कल्पना पटवारी का नया छठ गीत ‘माई के अनादर’ रिलीज होते ही हुआ वायरल, समाज को दिखाया आईना
भोजपुरी संगीत जगत की मशहूर फोक सिन्गर कल्पना पटवारी ने इस बार छठ पर्व के मौके पर एक ऐसा गीत पेश किया है जिसने लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया है. उनका नया छठ गीत 'माई के अनादर' रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. ये गीत सिर्फ एक भक्ति गीत नहीं, बल्कि एक सोशल मैसेज है जो मॉडर्निटी की अंधी दौड़ में खोती जा रही फैमिली सेंटिमेंट को उजागर करता है कल्पना पटवारी ने अपनी गायकी के माध्यम से इस विषय को ऐसा रूप दिया है कि सुनने वाले भावनाओं में डूब जाते हैं. कल्पना पटवारी की गायकी में झलकता समाज का सचगीत 'माई के अनादर' में दिखाया गया है कि आज का समाज किस तरह उन माताओं को ओल्ड ऐज होम भेज देता है, जिन्होंने जीवनभर अपने बच्चों के लिए सब कुछ त्याग दिया. गीत में उस दर्द को आवाज दी गई है जो हर उस माँ के दिल में बसती है जिसे अपने ही बच्चे बुढ़ापे में अकेला छोड़ देते हैं. कल्पना पटवारी की गायकी में वह दया, वह इमोशनल गहराई झलकती है जो सीधे दिल को छूती है. गीत के बोल लिखे हैं अशोक शिवपुरी ने, जबकि संगीत निर्देशन दीपक ठाकुर और स्वयं कल्पना पटवारी ने किया है. असली वृद्धाश्रम में शूट हुआ यह वीडियोवीडियो के निर्देशन की कमान पवन पाल ने संभाली है. गीत का फिल्मांकन सिल्वर लाइनिंग ओल्ड ऐज होम में किया गया है, जहां असली बूढ़ी मां की भावनाओं को कैमरे में उतारा गया है. इस गीत में शैलेन्द्र सिंह, शारदा सिंह और स्वयं कल्पना पटवारी ने अपनी छू लेने वाली अदाकारी से गीत की आत्मा को जीवंत किया है. छठ पूजा जैसे पवित्र पर्व पर यह गीत समाज को सोचने के लिए मजबूर करता है. सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह गीत'माई के अनादर' न सिर्फ भोजपुरी संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हो रहा है बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी लाखों बार देखा जा चुका है. लोग इस गीत को 2025 का सबसे इमोशनल छठ गीत कह रहे हैं.
भोजपुरी संगीत जगत की मशहूर फोक सिन्गर कल्पना पटवारी ने इस बार छठ पर्व के मौके पर एक ऐसा गीत पेश किया है जिसने लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया है. उनका नया छठ गीत 'माई के अनादर' रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
ये गीत सिर्फ एक भक्ति गीत नहीं, बल्कि एक सोशल मैसेज है जो मॉडर्निटी की अंधी दौड़ में खोती जा रही फैमिली सेंटिमेंट को उजागर करता है कल्पना पटवारी ने अपनी गायकी के माध्यम से इस विषय को ऐसा रूप दिया है कि सुनने वाले भावनाओं में डूब जाते हैं.
कल्पना पटवारी की गायकी में झलकता समाज का सच
गीत 'माई के अनादर' में दिखाया गया है कि आज का समाज किस तरह उन माताओं को ओल्ड ऐज होम भेज देता है, जिन्होंने जीवनभर अपने बच्चों के लिए सब कुछ त्याग दिया. गीत में उस दर्द को आवाज दी गई है जो हर उस माँ के दिल में बसती है जिसे अपने ही बच्चे बुढ़ापे में अकेला छोड़ देते हैं. कल्पना पटवारी की गायकी में वह दया, वह इमोशनल गहराई झलकती है जो सीधे दिल को छूती है. गीत के बोल लिखे हैं अशोक शिवपुरी ने, जबकि संगीत निर्देशन दीपक ठाकुर और स्वयं कल्पना पटवारी ने किया है.
असली वृद्धाश्रम में शूट हुआ यह वीडियो
वीडियो के निर्देशन की कमान पवन पाल ने संभाली है. गीत का फिल्मांकन सिल्वर लाइनिंग ओल्ड ऐज होम में किया गया है, जहां असली बूढ़ी मां की भावनाओं को कैमरे में उतारा गया है. इस गीत में शैलेन्द्र सिंह, शारदा सिंह और स्वयं कल्पना पटवारी ने अपनी छू लेने वाली अदाकारी से गीत की आत्मा को जीवंत किया है. छठ पूजा जैसे पवित्र पर्व पर यह गीत समाज को सोचने के लिए मजबूर करता है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह गीत
'माई के अनादर' न सिर्फ भोजपुरी संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हो रहा है बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी लाखों बार देखा जा चुका है. लोग इस गीत को 2025 का सबसे इमोशनल छठ गीत कह रहे हैं.
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