साउथ के डायरेक्टर क्यों बनाना चाहते हैं हिंदी में फिल्में? '96' के डायरेक्टर ने बताया सच
आज के समय में कई साउथ फिल्ममेकर हिंदी सिनेमा की ओर बढ़ कर रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह है हिंदी फिल्मों की देशभर में पहुंच और दर्शकों की आबादी. हाल ही में मशहूर तमिल फिल्म ‘96’ के डायरेक्टर सी प्रेम कुमार ने इसी को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. 96' पहले हिंदी में बननी थीसी प्रेम कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘96’ को पहले हिंदी में बनाने की प्लानिंग की थी. उन्होंने कहा, मैं इस फिल्म को हिंदी में अभिषेक बच्चन के साथ बनाना चाहता था. स्क्रिप्ट तैयार थी, लेकिन मुझे बॉलीवुड तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं मिला था. बाद में यह फिल्म तमिल में बनी और सुपरहिट साबित हुई. प्रेम कुमार के मुताबिक, हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी ताकत उसकी ऑडियंस होती है. उन्होंने कहा, अगर आप तमिल फिल्म बनाते हैं तो वो सिर्फ तमिलनाडु तक सीमित होती है, लेकिन हिंदी फिल्म कई राज्यों तक जाती है. स्क्रिप्ट की लोकेशन बदलते ही उसका रंग-रूप भी बदल सकता है यही हिंदी सिनेमा की खासियत है. View this post on Instagram A post shared by Suchin Mehrotra (@suchin545) हिंदी सिनेमा से बचपन का रिश्ताडायरेक्टर ने बताया कि भले ही वो हिंदी पढ़ या लिख नहीं सकते, लेकिन भाषा और संस्कृति को बखूबी समझते हैं. उन्होंने कहा, मेरे पिता उत्तर भारत में पले-बढ़े हैं, इसलिए हमारे घर में हिंदी का शुरु से ही अच्छा माहौल रहा है और मैं बचपन से हिंदी फिल्में देखता आ रहा हूं. प्रेम कुमार ने ये भी कहा कि वो ‘96’ को आज भी हिंदी में बनाना चाहते हैं. इसके अलावा उनकी दूसरी फिल्म ‘मेय्याझगन’ को भी हिंदी में लाने की इच्छा है. उन्होंने यह भी बताया कि वो फिलहाल अपनी अगली फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं, जो हिंदी में ही होगी. इस बार वो बड़े स्टार्स को अप्रोच करने की तैयारी में हैं. उनका फोकस अब हिंदी सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाने पर है.

आज के समय में कई साउथ फिल्ममेकर हिंदी सिनेमा की ओर बढ़ कर रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह है हिंदी फिल्मों की देशभर में पहुंच और दर्शकों की आबादी. हाल ही में मशहूर तमिल फिल्म ‘96’ के डायरेक्टर सी प्रेम कुमार ने इसी को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है.
96' पहले हिंदी में बननी थी
सी प्रेम कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘96’ को पहले हिंदी में बनाने की प्लानिंग की थी. उन्होंने कहा, मैं इस फिल्म को हिंदी में अभिषेक बच्चन के साथ बनाना चाहता था. स्क्रिप्ट तैयार थी, लेकिन मुझे बॉलीवुड तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं मिला था. बाद में यह फिल्म तमिल में बनी और सुपरहिट साबित हुई.
प्रेम कुमार के मुताबिक, हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी ताकत उसकी ऑडियंस होती है. उन्होंने कहा, अगर आप तमिल फिल्म बनाते हैं तो वो सिर्फ तमिलनाडु तक सीमित होती है, लेकिन हिंदी फिल्म कई राज्यों तक जाती है. स्क्रिप्ट की लोकेशन बदलते ही उसका रंग-रूप भी बदल सकता है यही हिंदी सिनेमा की खासियत है.
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हिंदी सिनेमा से बचपन का रिश्ता
डायरेक्टर ने बताया कि भले ही वो हिंदी पढ़ या लिख नहीं सकते, लेकिन भाषा और संस्कृति को बखूबी समझते हैं. उन्होंने कहा, मेरे पिता उत्तर भारत में पले-बढ़े हैं, इसलिए हमारे घर में हिंदी का शुरु से ही अच्छा माहौल रहा है और मैं बचपन से हिंदी फिल्में देखता आ रहा हूं. प्रेम कुमार ने ये भी कहा कि वो ‘96’ को आज भी हिंदी में बनाना चाहते हैं. इसके अलावा उनकी दूसरी फिल्म ‘मेय्याझगन’ को भी हिंदी में लाने की इच्छा है.
उन्होंने यह भी बताया कि वो फिलहाल अपनी अगली फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं, जो हिंदी में ही होगी. इस बार वो बड़े स्टार्स को अप्रोच करने की तैयारी में हैं. उनका फोकस अब हिंदी सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाने पर है.
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