'रिफ्यूजी' की स्क्रीनिंग के दौरान अभिषेक-करीना क्यों हुए थे प्रोजेक्टर रूम में बंद? मजेदार है किस्सा
25 Years Of Refugee: ‘रिफ्यूजी’ को रिलीज़ हुए 25 साल हो चुके हैं. इस फ़िल्म से अभिषेक बच्चन और करीना कपूर ने डेब्यू किया था. इस फिल्म के बाद दोनों ने ही इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बना ली है. वहीं रिफ्यूजी के शुरुआती दिनों को याद करते हुए, अभिषेक ने हाल ही में एक मजेदार किस्सा शेयर किया. उन्होंने बताया कि कैसे एक बार उन्हें और करीना को थिएटर में जाने के दौरान प्रोजेक्टर रूम में बंद होना पड़ा था. अभिषेक और करीना ने रिफ्यूजी के किया था डेब्यूदरअसल स्क्रीन को दिए एक इंटरव्यू के दौरान अभिषेक बच्चन ने खुलासा किया कि ‘रिफ्यूजी’ की स्क्रीनिंग के दौरान उन्हें और करीना कपूर को प्रोजेक्टर रूम में बंद कर दिय़ा गया था. इसकी वजह बताते हुए एक्टर ने कहा , "मेरे पास बहुत अच्छी यादें हैं! मैं शरारत (2002) के लिए मनाली में शूटिंग कर रहा था. यह 15 अभिनेताओं के साथ एक बहुत बड़ा सेट था, इसलिए मैं 29 जून से पहले मुंबई नहीं आ सका, जो कि रिफ्यूजी की रिलीज से एक दिन पहले था. उन दिनों, प्रमोशनल इवेंट ज्यादा नहीं होते थे , हालांकि मुझे ये एक्सेप्ट करना चाहिए कि बेबो (करीना कपूर, सह-कलाकार) और मैं सिटी का टूर शुरू करने वाले पहले स्टार्स थे. रिफ्यूजी के प्रीमियर के दिन हुई थी भारी बारिशहमने पहले एक ऑडियो लॉन्च भी किया था.जिसके बाद जेपी साहब ने 29 तारीख को पहली बार परिवारों को फिल्म दिखाई, जाहिर है, मैं उस रात सो नहीं सका क्योंकि बहुत सारी घबराहट और एक्साइटमेंट थी. प्रीमियर के दिन बारिश हुई. हर कोई घबरा गया क्योंकि प्रीमियर लिबर्टी सिनेमा (साउथ मुंबई में) में था, लेकिन मैंने कहा कि यह शुभ है क्योंकि इस तरह के बड़े दिन पर बारिश को भगवान का आशीर्वाद माना जाता है." अभिषेक ने आगे बताया, "हम तीन-चार कारों में गए क्योंकि मेरे परिवार के बहुत से लोग और करीबी दोस्त थे. मैं अपने चाचाजी (अजिताभ बच्चन) और दोस्त सिकंदर (खेर, अभिनेता) के साथ लिबर्टी गया. जुहू में मेरे घर से लिबर्टी तक के रास्ते में जितने भी मंदिर आए, मैं बस एक जल्दी वाले ब्लेसिंग के लिए रुका. पहुंचने से पहले, जेपी साहब ने मुझे फोन किया और कहा कि वे नहीं पहुँचं हैं, लेकिन मुझे प्रीमियर का ख्याल रखने के लिए कहा, मैं घबरा गया क्योंकि यह मेरा पहला मौका था। यह बहुत बढ़िया था क्योंकि पूरी फिल्म इंडस्ट्री वहाँ पहुंच गई थी. वे सभी बिग स्माइल के साथ वहां थे. सबसे पहले मैं मिस्टर चोपड़ा से मिला. क्यो करीना संग अभिषेक बच्चन हुए थे प्रोजेक्टर रूम में बंदबच्चन ने आगे कहा, "प्रीमियर के बाद, डिनर और पार्टी हुई, वह एक लंबी रात थी. मैं सुबह सात बजे सिकंदर के साथ घर वापस आ गया. हम मरीन ड्राइव पर रुके और वहाँ बैठकर उस पल को