Birthday Special: अपने उसूलों और मेहनत से रच डाला इतिहास, ऐसी है शबाना आजमी की संघर्ष की कहानी

बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा शबाना आजमी ने फिल्मों में अपनी अलग पहचान बनाई है.  उनकी अदाकारी और समाज को जागरूक करने वाली फिल्मों के लिए उन्हें खासा सराहा जाता है. उन्हें अपने जीवन में शुरुआत से ही काफी संघर्ष करना पड़ा.  बचपन में वह पेट्रोल पंप पर कॉफी बेचा करती थीं.  उनका संघर्ष, उनकी मेहनत और आत्मनिर्भरता लोगों के लिए मिसाल है जो हर किसी को प्रेरित करती है. एक्ट्रेस के जन्मदिन के मौके पर जानिए उनकी संघर्ष की कहानी.  कम उम्र से ही आत्मनिर्भर बनने का था जूनून शबाना आजमी का जन्म 18 सितंबर 1950 को हैदराबाद में हुआ था. उनके पिता मशहूर शायर कैफी आजमी थे और मां शौकत आजमी एक अभिनेत्री थीं. बचपन से ही शबाना को कला और साहित्य का माहौल मिला, लेकिन उन्होंने कभी अपने आप को परिवार पर बोझ नहीं बनने दिया. पढ़ाई के दौरान उन्होंने खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की. कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले, उन्होंने तीन महीने तक एक पेट्रोल पंप पर कॉफी बेचीं. वह रोजाना 30 रुपए कमाती थीं. उन्होंने कभी अपने माता-पिता से पैसे नहीं लिए. अभिनेत्री ने अपने उसूलों और मेहनत के जरिए कामयाबी हासिल की है. डेब्यू फिल्म से ही हासिल किया राष्ट्रिय पुरस्कार शबाना आजमी ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम 1974 में श्याम बेनेगल की फिल्म 'अंकुर' से रखा. इस फिल्म में उन्होंने एक नौकरानी की भूमिका निभाई थी, जो एक प्रेग्नेंट महिला होती है. उनकी यह भूमिका इतनी दमदार थी कि उन्हें इस फिल्म के लिए पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिल गया.इस फिल्म ने उनके करियर की नींव मजबूत कर दी और उनकी अदाकारी को पूरे देश में सराहा गया. इसके बाद उन्होंने आर्ट फिल्मों के साथ-साथ कमर्शियल फिल्मों में भी काम किया और हर भूमिका को बखूबी निभाया. उनकी फिल्मों में 'अर्थ', 'खंडहर', 'पार', 'गॉडमदर' जैसी कई समाज जागरूकता से भरपूर फिल्में शामिल हैं, जिनसे उन्होंने महिलाओं के मुद्दों को उठाया. शबाना ने अपने करियर में लगातार मेहनत की और पांच बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीतकर अपनी खास जगह बनाई. उन्होंने फिल्मफेयर अवॉर्ड भी कई बार जीता. उनकी मेहनत, समझदारी और अभिनय की गहराई ने उन्हें इंडस्ट्री में एक खास मुकाम दिलाया है. मेहनत और सिद्धांतों को बनाया सबसे बड़ी ताकत शबाना आजमी की शादी मशहूर गीतकार और संगीतकार जावेद अख्तर से हुई, जो पहले से ही शादीशुदा थे। जावेद अख्तर ने अपनी पहली पत्नी से तलाक लेकर 1984 में शबाना से शादी की. यह जोड़ी अपने अनूठे प्यार और परिपक्वता के लिए जानी जाती है. हालांकि, शबाना को मां बनने का सुख नहीं मिला, लेकिन उन्होंने इसे अपनी जिंदगी में कभी निराशा नहीं बनने दिया. उनके परिवार और व्यक्तिगत जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन शबाना ने हमेशा अपने सिद्धांतों और मेहनत पर भरोसा रखा. उनकी मां शौकत आजमी की ऑटोबायोग्राफी में यह भी खुलासा हुआ है कि बचपन में शबाना ने दो बार सुसाइड की कोशिश की, जो उनके लिए एक बड़ा संघर्ष था. लेकिन उन्होंने हर बार अपने आप को संभाला और आगे बढ़ीं. यह उनकी मजबूती और जज्बे का ही नतीजा था कि आज वे बॉलीवुड की सबसे सम्मानित और प्रेरणादायक अभिनेत्रियों में शुमार हैं. जुलाई 2023 में शबाना आजमी करण जौहर की फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' में भी नजर आई थीं.   ये भी पढ़ें: Jolly LLB 3 Advance Booking: अक्षय-अरशद का नहीं चल रहा जादू, एडवांस बुकिंग में बुरा हाल

