रेणुकास्वामी हत्या मामले में एक्टर दर्शन और पवित्रा पर मर्डर का आरोप तय, 10 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
बेंगलुरु के एक सेशन कोर्ट ने सोमवार को रेणुकास्वामी हत्या मामले में कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीपा, उनकी सहयोगी पवित्रा गौड़ा और 15 अन्य के खिलाफ हत्या और अपहरण समेत अन्य आरोपों में आरोप औपचारिक रूप से तय किए. सभी 17 आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया, जिससे 10 नवंबर को मुकदमा शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया. कोर्ट की कार्यवाही के दौरान अदालत खचाखच भरा हुआ था और जस्टिस आई पी नाइक ने अधिक भीड़ होने पर नाखुशी जताई. उन्होंने कहा- 'इतने सारे लोगों के यहां होने पर आरोप कैसे तय किए जा सकते हैं?' साथ ही उन्होंने मामले से जुड़े नहीं होने वाले वकीलों को वहां से चले जाने का निर्देश दिया. हत्या और आपराधिक षडयंत्र समेत ये आरोप तयजज ने ये भी चेतावनी दी कि अगर व्यवस्था नहीं बनी तो सुनवाई स्थगित कर दी जाएगी या सुनवाई बंद कमरे में भी की जा सकती है. माहौल शांत होने पर अदालत ने आरोप पढ़ने शुरू किए, जिसकी शुरुआत पहली आरोपी पवित्रा गौड़ा से हुई. आरोपों में हत्या, आपराधिक षडयंत्र, अपहरण और गैरकानूनी रूप से जमावड़ा शामिल थे. चप्पलों और डंडे से की गई थी मृतक की पिटाई आरोप पत्र के मुताबिक रेणुकास्वामी ने कथित तौर पर पवित्रा को अश्लील संदेश भेजे थे, उसके बाद उसका अपहरण कर लिया गया, उसे बेंगलुरु के एक शेड में ले जाया गया और उसके साथ मारपीट की गई. जस्टिस ने आरोप पत्र पढ़ते हुए कहा- 'उसे चप्पलों और लकड़ी के तख्ते से पीटा गया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं.' दर्शन पर लगे गंभार आरोपबचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि पवित्रा ने रेणुकास्वामी पर चप्पल से हमला किया, जबकि दर्शन ने रेणुकास्वामी को पैंट उतारने के लिए मजबूर किया और उसके बाद उसके साथ मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई. अदालत ने यह भी कहा कि कुछ आरोपियों को दोष स्वीकार करने के लिए कथित तौर पर पैसे की पेशकश की गई थी. 10 नंवबर को होगी अगली सुनवाईसभी 17 आरोपियों के आरोप स्वीकार करने से इनकार करने के बाद, अदालत ने आरोप-पत्र पर साइन किए. इसके बाद दर्शन, पवित्रा और सात अन्य आरोपियों को वापस जेल ले जाया गया. अगली सुनवाई 10 नवंबर के लिए तय की गई, जब मुकदमा शुरू होगा.
                                बेंगलुरु के एक सेशन कोर्ट ने सोमवार को रेणुकास्वामी हत्या मामले में कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीपा, उनकी सहयोगी पवित्रा गौड़ा और 15 अन्य के खिलाफ हत्या और अपहरण समेत अन्य आरोपों में आरोप औपचारिक रूप से तय किए. सभी 17 आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया, जिससे 10 नवंबर को मुकदमा शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया.
कोर्ट की कार्यवाही के दौरान अदालत खचाखच भरा हुआ था और जस्टिस आई पी नाइक ने अधिक भीड़ होने पर नाखुशी जताई. उन्होंने कहा- 'इतने सारे लोगों के यहां होने पर आरोप कैसे तय किए जा सकते हैं?' साथ ही उन्होंने मामले से जुड़े नहीं होने वाले वकीलों को वहां से चले जाने का निर्देश दिया.
हत्या और आपराधिक षडयंत्र समेत ये आरोप तय
जज ने ये भी चेतावनी दी कि अगर व्यवस्था नहीं बनी तो सुनवाई स्थगित कर दी जाएगी या सुनवाई बंद कमरे में भी की जा सकती है. माहौल शांत होने पर अदालत ने आरोप पढ़ने शुरू किए, जिसकी शुरुआत पहली आरोपी पवित्रा गौड़ा से हुई. आरोपों में हत्या, आपराधिक षडयंत्र, अपहरण और गैरकानूनी रूप से जमावड़ा शामिल थे.
चप्पलों और डंडे से की गई थी मृतक की पिटाई 
आरोप पत्र के मुताबिक रेणुकास्वामी ने कथित तौर पर पवित्रा को अश्लील संदेश भेजे थे, उसके बाद उसका अपहरण कर लिया गया, उसे बेंगलुरु के एक शेड में ले जाया गया और उसके साथ मारपीट की गई. जस्टिस ने आरोप पत्र पढ़ते हुए कहा- 'उसे चप्पलों और लकड़ी के तख्ते से पीटा गया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं.'
दर्शन पर लगे गंभार आरोप
बचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि पवित्रा ने रेणुकास्वामी पर चप्पल से हमला किया, जबकि दर्शन ने रेणुकास्वामी को पैंट उतारने के लिए मजबूर किया और उसके बाद उसके साथ मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई. अदालत ने यह भी कहा कि कुछ आरोपियों को दोष स्वीकार करने के लिए कथित तौर पर पैसे की पेशकश की गई थी.
10 नंवबर को होगी अगली सुनवाई
सभी 17 आरोपियों के आरोप स्वीकार करने से इनकार करने के बाद, अदालत ने आरोप-पत्र पर साइन किए. इसके बाद दर्शन, पवित्रा और सात अन्य आरोपियों को वापस जेल ले जाया गया. अगली सुनवाई 10 नवंबर के लिए तय की गई, जब मुकदमा शुरू होगा.                        
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