एंजॉय किया. जब फिल्म रिलीज़ होने वाली थी. दुर्भाग्य से, मुझे अगले दिन मनाली वापस जाना था इसलिए मैं इसको ज़्यादा एंजॉय नहीं कर सका. लेकिन जब मैं तैयार हो रहा था, तो मुझे फ़ोन आया कि ख़राब मौसम के कारण फ़्लाइट कैंसिल हो गई है, इसलिए मेरे पास मुंबई में दो दिन और थे. मैं एक्साइटेड हो गया और बेबो को फोन किया. उसने कहा, "चलो थिएटर चलते हैं." इसलिए हम गेयटी गैलेक्सी और चंदन सिनेमा गए, जो अब वहां नहीं है. ये बहुत ही एक्साइटिंग था! हमें प्रोजेक्टर रूम में बंद होना पड़ा क्योंकि दर्शकों को पता चल गया था कि हम वहां हैं. मेरे अभी भी इसके बारे में बात करते हुए रोंगटे खड़े हो रहे हैं. " अभिनेताओं को भी बदलना चाहिएअभिषेक बच्चन ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि मेरी फिचर्स स्थिर रहीं हैं. मैं ये मानना चाहूंगा कि बाकी सब कुछ बदल गया है. क्योंकि एक अभिनेता के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह, फ़िल्म पर फ़िल्म न सही, लेकिन साल दर साल, सुधार करे, कुछ नया सीखे और इसे थोड़ा अलग तरीके से करे,. यह मेरी डिसकवरी रही है, एक हद तक. मुझे उम्मीद है कि मैं एक आर्टिस्ट के रूप में डेवलेप होने में कामयाब रहा हूं. दर्शक, स्वाद और फ़िल्में भी बदलती हैं, इसलिए अभिनेता को भी बदलना चाहिए. मैंने ऐसा करने की कोशिश की है, लेकिन यह दर्शकों पर निर्भर करता है कि वे इसे स्वीकार करते हैं या नहीं." ये भी पढ़ें:-बीपी हो गया था लो, फ्रिज का खाना खाकर हो गई थीं बेहोश, शेफाली जरीवाला मौत मामले में पुलिस के चौंकाने वाले नए खुलासे

25 Years Of Refugee: ‘रिफ्यूजी’ को रिलीज़ हुए 25 साल हो चुके हैं. इस फ़िल्म से अभिषेक बच्चन और करीना कपूर ने डेब्यू किया था. इस फिल्म के बाद दोनों ने ही इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बना ली है. वहीं रिफ्यूजी के शुरुआती दिनों को याद करते हुए, अभिषेक ने हाल ही में एक मजेदार किस्सा शेयर किया. उन्होंने बताया कि कैसे एक बार उन्हें और करीना को थिएटर में जाने के दौरान प्रोजेक्टर रूम में बंद होना पड़ा था.
अभिषेक और करीना ने रिफ्यूजी के किया था डेब्यू
दरअसल स्क्रीन को दिए एक इंटरव्यू के दौरान अभिषेक बच्चन ने खुलासा किया कि ‘रिफ्यूजी’ की स्क्रीनिंग के दौरान उन्हें और करीना कपूर को प्रोजेक्टर रूम में बंद कर दिय़ा गया था. इसकी वजह बताते हुए एक्टर ने कहा , "मेरे पास बहुत अच्छी यादें हैं! मैं शरारत (2002) के लिए मनाली में शूटिंग कर रहा था. यह 15 अभिनेताओं के साथ एक बहुत बड़ा सेट था, इसलिए मैं 29 जून से पहले मुंबई नहीं आ सका, जो कि रिफ्यूजी की रिलीज से एक दिन पहले था. उन दिनों, प्रमोशनल इवेंट ज्यादा नहीं होते थे , हालांकि मुझे ये एक्सेप्ट करना चाहिए कि बेबो (करीना कपूर, सह-कलाकार) और मैं सिटी का टूर शुरू करने वाले पहले स्टार्स थे.
