बंगाली फिल्म से हिंदी सिनेमा तक पहुंचा 'पुष्पा, आई हेट टियर्स', इसके पीछे का किस्सा दिलचस्प

अगर हिंदी सिनेमा के सबसे यादगार और दिल छू लेने वाले डायलॉग्स में से किसी एक का नाम लेना हो, तो 'पुष्पा, आई हेट टियर्स' उस सूची में शुमार होगा. यह लाइन केवल संवाद नहीं, बल्कि एक भावना का मूर्त रूप है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये डायलॉग एक बंगाली फिल्म से इंस्पायर्ड था. हम में से यकीनन ऐसे कई होंगे जिन्हें इस फिल्म के इस दिलचस्प पहलू की जानकारी नहीं होगी. प्रेम और त्याग की अनोखी कहानी ‘निशी पद्मा’उस फिल्म का नाम “निशी पद्मा” था. 23 अक्टूबर 1970 में रिलीज हुई निशी पद्मा ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली थी. यह एक अनोखे प्रेम और त्याग की कहानी थी, जिसमें महिला पात्र पुष्पा और पुरुष पात्र की भावनाओं को बेहद संवेदनशील तरीके से दिखाया गया. इसी से इंस्पायर्ड होकर हिंदी फिल्म अमर प्रेम बनी. जब अमर प्रेम का नाम आता है, तो राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी बरबस याद आ जाती है. निशी पद्मा इतनी बड़ी हिट थी कि डायरेक्टर ने राजेश खन्ना से इसे देखने के लिए कहा. बांग्ला फिल्म में मुख्य किरदार उत्तम कुमार ने निभाया था. सुपरस्टार ने इसे एक-दो बार नहीं बल्कि 24 बार देखा, ताकि उस कैरेक्टर में ढल जाएं. इसके संवाद शानदार थे, किरदार जानदार थे और कहानी तो जोरदार थी ही. ‘निशी पद्मा’ के डायलॉग्स हुए हिटबांग्ला फिल्म 'हिंगर कोचुरी' पर बनी थी, जो बांग्ला लेखक बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय की एक छोटी कहानी थी, जो उनके कहानी संग्रह 'गल्पा पंचशत' में प्रकाशित हुई थी. निशी पद्मा को अरबिंद मुखर्जी ने लिखा और निर्देशित भी किया था, तो हिंदी फिल्म के लिए मुखर्जी ने पटकथा लिखी, लेकिन वो भी अंग्रेजी में! क्योंकि उन्हें हिंदी में लिखना नहीं आता था. खैर, बांग्ला फिल्म के कई डायलॉग्स हिट हुए, और उन्हीं में से एक है पुष्पा को रोते देख पुरुष पात्र का उसको समझाना- "आमी कांदते चाइ न देखले दुखो लागे", जो हिंदी में बन गया “तुम्हें रोता देखकर मुझे दुःख होता है.” पुष्पा आई हेट टियर्स: डायलॉग जिसने बड़े पर्दे पर मचाई धूम1972 में बनी अमर प्रेम को हिंदी में ढालते समय, लेखक और निर्देशक ने इसे 'संक्षिप्त और पंची' बनाने का फैसला किया और फिर यहीं से निकला "पुष्पा आई हेट टियर्स." यह भावनात्मक संवाद दिल को झकझोर जाता था. जब मुखर्जी साहब ने इसका अनुवाद किया तो अंग्रेजी में लिख दिया 'पुष्पा आई हेट टियर्स.' हिंदी में इसकी पटकथा लिखने की जिम्मेदारी रमेश पंत को दी गई. उन्होंने बहुत प्रयोग किए, लेकिन अंततः अंग्रेजी डायलॉग को ही रखा क्योंकि ये किरदार के कैरेक्टर से मैच करता था जो पढ़ा-लिखा और अंग्रेजी बोलने वाला था. शक्ति सामंत, जो फिल्म के निर्देशक थे, उन्हें ये पसंद आया और इसे ओके कर दिया गया. शक्ति दा ने विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर इस किस्से का जिक्र किया था. तो इस तरह "पुष्पा आई हेट टियर्स" का जन्म हुआ और बड़े पर्दे पर आए एक्टर्स का धमाल दिखा तो एक संवाद की दीवानगी का कमाल भी दिखा. ऐसा जो अब भी कायम है. कई मीम्स, रील्स और फनी वीडियो में इस एक डायलॉग का खूबसूरती से इस्तेमाल किया जाता है. ये भी पढ़ें:-छठ से पहले रिलीज हुआ 'नइहर के छठिया' भक्ति गीत, ब्यूटी पांडे की मीठी आवाज ने जीता दिल  

