Birthday Special: एक्टिंग से लेकर राइटिंग तक, हर फन में माहिर थे कादर खान, जानें कैसे बने प्रोफेसर से एक्टर

बॉलीवुड की दुनिया में ऐसे कलाकार कम ही होते हैं जो हर तरह के किरदार को गहराई के साथ निभाते हैं. कादर खान उन्हीं चुनिंदा कलाकारों में से एक थे जिन्होंने कॉमेडी और विलेन दोनों ही भूमिकाओं में अपना अलग ही जलवा दिखाया. कादर खान ने विलेन के रोल निभाए, गंभीर भूमिकाएं अदा की और कॉमेडी भी की. हर भूमिका में वह फिट थे. इतना ही नहीं, उनके डॉयलॉग भी शानदार होते थे. इस तरह उनकी हरफनमौला प्रतिभा को फिल्म इंडस्ट्री में बहुत प्यार और सम्मान मिला. कादर खान का सफरकादर खान का जन्म 22 अक्टूबर 1937 को भारत के एक परिवार में हुआ था. बचपन में उनके परिवार को आर्थिक तंगी के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मां ने हमेशा यह सिखाया कि पढ़ाई ही इंसान को बड़ा बना सकती है. इसी सलाह को मानते हुए कादर खान ने अपनी पढ़ाई पूरी की और इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद वह मुंबई के एक कॉलेज में प्रोफेसर भी बने, लेकिन उनका दिल हमेशा अभिनय और नाटक की ओर था. 300 फिल्मों का अनुभव और 250 से ज्यादा डायलॉग्सकादर खान का अभिनय करियर फिल्म 'दाग' (1973) से शुरू हुआ. इस फिल्म में उन्होंने छोटी भूमिका निभाई थी, लेकिन उनके डायलॉग और एक्टिंग ने दर्शकों का ध्यान खींचा. बाद में उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा से भी सबका ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कई फिल्मों के डायलॉग लिखे, जो आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं. कादर खान ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और 250 से अधिक फिल्मों के डायलॉग लिखे. खलनायक और हंसाने वाले किरदारों के महारथी कादर खानउनका अभिनय कई बार विलेन के रोल में भी कमाल का था. फिल्मों जैसे 'मुकद्दर का सिकंदर', 'धरम वीर', और 'खून पसीना' में उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. वहीं, फिल्म 'मुझसे शादी करोगी' में उन्होंने 'दुग्गल साहब' का किरदार निभाकर सबका दिल जीत लिया. उनकी कॉमेडी प्रभावशाली होती थी और उनके डायलॉग्स में हास्य का अलग अंदाज छुपा रहता था. इसके साथ उनका डायलॉग-राइटिंग स्टाइल भी ऐसा था जिसमें गंभीरता और हास्य दोनों का मेल होता था. अमिताभ बच्चन के साथ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें उनकी दोनों खूबियां नजर आईं. बॉलीवुड के चमकते सितारे और हमेशा याद रहने वाली प्रतिभाकादर खान को उनके योगदान के लिए कई बार पुरस्कार मिले. 2019 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया. वह 9 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए भी नामांकित हुए. उनकी फिल्मों ने बॉलीवुड के सफर को और भी रंगीन बनाया. लेकिन, 31 दिसंबर 2018 को कनाडा में उनका निधन हो गया. उनकी मौत से फिल्म इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों को गहरा दुख हुआ. कादर खान ने न केवल अपनी प्रतिभा से, बल्कि अपने सरल और विनम्र स्वभाव से भी सभी के दिलों में एक खास जगह बनाई.

Oct 21, 2025 - 21:30
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Birthday Special: एक्टिंग से लेकर राइटिंग तक, हर फन में माहिर थे कादर खान, जानें कैसे बने प्रोफेसर से एक्टर

बॉलीवुड की दुनिया में ऐसे कलाकार कम ही होते हैं जो हर तरह के किरदार को गहराई के साथ निभाते हैं. कादर खान उन्हीं चुनिंदा कलाकारों में से एक थे जिन्होंने कॉमेडी और विलेन दोनों ही भूमिकाओं में अपना अलग ही जलवा दिखाया.

कादर खान ने विलेन के रोल निभाए, गंभीर भूमिकाएं अदा की और कॉमेडी भी की. हर भूमिका में वह फिट थे. इतना ही नहीं, उनके डॉयलॉग भी शानदार होते थे. इस तरह उनकी हरफनमौला प्रतिभा को फिल्म इंडस्ट्री में बहुत प्यार और सम्मान मिला.

कादर खान का सफर
कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर 1937 को भारत के एक परिवार में हुआ था. बचपन में उनके परिवार को आर्थिक तंगी के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मां ने हमेशा यह सिखाया कि पढ़ाई ही इंसान को बड़ा बना सकती है.

इसी सलाह को मानते हुए कादर खान ने अपनी पढ़ाई पूरी की और इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद वह मुंबई के एक कॉलेज में प्रोफेसर भी बने, लेकिन उनका दिल हमेशा अभिनय और नाटक की ओर था.

300 फिल्मों का अनुभव और 250 से ज्यादा डायलॉग्स
कादर खान का अभिनय करियर फिल्म 'दाग' (1973) से शुरू हुआ. इस फिल्म में उन्होंने छोटी भूमिका निभाई थी, लेकिन उनके डायलॉग और एक्टिंग ने दर्शकों का ध्यान खींचा. बाद में उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा से भी सबका ध्यान आकर्षित किया.

उन्होंने कई फिल्मों के डायलॉग लिखे, जो आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं. कादर खान ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और 250 से अधिक फिल्मों के डायलॉग लिखे.

खलनायक और हंसाने वाले किरदारों के महारथी कादर खान
उनका अभिनय कई बार विलेन के रोल में भी कमाल का था. फिल्मों जैसे 'मुकद्दर का सिकंदर', 'धरम वीर', और 'खून पसीना' में उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. वहीं, फिल्म 'मुझसे शादी करोगी' में उन्होंने 'दुग्गल साहब' का किरदार निभाकर सबका दिल जीत लिया.

उनकी कॉमेडी प्रभावशाली होती थी और उनके डायलॉग्स में हास्य का अलग अंदाज छुपा रहता था. इसके साथ उनका डायलॉग-राइटिंग स्टाइल भी ऐसा था जिसमें गंभीरता और हास्य दोनों का मेल होता था. अमिताभ बच्चन के साथ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें उनकी दोनों खूबियां नजर आईं.

बॉलीवुड के चमकते सितारे और हमेशा याद रहने वाली प्रतिभा
कादर खान को उनके योगदान के लिए कई बार पुरस्कार मिले. 2019 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया. वह 9 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए भी नामांकित हुए. उनकी फिल्मों ने बॉलीवुड के सफर को और भी रंगीन बनाया.

लेकिन, 31 दिसंबर 2018 को कनाडा में उनका निधन हो गया. उनकी मौत से फिल्म इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों को गहरा दुख हुआ. कादर खान ने न केवल अपनी प्रतिभा से, बल्कि अपने सरल और विनम्र स्वभाव से भी सभी के दिलों में एक खास जगह बनाई.

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