रिफ्यूजी के प्रीमियर के दिन हुई थी भारी बारिश
हमने पहले एक ऑडियो लॉन्च भी किया था.जिसके बाद जेपी साहब ने 29 तारीख को पहली बार परिवारों को फिल्म दिखाई, जाहिर है, मैं उस रात सो नहीं सका क्योंकि बहुत सारी घबराहट और एक्साइटमेंट थी. प्रीमियर के दिन बारिश हुई. हर कोई घबरा गया क्योंकि प्रीमियर लिबर्टी सिनेमा (साउथ मुंबई में) में था, लेकिन मैंने कहा कि यह शुभ है क्योंकि इस तरह के बड़े दिन पर बारिश को भगवान का आशीर्वाद माना जाता है."
अभिषेक ने आगे बताया, "हम तीन-चार कारों में गए क्योंकि मेरे परिवार के बहुत से लोग और करीबी दोस्त थे. मैं अपने चाचाजी (अजिताभ बच्चन) और दोस्त सिकंदर (खेर, अभिनेता) के साथ लिबर्टी गया. जुहू में मेरे घर से लिबर्टी तक के रास्ते में जितने भी मंदिर आए, मैं बस एक जल्दी वाले ब्लेसिंग के लिए रुका. पहुंचने से पहले, जेपी साहब ने मुझे फोन किया और कहा कि वे नहीं पहुँचं हैं, लेकिन मुझे प्रीमियर का ख्याल रखने के लिए कहा, मैं घबरा गया क्योंकि यह मेरा पहला मौका था। यह बहुत बढ़िया था क्योंकि पूरी फिल्म इंडस्ट्री वहाँ पहुंच गई थी. वे सभी बिग स्माइल के साथ वहां थे. सबसे पहले मैं मिस्टर चोपड़ा से मिला.
क्यो करीना संग अभिषेक बच्चन हुए थे प्रोजेक्टर रूम में बंद
बच्चन ने आगे कहा, "प्रीमियर के बाद, डिनर और पार्टी हुई, वह एक लंबी रात थी. मैं सुबह सात बजे सिकंदर के साथ घर वापस आ गया. हम मरीन ड्राइव पर रुके और वहाँ बैठकर उस पल को एंजॉय किया. जब फिल्म रिलीज़ होने वाली थी. दुर्भाग्य से, मुझे अगले दिन मनाली वापस जाना था इसलिए मैं इसको ज़्यादा एंजॉय नहीं कर सका. लेकिन जब मैं तैयार हो रहा था, तो मुझे फ़ोन आया कि ख़राब मौसम के कारण फ़्लाइट कैंसिल हो गई है, इसलिए मेरे पास मुंबई में दो दिन और थे.
मैं एक्साइटेड हो गया और बेबो को फोन किया. उसने कहा, "चलो थिएटर चलते हैं." इसलिए हम गेयटी गैलेक्सी और चंदन सिनेमा गए, जो अब वहां नहीं है. ये बहुत ही एक्साइटिंग था! हमें प्रोजेक्टर रूम में बंद होना पड़ा क्योंकि दर्शकों को पता चल गया था कि हम वहां हैं. मेरे अभी भी इसके बारे में बात करते हुए रोंगटे खड़े हो रहे हैं. "
अभिनेताओं को भी बदलना चाहिए
अभिषेक बच्चन ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि मेरी फिचर्स स्थिर रहीं हैं. मैं ये मानना चाहूंगा कि बाकी सब कुछ बदल गया है. क्योंकि एक अभिनेता के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह, फ़िल्म पर फ़िल्म न सही, लेकिन साल दर साल, सुधार करे, कुछ नया सीखे और इसे थोड़ा अलग तरीके से करे,. यह मेरी डिसकवरी रही है, एक हद तक. मुझे उम्मीद है कि मैं एक आर्टिस्ट के रूप में डेवलेप होने में कामयाब रहा हूं. दर्शक, स्वाद और फ़िल्में भी बदलती हैं, इसलिए अभिनेता को भी बदलना चाहिए. मैंने ऐसा करने की कोशिश की है, लेकिन यह दर्शकों पर निर्भर करता है कि वे इसे स्वीकार करते हैं या नहीं."
ये भी पढ़ें:-बीपी हो गया था लो, फ्रिज का खाना खाकर हो गई थीं बेहोश, शेफाली जरीवाला मौत मामले में पुलिस के चौंकाने वाले नए खुलासे
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