Oct 20, 2025 - 09:30
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बंगाली फिल्म से हिंदी सिनेमा तक पहुंचा 'पुष्पा, आई हेट टियर्स', इसके पीछे का किस्सा दिलचस्प

अगर हिंदी सिनेमा के सबसे यादगार और दिल छू लेने वाले डायलॉग्स में से किसी एक का नाम लेना हो, तो 'पुष्पा, आई हेट टियर्स' उस सूची में शुमार होगा. यह लाइन केवल संवाद नहीं, बल्कि एक भावना का मूर्त रूप है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये डायलॉग एक बंगाली फिल्म से इंस्पायर्ड था. हम में से यकीनन ऐसे कई होंगे जिन्हें इस फिल्म के इस दिलचस्प पहलू की जानकारी नहीं होगी.

प्रेम और त्याग की अनोखी कहानी ‘निशी पद्मा’
उस फिल्म का नाम “निशी पद्मा” था. 23 अक्टूबर 1970 में रिलीज हुई निशी पद्मा ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली थी. यह एक अनोखे प्रेम और त्याग की कहानी थी, जिसमें महिला पात्र पुष्पा और पुरुष पात्र की भावनाओं को बेहद संवेदनशील तरीके से दिखाया गया. इसी से इंस्पायर्ड होकर हिंदी फिल्म अमर प्रेम बनी. जब अमर प्रेम का नाम आता है, तो राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी बरबस याद आ जाती है. निशी पद्मा इतनी बड़ी हिट थी कि डायरेक्टर ने राजेश खन्ना से इसे देखने के लिए कहा. बांग्ला फिल्म में मुख्य किरदार उत्तम कुमार ने निभाया था. सुपरस्टार ने इसे एक-दो बार नहीं बल्कि 24 बार देखा, ताकि उस कैरेक्टर में ढल जाएं. इसके संवाद शानदार थे, किरदार जानदार थे और कहानी तो जोरदार थी ही.

‘निशी पद्मा’ के डायलॉग्स हुए हिट
बांग्ला फिल्म 'हिंगर कोचुरी' पर बनी थी, जो बांग्ला लेखक बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय की एक छोटी कहानी थी, जो उनके कहानी संग्रह 'गल्पा पंचशत' में प्रकाशित हुई थी. निशी पद्मा को अरबिंद मुखर्जी ने लिखा और निर्देशित भी किया था, तो हिंदी फिल्म के लिए मुखर्जी ने पटकथा लिखी, लेकिन वो भी अंग्रेजी में! क्योंकि उन्हें हिंदी में लिखना नहीं आता था. खैर, बांग्ला फिल्म के कई डायलॉग्स हिट हुए, और उन्हीं में से एक है पुष्पा को रोते देख पुरुष पात्र का उसको समझाना- "आमी कांदते चाइ न देखले दुखो लागे", जो हिंदी में बन गया “तुम्हें रोता देखकर मुझे दुःख होता है.”

पुष्पा आई हेट टियर्स: डायलॉग जिसने बड़े पर्दे पर मचाई धूम
1972 में बनी अमर प्रेम को हिंदी में ढालते समय, लेखक और निर्देशक ने इसे 'संक्षिप्त और पंची' बनाने का फैसला किया और फिर यहीं से निकला "पुष्पा आई हेट टियर्स." यह भावनात्मक संवाद दिल को झकझोर जाता था. जब मुखर्जी साहब ने इसका अनुवाद किया तो अंग्रेजी में लिख दिया 'पुष्पा आई हेट टियर्स.' हिंदी में इसकी पटकथा लिखने की जिम्मेदारी रमेश पंत को दी गई.

उन्होंने बहुत प्रयोग किए, लेकिन अंततः अंग्रेजी डायलॉग को ही रखा क्योंकि ये किरदार के कैरेक्टर से मैच करता था जो पढ़ा-लिखा और अंग्रेजी बोलने वाला था. शक्ति सामंत, जो फिल्म के निर्देशक थे, उन्हें ये पसंद आया और इसे ओके कर दिया गया. शक्ति दा ने विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर इस किस्से का जिक्र किया था. तो इस तरह "पुष्पा आई हेट टियर्स" का जन्म हुआ और बड़े पर्दे पर आए एक्टर्स का धमाल दिखा तो एक संवाद की दीवानगी का कमाल भी दिखा. ऐसा जो अब भी कायम है. कई मीम्स, रील्स और फनी वीडियो में इस एक डायलॉग का खूबसूरती से इस्तेमाल किया जाता है.

ये भी पढ़ें:-छठ से पहले रिलीज हुआ 'नइहर के छठिया' भक्ति गीत, ब्यूटी पांडे की मीठी आवाज ने जीता दिल

 

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