शेयर करते हुए भी अपने अभिनय की चमक बनाए रखी. उन्होंने ग्लैमर और गंभीरता का बेहतरीन संतुलन दिखाया, और अपने आत्मविश्वास व मौजूदगी से दर्शकों का ध्यान खींचा.

एक विवाह... ऐसा भी
राजश्री प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित इस क्लासिक फिल्म में ईशा ने ‘चांदनी’ नाम की छोटे शहर की लड़की का किरदार निभाया, जो अपने सपनों को त्यागकर परिवार की ज़िम्मेदारियां उठाती है. ईशा का यह भावनात्मक और पारंपरिक किरदार बेहद असरदार रहा. उनके गरिमामय अभिनय ने फिल्म के संस्कारी और भावनात्मक पक्ष को और मजबूत किया. फिल्म के मूल्यों से प्रेरित विषय और उनके अभिनय ने उन्हें आलोचकों और दर्शकों से समान रूप से प्रशंसात्मक समीक्षा दिलाई.

शबरी
राम गोपाल वर्मा की इस कम सराही गई फिल्म में ईशा ने मुंबई के अपराध जगत की एक कठोर महिला गैंगस्टर की भूमिका में अपनी अब तक की सबसे परिवर्तनकारी भूमिका निभाई. ग्लैमर से दूर, ईशा का मेकअप इतना सटीक था और वह इतनी पहचान में नहीं आ रही थीं कि उन्हें वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने फिल्म के सेट पर घुसने से भी मना कर दिया था. यह उनका सबसे साहसी और सशक्त अभिनय था, जिसे समीक्षकों ने उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ बताया.


कृष्णा कॉटेज
इस सुपरनैचुरल थ्रिलर में ईशा ने ‘दिशा’ का रहस्यमयी किरदार निभाया. एक ऐसी आत्मा जो प्रेम में पागल है और बदले की आग में जल रही है. रोमांस और हॉरर के मेल से बनी इस कहानी को ईशा की गंभीर और डरावनी स्क्रीन प्रेजेंस ने और भी प्रभावशाली बना दिया. ‘कृष्णा कॉटेज’ आज भी 2000 के दशक की हॉरर फिल्मों में कल्ट क्लासिक मानी जाती है, और इसका बहुत बड़ा श्रेय ईशा के दमदार अभिनय को जाता है.

चाहे वह सख्त पुलिस अफसर हो, बदले की प्यास में भटकती आत्मा हो या एक जटिल एंटी-हीरो, ईशा कोप्पिकर ने हर किरदार में कुछ नया और अनोखा जोड़ा. उनके फिल्मी चयन में जोखिम उठाने की भावना साफ झलकती है जो कि कई प्रमुख अभिनेत्रियाँ करने की हिम्मत नहीं करतीं. ये पाँच फ़िल्में हमें याद दिलाती हैं कि भले ही ईशा की स्क्रीन उपस्थितियाँ चुनिंदा हो गई हों, लेकिन उनका प्रभाव अविस्मरणीय बना हुआ है.

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