कुश्ती में महारात, एक्टिंग के बाद संसद तक पहुंचे... यूं नहीं 'रुस्तम-ए-पंजाब' कहलाए 'रामायण' के हनुमान
भारत के दारा सिंह, जिन्हें 'रुस्तम-ए-पंजाब' और 'रुस्तम-ए-हिंद' के खिताब से नवाजा गया. वो भारतीय पहलवानी और मनोरंजन जगत के एक अनमोल रत्न थे. उनकी शारीरिक बनावट, ताकत और कुश्ती में महारत ने उन्हें अपने समय का अजेय पहलवान बनाया. दारा सिंह ने न सिर्फ भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहलवानी का लोहा मनवाया. वर्ल्ड लेवल पर बड़े-बड़े पहलवानों को चित कर दारा सिंह ने भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया. भारत में दारा सिंह एक ऐसी शख्सियत हुए जिन्होंने पहलवानी के अलावा, एक्टिंग भी की. उन्हें रामांनद सागर की 'रामायण' में हनुमान के किरदार के लिए जाना जाता है. दारा सिंह का ये किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है. गामा पहलवान से होती थी दारा सिंह की तुलनादारा सिंह ने 12 जुलाई 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. वो भारत के ऐसे पहलवान हुए जिनकी तुलना गामा पहलवान से होती रही. उन्होंने लगभग 500 कुश्ती मुकाबले लड़े और कभी हार नहीं मानी. 1968 में उन्होंने अमेरिकी पहलवान लाऊ थेज को हराकर वर्ल्ड फ्रीस्टाइल चैंपियनशिप जीती, जिसने उन्हें पहला भारतीय वर्ल्ड चैंपियन बनाया. गामा पहलवान अपने करियर में कभी कोई मुकाबला नहीं हारे. दोनों को अजेयता और वर्ल्ड लेवल पर विदेशी पहलवानों को हराने की अचीवमेंट उन्हें समान बनाती हैं. दोनों ने भारतीय कुश्ती की ताकत को साबित किया. 55 साल की उम्र में कुश्ती से लिया सन्यासदारा सिंह ने 20वीं सदी में आजाद भारत में कुश्ती को पॉपुलर बनाया. उनकी फिल्में और टीवी पर मौजूदगी ने उन्हें एक बड़ा मंच दिया. दारा सिंह से जुड़ी एक दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने 200 किलो के वजन वाले ऑस्ट्रेलियाई पहलवान किंग कॉन्ग को रिंग से उठाकर बाहर फेंक दिया, जिसके बाद वे रातोंरात सुपरस्टार बन गए थे. 55 साल की उम्र में दारा सिंह ने कुश्ती में खेले गए आखिरी मुकाबले में जीत हासिल कर संन्यास लिया. मुमताज के साथ 16 फिल्मों में काम कियासंन्यास के बाद उन्होंने बॉलीवुड की ओर दस्तक दी. उन्होंने हिंदी सिनेमा में साल 1952 में फिल्म 'संगदिल' से बॉलीवुड में डेब्यू किया, जिसमें दिलीप कुमार और मधुबाला जैसे सितारे थे. दारा सिंह ने एक्ट्रेस मुमताज के साथ 16 फिल्मों में काम किया, जिनमें से 10 सुपरहिट रहीं. उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया. उनके बीच अफेयर की अफवाहें भी उड़ी थीं. उनकी आखिरी फिल्म 'जब वी मेट' (2007) थी, जिसमें उन्होंने करीना कपूर के दादाजी का किरदार निभाया. हनुमान के रोल के लिए नॉन-वेज खाना छोड़ादारा सिंह ने रामानंद सागर के सीरियल 'रामायण' में हनुमान का किरदार निभाकर घर-घर में पॉपुलैरिटी हासिल की. इस रोल के लिए उन्होंने नॉन-वेज खाना छोड़ दिया था. बड़े पर्दे से लेकर छोटे पर्दे पर काम कर चुके दारा सिंह संसद भी पहुंचे. वो पहले स्पोर्ट्सपर्सन थे, जिन्हें 2003-2009 तक राज्यसभा सदस्य के लिए नॉमिनेट किया गया. वे जाट महासभा के अध्यक्ष भी रहे.