Sep 18, 2025 - 15:30
 0
Birthday Special: अपने उसूलों और मेहनत से रच डाला इतिहास, ऐसी है शबाना आजमी की संघर्ष की कहानी

बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा शबाना आजमी ने फिल्मों में अपनी अलग पहचान बनाई है.  उनकी अदाकारी और समाज को जागरूक करने वाली फिल्मों के लिए उन्हें खासा सराहा जाता है. उन्हें अपने जीवन में शुरुआत से ही काफी संघर्ष करना पड़ा.  बचपन में वह पेट्रोल पंप पर कॉफी बेचा करती थीं.  उनका संघर्ष, उनकी मेहनत और आत्मनिर्भरता लोगों के लिए मिसाल है जो हर किसी को प्रेरित करती है. एक्ट्रेस के जन्मदिन के मौके पर जानिए उनकी संघर्ष की कहानी. 

कम उम्र से ही आत्मनिर्भर बनने का था जूनून 
शबाना आजमी का जन्म 18 सितंबर 1950 को हैदराबाद में हुआ था. उनके पिता मशहूर शायर कैफी आजमी थे और मां शौकत आजमी एक अभिनेत्री थीं. बचपन से ही शबाना को कला और साहित्य का माहौल मिला, लेकिन उन्होंने कभी अपने आप को परिवार पर बोझ नहीं बनने दिया. पढ़ाई के दौरान उन्होंने खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की. कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले, उन्होंने तीन महीने तक एक पेट्रोल पंप पर कॉफी बेचीं. वह रोजाना 30 रुपए कमाती थीं. उन्होंने कभी अपने माता-पिता से पैसे नहीं लिए. अभिनेत्री ने अपने उसूलों और मेहनत के जरिए कामयाबी हासिल की है.

डेब्यू फिल्म से ही हासिल किया राष्ट्रिय पुरस्कार 
शबाना आजमी ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम 1974 में श्याम बेनेगल की फिल्म 'अंकुर' से रखा. इस फिल्म में उन्होंने एक नौकरानी की भूमिका निभाई थी, जो एक प्रेग्नेंट महिला होती है. उनकी यह भूमिका इतनी दमदार थी कि उन्हें इस फिल्म के लिए पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिल गया.इस फिल्म ने उनके करियर की नींव मजबूत कर दी और उनकी अदाकारी को पूरे देश में सराहा गया. इसके बाद उन्होंने आर्ट फिल्मों के साथ-साथ कमर्शियल फिल्मों में भी काम किया और हर भूमिका को बखूबी निभाया. उनकी फिल्मों में 'अर्थ', 'खंडहर', 'पार', 'गॉडमदर' जैसी कई समाज जागरूकता से भरपूर फिल्में शामिल हैं, जिनसे उन्होंने महिलाओं के मुद्दों को उठाया. शबाना ने अपने करियर में लगातार मेहनत की और पांच बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीतकर अपनी खास जगह बनाई. उन्होंने फिल्मफेयर अवॉर्ड भी कई बार जीता. उनकी मेहनत, समझदारी और अभिनय की गहराई ने उन्हें इंडस्ट्री में एक खास मुकाम दिलाया है.

मेहनत और सिद्धांतों को बनाया सबसे बड़ी ताकत 
शबाना आजमी की शादी मशहूर गीतकार और संगीतकार जावेद अख्तर से हुई, जो पहले से ही शादीशुदा थे। जावेद अख्तर ने अपनी पहली पत्नी से तलाक लेकर 1984 में शबाना से शादी की. यह जोड़ी अपने अनूठे प्यार और परिपक्वता के लिए जानी जाती है. हालांकि, शबाना को मां बनने का सुख नहीं मिला, लेकिन उन्होंने इसे अपनी जिंदगी में कभी निराशा नहीं बनने दिया. उनके परिवार और व्यक्तिगत जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन शबाना ने हमेशा अपने सिद्धांतों और मेहनत पर भरोसा रखा.

उनकी मां शौकत आजमी की ऑटोबायोग्राफी में यह भी खुलासा हुआ है कि बचपन में शबाना ने दो बार सुसाइड की कोशिश की, जो उनके लिए एक बड़ा संघर्ष था. लेकिन उन्होंने हर बार अपने आप को संभाला और आगे बढ़ीं. यह उनकी मजबूती और जज्बे का ही नतीजा था कि आज वे बॉलीवुड की सबसे सम्मानित और प्रेरणादायक अभिनेत्रियों में शुमार हैं. जुलाई 2023 में शबाना आजमी करण जौहर की फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' में भी नजर आई थीं.

 

ये भी पढ़ें: Jolly LLB 3 Advance Booking: अक्षय-अरशद का नहीं चल रहा जादू, एडवांस बुकिंग में बुरा हाल

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow