Birthday Special: कोरस गायक से भजन सम्राट बनने तक कैसा रहा अनुप जलोटा का सफर? पर्सनल लाइफ हमेशा रही चर्चे में
‘भजन सम्राट’ अनूप जलोटा का 29 जुलाई को जन्मदिन है, जिन्होंने अपनी मखमली आवाज और भक्ति भजनों से लाखों दिलों को छुआ. कोरस गायक से लेकर भक्ति संगीत की दुनिया में शिखर तक पहुंचने वाले अनूप जलोटा की जिंदगी एक प्रेरक कहानी है. कोरस गायन से शुरुआत करने के बाद 'भजन सम्राट' का तमगा हासिल करने वाले अनूप जलोटा की निजी जिंदगी भी सुर्खियों में रही. उनके भक्ति भजन संगीत की दुनिया में एक अलग पहचान बनाने में सफल रहे. संगीत का सफर अनूप जलोटा का जन्म 29 जुलाई 1953 को नैनीताल में हुआ था. उनके पिता पुरुषोत्तम दास जलोटा भी एक प्रसिद्ध भजन गायक थे, जिनसे अनूप को संगीत की प्रेरणा मिली. शुरुआती दिनों में अनूप ने ऑल इंडिया रेडियो में कोरस गायक के रूप में करियर की शुरुआत की थी, लेकिन उनकी प्रतिभा ने जल्द ही उन्हें मुख्य मंच तक पहुंचा दिया. View this post on Instagram A post shared by The Lallantop (@thelallantop) ऑल इंडिया रेडियो में बतौर कोरस सिंगर करियर की शुरुआत करने वाले अनूप जलोटा के फिल्मी करियर की बात करें तो उन्हें दिवंगत अभिनेता मनोज कुमार की वजह से इंडस्ट्री में पहचान मिली. दरअसल, मनोज कुमार को 'भजन सम्राट की आवाज बहुत पसंद आई और उन्होंने अपनी फिल्म ‘शिरडी के साई बाबा’ में उनको गाने के लिए चुना. फिल्म के साथ ही अनूप का गाना भी लोगों को काफी पसंद आया. भजनों से बनी खास पहचान 'ऐसी लागी लगन’, ‘जग में सुन्दर है दो नाम’, ‘प्रभुजी तुम चंदन हम पानी’, ‘चदरिया झीनी रे झीनी’, और ‘राधा के बिना श्याम आधा’ जैसे उनके भजनों ने उन्हें भक्ति संगीत का सम्राट बना दिया. इन भजनों ने श्रोताओं को आध्यात्मिक शांति और भक्ति के रंग में डुबो दिया. अनूप ने न केवल भजनों से नाम कमाया, बल्कि उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में भी गाने गाए और संगीत दिया. उनकी आवाज में एक खास जादू है, जो श्रोताओं को भाव-विभोर कर देता है. हर पीढ़ी के बीच हैं लोकप्रिय उन्होंने शास्त्रीय संगीत और भक्ति संगीत को सहजता से जोड़ा, जिसने उन्हें हर आयु वर्ग के बीच लोकप्रिय बनाया. आज भी उनके भजन मंदिरों, घरों और आध्यात्मिक समारोहों में गूंजते हैं. हालांकि, अनूप जलोटा की निजी जिंदगी भी कम चर्चा में नहीं रही. उन्होंने तीन शादियां कीं, जो हमेशा सुर्खियों में रहीं. उनकी पहली शादी उनकी शिष्या सोनाली सेठ से हुई, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला और दोनों का तलाक हो गया. इसके बाद अनूप ने बीना भाटिया से दूसरी शादी की, मगर यह भी लंबे समय तक नहीं टिकी. उनकी तीसरी शादी मेधा गुजराल से हुई, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की भतीजी थीं. मेधा के साथ उनका रिश्ता गहरा था, लेकिन साल 2014 में लिवर की बीमारी के कारण मेधा का निधन हो गया. बिग बॉस में आया विवादों का दौर अनूप जलोटा सलमान खान के रियलिटी शो 'बिग बॉस' के 12वें सीजन में भी शामिल हुए, जिससे ये सबसे ज्यादा लाइमलाइट में आए थे क्योंकि इसमें इनका और जसलीन मथारू का लव एंगल देखने को मिला था. हालांकि, गायक ने खुलासा करते हुए बताया कि शो में जो दिखाया गया, वो सच नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने इसे 'फेक' और 'स्क्रिप्टेड' भी बताया. अनूप की निजी जिंदगी की ये घटनाएं हमेशा चर्चा का विषय रहीं, फिर भी उन्होंने अपने संगीत के प्रति समर्पण कभी कम नहीं होने दिया. 71 साल की उम्र में भी अनूप जलोटा संगीत की दुनिया में सक्रिय हैं. उनके भजन आज भी लोगों को आध्यात्मिकता से जोड़ते हैं.