भारत के दारा सिंह, जिन्हें 'रुस्तम-ए-पंजाब' और 'रुस्तम-ए-हिंद' के खिताब से नवाजा गया. वो भारतीय पहलवानी और मनोरंजन जगत के एक अनमोल रत्न थे. उनकी शारीरिक बनावट, ताकत और कुश्ती में महारत ने उन्हें अपने समय का अजेय पहलवान बनाया. दारा सिंह ने न सिर्फ भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहलवानी का लोहा मनवाया.
वर्ल्ड लेवल पर बड़े-बड़े पहलवानों को चित कर दारा सिंह ने भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया. भारत में दारा सिंह एक ऐसी शख्सियत हुए जिन्होंने पहलवानी के अलावा, एक्टिंग भी की. उन्हें रामांनद सागर की 'रामायण' में हनुमान के किरदार के लिए जाना जाता है. दारा सिंह का ये किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है.
गामा पहलवान से होती थी दारा सिंह की तुलना
दारा सिंह ने 12 जुलाई 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. वो भारत के ऐसे पहलवान हुए जिनकी तुलना गामा पहलवान से होती रही. उन्होंने लगभग 500 कुश्ती मुकाबले लड़े और कभी हार नहीं मानी. 1968 में उन्होंने अमेरिकी पहलवान लाऊ थेज को हराकर वर्ल्ड फ्रीस्टाइल चैंपियनशिप जीती, जिसने उन्हें पहला भारतीय वर्ल्ड चैंपियन बनाया. गामा पहलवान अपने करियर में कभी कोई मुकाबला नहीं हारे. दोनों को अजेयता और वर्ल्ड लेवल पर विदेशी पहलवानों को हराने की अचीवमेंट उन्हें समान बनाती हैं. दोनों ने भारतीय कुश्ती की ताकत को साबित किया.
55 साल की उम्र में कुश्ती से लिया सन्यास
दारा सिंह ने 20वीं सदी में आजाद भारत में कुश्ती को पॉपुलर बनाया. उनकी फिल्में और टीवी पर मौजूदगी ने उन्हें एक बड़ा मंच दिया. दारा सिंह से जुड़ी एक दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने 200 किलो के वजन वाले ऑस्ट्रेलियाई पहलवान किंग कॉन्ग को रिंग से उठाकर बाहर फेंक दिया, जिसके बाद वे रातोंरात सुपरस्टार बन गए थे. 55 साल की उम्र में दारा सिंह ने कुश्ती में खेले गए आखिरी मुकाबले में जीत हासिल कर संन्यास लिया.
मुमताज के साथ 16 फिल्मों में काम किया
संन्यास के बाद उन्होंने बॉलीवुड की ओर दस्तक दी. उन्होंने हिंदी सिनेमा में साल 1952 में फिल्म 'संगदिल' से बॉलीवुड में डेब्यू किया, जिसमें दिलीप कुमार और मधुबाला जैसे सितारे थे. दारा सिंह ने एक्ट्रेस मुमताज के साथ 16 फिल्मों में काम किया, जिनमें से 10 सुपरहिट रहीं. उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया. उनके बीच अफेयर की अफवाहें भी उड़ी थीं. उनकी आखिरी फिल्म 'जब वी मेट' (2007) थी, जिसमें उन्होंने करीना कपूर के दादाजी का किरदार निभाया.
हनुमान के रोल के लिए नॉन-वेज खाना छोड़ा
दारा सिंह ने रामानंद सागर के सीरियल 'रामायण' में हनुमान का किरदार निभाकर घर-घर में पॉपुलैरिटी हासिल की. इस रोल के लिए उन्होंने नॉन-वेज खाना छोड़ दिया था. बड़े पर्दे से लेकर छोटे पर्दे पर काम कर चुके दारा सिंह संसद भी पहुंचे. वो पहले स्पोर्ट्सपर्सन थे, जिन्हें 2003-2009 तक राज्यसभा सदस्य के लिए नॉमिनेट किया गया. वे जाट महासभा के अध्यक्ष भी रहे.
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