'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के रीबूट पर एकता कपूर का खुलासा, कहा - 'पहले मना किया फिर..'
Ekta Kapoor On Show Reboot : इंडियन टेलीविजन हिस्ट्री में कुछ ऐसे शो बनते हैं जो ना सिर्फ एंटरटेन करते हैं बल्कि सोसाइटी की सोच, फैमिली रिलेशन्स और इमोशन से काफी गहरा इफेक्ट छोड़ जाता है. 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' भी ऐसे शो में से एक है. साल 2000 के शुरूआती समय में इस शो ने हर एक इंडियन फैमिली के घरों में एक अलग ही क्रेज पैदा कर दिया था. अब 25 साल के बाद यह आइकॉनिक शो टेलीविजन पर वापस लौट रहा है. वहीं इस रीबूट के साथ स्मृति ईरानी भी तुलसी विरानी के रोल में पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं. इस शो के नए सीजन की खबर सुनकर फैंस बहुत ज्यादा एक्साइटेड है. लेकिन काफी कम लोगों को पता है कि शो का प्रोड्यूसर एकता कपूर ने शुरू में इस रीबूट के लिए पूरी तरह से मना कर दिया था. शो के रीबूट को लेकर एकता ने किया पोस्ट जब शो के 25 साल पूरे होने की चर्चा शुरू हुई और इसे दोबारा लाने की प्लानिंग होने लगी तो सभी को लगा कि एकता कपूर इसके लिए सबसे पहले हां कहेंगी. लेकिन असल में उनके पहले रिएक्शन में ही ना कह दिया गया था. एकता कपूर ने खुद सोशल मीडिया पर एक लंबा नोट शेयर किया है. View this post on Instagram A post shared by EktaaRkapoor (@ektarkapoor) इस नोट में वो लिखती हैं - 'मैं क्यों उस पुरानी यादों को क्यों छेड़ना चाहूंगी? आप उन्हें कभी दोहरा नहीं सकते. वो जो एक्सपीरियन्स था वो हमेशा खास रहेगा.' जब इसके रीबूट होने की खबर तेजी से फैली तो मेरा सबसे पहला रिएक्शन यही था - "नहीं! बिल्कुल नहीं!" एकता मानती हैं कि बीते हुए समय की भावनाएं और उस दौर की कहानियां किसी भी रीबूट से बड़ी होती हैं. साथ ही आज के टीवी ऑडियन्स पहले से काफी बदल भी गए हैं. जहां कभी 9 शहरों से टीआरपी तय होती थी अब ऑडियन्स अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर बिखरे हुए हैं. एकता ने पूछे खुद से कई सवाल लेकिन एकता यहीं ना रुक कर खुद से कुछ बेहद जरूरी सवाल पूछे हैं- क्या हम इस बार टीआरपी की चिंता किए बिना गहरी कहानियाँ कह सकते हैं? क्या हम आज के जरूरी मुद्दों जैसे पैरेंटिंग, मेंटल हेल्थ, वुमेन की आवाज जैसे टॉपिक्स पर खुसकर बात कर सकते हैं? क्या टेलीविजन को फिर से एक सोशल प्लेटफॉर्म बनाकर बात कर सकते हैं? एकता ने खुलासा किया कि एक इंटरनेशनल संस्था के रिसर्च में ये सामने आया था कि 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' और 'कहानी घर घर की' जैसे शोज ने इंडियन घरों को आवाज दी थी. उन्होंने न सिर्फ एंटरटेन किया, बल्कि समाज में बदलाव लाने का बीड़ा भी उठाया.

Ekta Kapoor On Show Reboot : इंडियन टेलीविजन हिस्ट्री में कुछ ऐसे शो बनते हैं जो ना सिर्फ एंटरटेन करते हैं बल्कि सोसाइटी की सोच, फैमिली रिलेशन्स और इमोशन से काफी गहरा इफेक्ट छोड़ जाता है. 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' भी ऐसे शो में से एक है. साल 2000 के शुरूआती समय में इस शो ने हर एक इंडियन फैमिली के घरों में एक अलग ही क्रेज पैदा कर दिया था.
अब 25 साल के बाद यह आइकॉनिक शो टेलीविजन पर वापस लौट रहा है. वहीं इस रीबूट के साथ स्मृति ईरानी भी तुलसी विरानी के रोल में पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं. इस शो के नए सीजन की खबर सुनकर फैंस बहुत ज्यादा एक्साइटेड है. लेकिन काफी कम लोगों को पता है कि शो का प्रोड्यूसर एकता कपूर ने शुरू में इस रीबूट के लिए पूरी तरह से मना कर दिया था.
शो के रीबूट को लेकर एकता ने किया पोस्ट
जब शो के 25 साल पूरे होने की चर्चा शुरू हुई और इसे दोबारा लाने की प्लानिंग होने लगी तो सभी को लगा कि एकता कपूर इसके लिए सबसे पहले हां कहेंगी. लेकिन असल में उनके पहले रिएक्शन में ही ना कह दिया गया था. एकता कपूर ने खुद सोशल मीडिया पर एक लंबा नोट शेयर किया है.
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इस नोट में वो लिखती हैं - 'मैं क्यों उस पुरानी यादों को क्यों छेड़ना चाहूंगी? आप उन्हें कभी दोहरा नहीं सकते. वो जो एक्सपीरियन्स था वो हमेशा खास रहेगा.' जब इसके रीबूट होने की खबर तेजी से फैली तो मेरा सबसे पहला रिएक्शन यही था - "नहीं! बिल्कुल नहीं!"
एकता मानती हैं कि बीते हुए समय की भावनाएं और उस दौर की कहानियां किसी भी रीबूट से बड़ी होती हैं. साथ ही आज के टीवी ऑडियन्स पहले से काफी बदल भी गए हैं. जहां कभी 9 शहरों से टीआरपी तय होती थी अब ऑडियन्स अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर बिखरे हुए हैं.
एकता ने पूछे खुद से कई सवाल
लेकिन एकता यहीं ना रुक कर खुद से कुछ बेहद जरूरी सवाल पूछे हैं-
- क्या हम इस बार टीआरपी की चिंता किए बिना गहरी कहानियाँ कह सकते हैं?
- क्या हम आज के जरूरी मुद्दों जैसे पैरेंटिंग, मेंटल हेल्थ, वुमेन की आवाज जैसे टॉपिक्स पर खुसकर बात कर सकते हैं?
- क्या टेलीविजन को फिर से एक सोशल प्लेटफॉर्म बनाकर बात कर सकते हैं?
एकता ने खुलासा किया कि एक इंटरनेशनल संस्था के रिसर्च में ये सामने आया था कि 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' और 'कहानी घर घर की' जैसे शोज ने इंडियन घरों को आवाज दी थी. उन्होंने न सिर्फ एंटरटेन किया, बल्कि समाज में बदलाव लाने का बीड़ा भी उठाया.
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