स्वाति चौहान और करण राजदान इंटरव्यू सायरा खान केस तीन तलाक और अधिक
हाल ही मे जब हमने बात Swati Chauhan और Karan Razdan से की तो उन्होंने बताया की कैसे हाल ही में Saira Khan Case और Triple Talaq जैसे important issues पर खुलकर बातचीत की। इस Interview में दोनों ने female के Rights, Justice और Society में बराबरी की जरुरत पर अपने outspoken thoughts रखे। Karan Razdan ने कहा कि Saira Khan Case सिर्फ एक महिला की लड़ाई नहीं है, बल्कि उन तमाम महिलाओं की voice है जो Society में injustice के खिलाफ खड़ी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि Law में हुए बदलाव, जैसे Triple Talaq पर restrictions, महिलाओं को अपनी बात कहने और अपने Rights के लिए खड़े होने की pawer देता है। Swati Chauhan ने कहा कि आज भी कई womens fear और social दबाव की वजह से Justice तक नहीं पहुंच पातीं। उन्होंने यह भी माना कि बदलाव सिर्फ law से नहीं, बल्कि सोच से भी आना चाहिए। दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि समाज को womens के rights को लेकर और ज्यादा Sensitive और Vigilant होने की जरुरत है। इस Interview में Swati और Karan ने यह साफ कर दिया कि अगर महिलाओं को सही मायनों में बराबरी देनी है, तो उनके साथ खुलकर बातचीत, समझ और Support बेहद जरुरी है। यही सोच एक मजबूत और समान भारत की नींव रखेगी।

हाल ही मे जब हमने बात Swati Chauhan और Karan Razdan से की तो उन्होंने बताया की कैसे हाल ही में Saira Khan Case और Triple Talaq जैसे important issues पर खुलकर बातचीत की। इस Interview में दोनों ने female के Rights, Justice और Society में बराबरी की जरुरत पर अपने outspoken thoughts रखे। Karan Razdan ने कहा कि Saira Khan Case सिर्फ एक महिला की लड़ाई नहीं है, बल्कि उन तमाम महिलाओं की voice है जो Society में injustice के खिलाफ खड़ी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि Law में हुए बदलाव, जैसे Triple Talaq पर restrictions, महिलाओं को अपनी बात कहने और अपने Rights के लिए खड़े होने की pawer देता है। Swati Chauhan ने कहा कि आज भी कई womens fear और social दबाव की वजह से Justice तक नहीं पहुंच पातीं। उन्होंने यह भी माना कि बदलाव सिर्फ law से नहीं, बल्कि सोच से भी आना चाहिए। दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि समाज को womens के rights को लेकर और ज्यादा Sensitive और Vigilant होने की जरुरत है। इस Interview में Swati और Karan ने यह साफ कर दिया कि अगर महिलाओं को सही मायनों में बराबरी देनी है, तो उनके साथ खुलकर बातचीत, समझ और Support बेहद जरुरी है। यही सोच एक मजबूत और समान भारत की नींव रखेगी।
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