Mahesh Kale ने बताया कैसे उन्होंने सीखा Indian Classical Music कहा, "मैं अपने गुरु का आखरी शिष्य था"
इस interview में famous classical singer Mahesh Kale ने अपनी singing journey के बारे में detail में बात की.Mahesh Kale ने अपने नए Marathi गाने Abhangwari के बारे में भी बात की, उन्होंने बताया ये गाना उन भक्तों के लिए है जो हर साल Ekadashi में Pandalpur तक पैदल जाते हैं.Mahesh ने बताया कि उन्होंने ये गाना खुद गाया है, लिखा है और compose भी किया है. Mahesh ने बताया कि वो अपने देश के culture को बाहर के देशो तक भी लेके जाना चाहते हैं ताकि सबको Bharat देश की heritage और culture के बारे में पता लग सके.अपनी journey के बारे में बात करते हुए Mahesh ने बताया कि उन्होंने अपनी education एक Gurukul से की है, जहाँ वो अपने गुरु के साथ रह कर संगीत सीखते थे.Mahesh ने ये भी बताया कि वो सुबह 3 बजे उठ कर riyaaz करते थे और इस चीज ने उनके संगीत को भी बहुत निखारा.
इस interview में famous classical singer Mahesh Kale ने अपनी singing journey के बारे में detail में बात की.
Mahesh Kale ने अपने नए Marathi गाने Abhangwari के बारे में भी बात की, उन्होंने बताया ये गाना उन भक्तों के लिए है जो हर साल Ekadashi में Pandalpur तक पैदल जाते हैं.
Mahesh ने बताया कि उन्होंने ये गाना खुद गाया है, लिखा है और compose भी किया है.
Mahesh ने बताया कि वो अपने देश के culture को बाहर के देशो तक भी लेके जाना चाहते हैं ताकि सबको Bharat देश की heritage और culture के बारे में पता लग सके.
अपनी journey के बारे में बात करते हुए Mahesh ने बताया कि उन्होंने अपनी education एक Gurukul से की है, जहाँ वो अपने गुरु के साथ रह कर संगीत सीखते थे.
Mahesh ने ये भी बताया कि वो सुबह 3 बजे उठ कर riyaaz करते थे और इस चीज ने उनके संगीत को भी बहुत निखारा.
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