अपनी बोली,अपनी मिट्टी से जुड़कर बिग बॉस तक पहुंचने वाली शिवानी कुमारी का सफर…
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खेत खलिहान,आंबेडकर प्रतिमा के साथ देसी अंदाज में रील बनाने वाली एक लड़की आज बिग बॉस के सेट पर पहुंच चुकी है। ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी छोटे जिले से कोई कंटेस्टेंट पहुंचा है।। मगर इस लड़की की कहानी कुछ अलग है जिसे आपको जानना चाहिए।
सोशल मीडिया पर इनफ्लूएंसर्स की बाढ़ सी आ गई है। रोज कोई न कोई रील बनाने वाला फेमस हो रहा है। फेमस होने के लिए ये क्रिएटर्स सोशल मीडिया पर कुछ भी करते दिखाई दे जाते हैं। कुछ के कंटेंट अच्छे भी होते हैं तो कुछ बस व्यूज और फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए काम करते हैं। सोशल मीडिया की इस भेडचाल ने बहुतों को कला के मूलरूप से काट कर रख दिया है। कोई कुछ भी करने को तैयार है।
अश्लील भाषा हो या अश्लील प्रदर्शन,ज्यादातर क्रिएटर्स इसकी जद में आते जा रहे हैं, मगर कुछ लोग हैं जो कला और नुमाइश के अंतर को बेहतर समझते और जानते है। धैर्य के साथ आगे बढ़ते हैं और उस मुकाम तक पहुंचते हैं जहां पहुंचकर वो अपनी संस्कृति,बोली,भाषा का मान ऊंचा करते हैं। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले की रहने वाली शिवानी कुमारी ने बिग बॉस में जाकर यही सिद्ध किया है कि सहजता,सरलता और सभ्य प्रदर्शन से भी बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है।
एक छोटे से गांव की लड़की,जिसके सर से उसके पिता का बचपन में ही साया उठ गया। मां के साथ अपनी तीन बहनों के साथ जिंदगी बिताने वाली शिवानी कुमारी ने जब टिक टॉक पर वीडियो बनाना शुरू किया तो आस पास के लोगों ने वही ताना देना शुरू किया जो हमेशा से लड़कियों को दिया जाता रहा है। मगर शिवानी ने लोगों की बातों का ध्यान नहीं दिया और अपने ठेठ गंवई अंदाज में दर्शकों को लुभाती रही। उनके वीडियो में देसीपना है,ग्रामीण झलक है और कला की सभ्य सुंदरता है जो लोगों को लुभाती है।
बिग बॉस ओटीटी ३ के आगाज पर जब वो अनिल कपूर के सामने पहुंचती हैं तो रोने लगती हैं। अपने सपने को पूरा होते देख शिवानी कुमारी की आंखों में जो आंसू हैं वो उन हजारों लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो समाज के तानों से हिचकिचा जाती हैं। गांव की छोरी अपने देसी अंदाज से अब देश के सबसे बड़े रियलिटी शो में दिखने जा रही है।
खेत खलिहान में काम करने से लेकर अपने गांव की संस्कृति और बोली भाषा में शिवानी खूब वीडियो बनाती रही हैं। ' हेलो गाइज, हाउ आर यू ' बोलकर वो लाखो करोड़ों लोगों के दिलों पर छा गई। आज भी जब लोग उनका साक्षात्कार कर रहे हैं तो यही वाक्य सुनना चाह रहे हैं। शिवानी दलित समाज से आती है और समय समय पर उनके वीडियो आंबेडकर जी की प्रतिमा के साथ भी दिखाई देते रहे हैं इससे पता चलता है कि वो अपने समाज के प्रति भी काफी सजग हैं।
शिवानी कुमारी के वीडियो अन्य रील बनाने वालों से काफी अलग हैं। वो अपनी मिट्टी से गहराई से जुड़ी हैं। उनके अंदर ग्रामीण बोध है और अपने जमीन से जुड़ी संवेदनाएं भी है। अश्लीलता और दिखावे से दूर सहज और सरल अंदाज में देसी पहनावे के साथ आने वाले उनके वीडियो हमेशा से पसंद किए जाते रहे हैं। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर कमेंट करने वालों में समझदार दर्शक भी हैं। अनिल कपूर के साथ उनके वीडियो पर काफी ब्लू टिक वाले यूजर्स के भी अच्छे कॉमेंट आए हैं।
शिवानी ने आज के दौर में सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर अपने कला का प्रदर्शन करने वाले लोगों को ये बता दिया कि कला की खूबसूरती अपनी मिट्टी से जुड़े रहकर अपनी बोली भाषा और संस्कृति से है न कि कला के नाम पर कुछ भी परोस देने में। व्यूज के चक्कर में लोग कला के नाम पर अश्लील सामग्री परोसने लगते हैं। बिगड़ी भाषा बोलने लगते हैं। ऐसा करने से हम व्यूज और फॉलोअर्स जरूर बढ़ा सकते हैं मगर इज्जत,मान सम्मान हासिल नहीं कर सकते हैं।
शिवानी कुमारी जब अपने गांव से विदाई ले रही थी तो उनके परिवार के साथ पूरे गांव के लोगों की आंखें नम थीं। वो अपने पिता को भी याद करते हुए एक वीडियो पोस्ट करती हैं और लिखती हैं - ’ पापा अगर आज आप होते तो मुझे इस मुकाम पर देखकर कितने खुश होते '। शिवानी अपने गांव के बूढ़े बुजुर्गों के साथ बात करते हुए दिखती हैं। गांव की परंपराओं और रीति रिवाजों के साथ वीडियो बनाती है। वो आज की मॉडर्न लड़कियों से अलग लीक पर चलती हैं।
शिवानी ने २०१८ से इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाना शुरू किया था। इंस्टाग्राम पर उनके चार मिलियन फॉलोअर्स है तो यू ट्यूब पर २२ लाख लोगों का परिवार है। शिवानी कुमारी ऑफिशियल नाम से उनका यू ट्यूब अकाउंट है जिसपर अभी तक करीब साढ़े चार सौ वीडियो पड़ चुके हैं।
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