दिलीप कुमार आजादी को सिर्फ अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी मानते थे, सायरा बानो ने किया पोस्ट
79वें स्वतंत्रता दिवस पर अभिनेत्री सायरा बानो ने सोशल मीडिया पर एक भावपूर्ण संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने भारत के प्रति अपने गहरे लगाव और पति,दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार की देशभक्ति को याद किया. सायरा ने साल 1986 की फिल्म ‘कर्मा’ के गाने ‘ऐ वतन तेरे लिए’ से जुड़े एक सीन को साझा करते हुए कहा कि कुछ यादें तस्वीरों या शब्दों में नहीं, बल्कि सांसों में बसती हैं. View this post on Instagram A post shared by Saira Banu Khan (@sairabanu) सायरा ने पोस्ट में क्या लिखा उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "कुछ यादें तस्वीरों या शब्दों में नहीं, बल्कि हमारी सांसों में बसती हैं. भले ही मेरी परवरिश इंग्लिश समाज में हुई, लेकिन मेरा दिल हमेशा भारत के साथ रहा. यह अप्पाजी (मां नसीम बानो) और सुल्तान भाई के सिखाए गए अदब और घर के खाने की खुशबू में भी झलकता था. मेरी आत्मा हमेशा भारत की परंपराओं से जुड़ी रही." सायरा बानो ने दिलीप कुमार को अपनी सबसे बड़ी नेमत बताया. सायरा ने कहा, “आज, जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे लगता है कि कैसे सब कुछ ऐसे घटित हुआ, जैसे खुद ऊपर वाले ने लिखा हो. मेरे लिए सबसे बड़ी नेमत के तौर पर पति दिलीप साहब मिले, जो एक देसी इंसान थे. उन्होंने अपनी जड़ों को गर्व और गरिमा के साथ जिया. उनकी देशभक्ति शोर में नहीं, बल्कि उनके कार्यों में दिखती थी. वह बिना किसी स्वार्थ के लोगों की मदद करते थे और अपने मूल्यों पर अटल रहते थे." दिलीप कुमार आजादी को अधिकार नहीं जिम्मेदारी समझते थे सायरा ने बताया कि दिलीप कुमार को पंडित जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी और पी.वी. नरसिम्हा राव जैसे दिग्गजों के साथ-साथ वकीलों, अर्थशास्त्रियों और उद्योगपतियों का सम्मान प्राप्त था. लेकिन, उन्हें खास बनाता था उनका यह विश्वास कि 'आजादी सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है,' अपनी मिट्टी को कुछ लौटाने और जरूरतमंदों की मदद करने में उनका विश्वास था. अपनी जड़ों और देश के प्रति कृतज्ञता जताते हुए सायरा बानो ने आगे लिखा, “आजादी का मतलब सिर्फ स्वतंत्र होना नहीं, बल्कि अपनी पहचान को अपनाना, अपनी विरासत को संजोना और उन लोगों का सम्मान करना है, जिन्होंने देश के लिए सब कुछ दिया.”

79वें स्वतंत्रता दिवस पर अभिनेत्री सायरा बानो ने सोशल मीडिया पर एक भावपूर्ण संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने भारत के प्रति अपने गहरे लगाव और पति,दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार की देशभक्ति को याद किया. सायरा ने साल 1986 की फिल्म ‘कर्मा’ के गाने ‘ऐ वतन तेरे लिए’ से जुड़े एक सीन को साझा करते हुए कहा कि कुछ यादें तस्वीरों या शब्दों में नहीं, बल्कि सांसों में बसती हैं.
View this post on Instagram
सायरा ने पोस्ट में क्या लिखा
उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "कुछ यादें तस्वीरों या शब्दों में नहीं, बल्कि हमारी सांसों में बसती हैं. भले ही मेरी परवरिश इंग्लिश समाज में हुई, लेकिन मेरा दिल हमेशा भारत के साथ रहा. यह अप्पाजी (मां नसीम बानो) और सुल्तान भाई के सिखाए गए अदब और घर के खाने की खुशबू में भी झलकता था. मेरी आत्मा हमेशा भारत की परंपराओं से जुड़ी रही."
सायरा बानो ने दिलीप कुमार को अपनी सबसे बड़ी नेमत बताया. सायरा ने कहा, “आज, जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे लगता है कि कैसे सब कुछ ऐसे घटित हुआ, जैसे खुद ऊपर वाले ने लिखा हो. मेरे लिए सबसे बड़ी नेमत के तौर पर पति दिलीप साहब मिले, जो एक देसी इंसान थे. उन्होंने अपनी जड़ों को गर्व और गरिमा के साथ जिया. उनकी देशभक्ति शोर में नहीं, बल्कि उनके कार्यों में दिखती थी. वह बिना किसी स्वार्थ के लोगों की मदद करते थे और अपने मूल्यों पर अटल रहते थे."
दिलीप कुमार आजादी को अधिकार नहीं जिम्मेदारी समझते थे
सायरा ने बताया कि दिलीप कुमार को पंडित जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी और पी.वी. नरसिम्हा राव जैसे दिग्गजों के साथ-साथ वकीलों, अर्थशास्त्रियों और उद्योगपतियों का सम्मान प्राप्त था. लेकिन, उन्हें खास बनाता था उनका यह विश्वास कि 'आजादी सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है,' अपनी मिट्टी को कुछ लौटाने और जरूरतमंदों की मदद करने में उनका विश्वास था.
अपनी जड़ों और देश के प्रति कृतज्ञता जताते हुए सायरा बानो ने आगे लिखा, “आजादी का मतलब सिर्फ स्वतंत्र होना नहीं, बल्कि अपनी पहचान को अपनाना, अपनी विरासत को संजोना और उन लोगों का सम्मान करना है, जिन्होंने देश के लिए सब कुछ दिया.”
What's Your Reaction?






