'पंजाब का लाल मदद के लिए चौबीसों घंटे खड़ा है...', बाढ़ पीड़ितों का दर्द बांटने पहुंचे सोनू सूद

पंजाब में आई बाढ़ से जन-जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है. हजारों परिवार बेघर हो गए हैं और किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. इसी बीच फिल्म एक्टर और समाज सेवी सोनू सूद शनिवार को अपनी बहन मालविका सूद के साथ कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी पहुंचे. यहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया. एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में सोनू सूद ने कहा- 'मैं आज ही मुंबई से पंजाब आया हूं. पंजाब का लाल हूं और पंजाब के लिए चौबीसों घंटे खड़ा हूं. पंजाब के लोग बहुत हिम्मती हैं, उनके हौसले बुलंद हैं. इस मुश्किल घड़ी में भी उनके चेहरे पर दर्द साफ नहीं झलकता, क्योंकि मुसीबतों से लड़ना और जीतना पंजाबी स्वभाव है.' 'पंजाब जल्द ही फिर से उठ खड़ा होगा'सोनू सूद ने किसानों की तबाही पर चिंता जताते हुए कहा कि पंजाब कृषि प्रधान राज्य है लेकिन इस बार बाढ़ ने फसलें चौपट कर दी हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि पंजाब जल्द ही फिर से उठ खड़ा होगा. अभिनेता ने साफ कहा कि जब भी पंजाब उन्हें पुकारेगा, वो मदद के लिए मौजूद रहेंगे. वहीं उनकी बहन मालविका सूद ने भी बाढ़ की गंभीर स्थिति पर चिंता जाहिर की.  बहन मालविका सूद ने भी किया बाढ़ वाले इलाकों का दौरामालविका सूद ने कहा- 'ये समय बहुत मुश्किल है सबको मिलकर मदद करनी चाहिए. मैंने खुद कई इलाकों का दौरा किया है. हालात अभी बुरे हैं लेकिन असली समस्या तब शुरू होगी जब पानी उतर जाएगा. उसके बाद गंदगी और बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा. असली मदद की जरूरत उस समय होगी.' वहीं सोनू सूद ने इस दौरान ये भी कहा कि वो सिर्फ आज नहीं, बल्कि आने वाले महीनों तक भी पंजाब के साथ रहेंगे. उन्होंने कहा- 'चाहे बाढ़ का असर अभी हो या छह महीने बाद, अगर पंजाब आवाज देगा तो सोनू सूद खड़ा मिलेगा.' कोविड के दौर में 'मसीहा' बनकर उभरे सोनू सूदसोनू सूद कोविड-19 महामारी के दौरान भी प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने, ऑक्सीजन उपलब्ध कराने और अस्पतालों में मदद देने के कारण ‘मसीहा’ कहलाए. उनकी इमेज एक ऐसे कलाकार की बनी है जो मुसीबत की घड़ी में आम लोगों के बीच खड़ा दिखाई देता है. पंजाब में इस बार की बाढ़ से हालात गंभीर हैं और सरकार राहत कार्य चला रही है. लेकिन लोगों का मानना है कि सोनू सूद जैसे चेहरे उम्मीद और भरोसा बढ़ाने का काम करते हैं.

Sep 7, 2025 - 20:30
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'पंजाब का लाल मदद के लिए चौबीसों घंटे खड़ा है...', बाढ़ पीड़ितों का दर्द बांटने पहुंचे सोनू सूद

पंजाब में आई बाढ़ से जन-जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है. हजारों परिवार बेघर हो गए हैं और किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. इसी बीच फिल्म एक्टर और समाज सेवी सोनू सूद शनिवार को अपनी बहन मालविका सूद के साथ कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी पहुंचे. यहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया.

एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में सोनू सूद ने कहा- 'मैं आज ही मुंबई से पंजाब आया हूं. पंजाब का लाल हूं और पंजाब के लिए चौबीसों घंटे खड़ा हूं. पंजाब के लोग बहुत हिम्मती हैं, उनके हौसले बुलंद हैं. इस मुश्किल घड़ी में भी उनके चेहरे पर दर्द साफ नहीं झलकता, क्योंकि मुसीबतों से लड़ना और जीतना पंजाबी स्वभाव है.'

'पंजाब जल्द ही फिर से उठ खड़ा होगा'
सोनू सूद ने किसानों की तबाही पर चिंता जताते हुए कहा कि पंजाब कृषि प्रधान राज्य है लेकिन इस बार बाढ़ ने फसलें चौपट कर दी हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि पंजाब जल्द ही फिर से उठ खड़ा होगा. अभिनेता ने साफ कहा कि जब भी पंजाब उन्हें पुकारेगा, वो मदद के लिए मौजूद रहेंगे. वहीं उनकी बहन मालविका सूद ने भी बाढ़ की गंभीर स्थिति पर चिंता जाहिर की. 

बहन मालविका सूद ने भी किया बाढ़ वाले इलाकों का दौरा
मालविका सूद ने कहा- 'ये समय बहुत मुश्किल है सबको मिलकर मदद करनी चाहिए. मैंने खुद कई इलाकों का दौरा किया है. हालात अभी बुरे हैं लेकिन असली समस्या तब शुरू होगी जब पानी उतर जाएगा. उसके बाद गंदगी और बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा. असली मदद की जरूरत उस समय होगी.' वहीं सोनू सूद ने इस दौरान ये भी कहा कि वो सिर्फ आज नहीं, बल्कि आने वाले महीनों तक भी पंजाब के साथ रहेंगे. उन्होंने कहा- 'चाहे बाढ़ का असर अभी हो या छह महीने बाद, अगर पंजाब आवाज देगा तो सोनू सूद खड़ा मिलेगा.'

कोविड के दौर में 'मसीहा' बनकर उभरे सोनू सूद
सोनू सूद कोविड-19 महामारी के दौरान भी प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने, ऑक्सीजन उपलब्ध कराने और अस्पतालों में मदद देने के कारण ‘मसीहा’ कहलाए. उनकी इमेज एक ऐसे कलाकार की बनी है जो मुसीबत की घड़ी में आम लोगों के बीच खड़ा दिखाई देता है. पंजाब में इस बार की बाढ़ से हालात गंभीर हैं और सरकार राहत कार्य चला रही है. लेकिन लोगों का मानना है कि सोनू सूद जैसे चेहरे उम्मीद और भरोसा बढ़ाने का काम करते हैं.

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