‘भजन सम्राट’ अनूप जलोटा का 29 जुलाई को जन्मदिन है, जिन्होंने अपनी मखमली आवाज और भक्ति भजनों से लाखों दिलों को छुआ. कोरस गायक से लेकर भक्ति संगीत की दुनिया में शिखर तक पहुंचने वाले अनूप जलोटा की जिंदगी एक प्रेरक कहानी है.
कोरस गायन से शुरुआत करने के बाद 'भजन सम्राट' का तमगा हासिल करने वाले अनूप जलोटा की निजी जिंदगी भी सुर्खियों में रही. उनके भक्ति भजन संगीत की दुनिया में एक अलग पहचान बनाने में सफल रहे.
संगीत का सफर
अनूप जलोटा का जन्म 29 जुलाई 1953 को नैनीताल में हुआ था. उनके पिता पुरुषोत्तम दास जलोटा भी एक प्रसिद्ध भजन गायक थे, जिनसे अनूप को संगीत की प्रेरणा मिली. शुरुआती दिनों में अनूप ने ऑल इंडिया रेडियो में कोरस गायक के रूप में करियर की शुरुआत की थी, लेकिन उनकी प्रतिभा ने जल्द ही उन्हें मुख्य मंच तक पहुंचा दिया.
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ऑल इंडिया रेडियो में बतौर कोरस सिंगर करियर की शुरुआत करने वाले अनूप जलोटा के फिल्मी करियर की बात करें तो उन्हें दिवंगत अभिनेता मनोज कुमार की वजह से इंडस्ट्री में पहचान मिली. दरअसल, मनोज कुमार को 'भजन सम्राट की आवाज बहुत पसंद आई और उन्होंने अपनी फिल्म ‘शिरडी के साई बाबा’ में उनको गाने के लिए चुना. फिल्म के साथ ही अनूप का गाना भी लोगों को काफी पसंद आया.
भजनों से बनी खास पहचान
'ऐसी लागी लगन’, ‘जग में सुन्दर है दो नाम’, ‘प्रभुजी तुम चंदन हम पानी’, ‘चदरिया झीनी रे झीनी’, और ‘राधा के बिना श्याम आधा’ जैसे उनके भजनों ने उन्हें भक्ति संगीत का सम्राट बना दिया. इन भजनों ने श्रोताओं को आध्यात्मिक शांति और भक्ति के रंग में डुबो दिया.
अनूप ने न केवल भजनों से नाम कमाया, बल्कि उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में भी गाने गाए और संगीत दिया. उनकी आवाज में एक खास जादू है, जो श्रोताओं को भाव-विभोर कर देता है.
हर पीढ़ी के बीच हैं लोकप्रिय
उन्होंने शास्त्रीय संगीत और भक्ति संगीत को सहजता से जोड़ा, जिसने उन्हें हर आयु वर्ग के बीच लोकप्रिय बनाया. आज भी उनके भजन मंदिरों, घरों और आध्यात्मिक समारोहों में गूंजते हैं.
हालांकि, अनूप जलोटा की निजी जिंदगी भी कम चर्चा में नहीं रही. उन्होंने तीन शादियां कीं, जो हमेशा सुर्खियों में रहीं. उनकी पहली शादी उनकी शिष्या सोनाली सेठ से हुई, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला और दोनों का तलाक हो गया. इसके बाद अनूप ने बीना भाटिया से दूसरी शादी की, मगर यह भी लंबे समय तक नहीं टिकी. उनकी तीसरी शादी मेधा गुजराल से हुई, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की भतीजी थीं. मेधा के साथ उनका रिश्ता गहरा था, लेकिन साल 2014 में लिवर की बीमारी के कारण मेधा का निधन हो गया.
बिग बॉस में आया विवादों का दौर
अनूप जलोटा सलमान खान के रियलिटी शो 'बिग बॉस' के 12वें सीजन में भी शामिल हुए, जिससे ये सबसे ज्यादा लाइमलाइट में आए थे क्योंकि इसमें इनका और जसलीन मथारू का लव एंगल देखने को मिला था. हालांकि, गायक ने खुलासा करते हुए बताया कि शो में जो दिखाया गया, वो सच नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने इसे 'फेक' और 'स्क्रिप्टेड' भी बताया.
अनूप की निजी जिंदगी की ये घटनाएं हमेशा चर्चा का विषय रहीं, फिर भी उन्होंने अपने संगीत के प्रति समर्पण कभी कम नहीं होने दिया. 71 साल की उम्र में भी अनूप जलोटा संगीत की दुनिया में सक्रिय हैं. उनके भजन आज भी लोगों को आध्यात्मिकता से जोड़ते हैं.
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