Birthday Special: आज जिस वजह से मिलता है प्यार, उसी एक्टिंग को बोझ समझते थे धनुष, उपवास रखते थे इससे बचने के लिए
मशहूर एक्टर धनुष आज पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि जिस अभिनय के लिए आज उन्हें इतना प्यार मिलता है, कभी उनके लिए यह एक बोझ की तरह था. अभिनय से बचने के लिए वह तरह-तरह के बहाने बनाते थे और जब वह बहाने काम नहीं आते तो भगवान की शरण में जाकर उपवास तक रखते थे, ताकि वह एक्टिंग स्कूल जाने से बच सकें. ये किस्सा उनकी जिंदगी के सबसे दिलचस्प पलों में से एक है. फिल्मी परिवार से हैं धनुष धनुष का असली नाम वेंकटेश प्रभु कस्तूरी राजा है. उनका जन्म 28 जुलाई 1983 को तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ था. वह एक फिल्मी परिवार से आते हैं. उनके पिता कस्तूरी राजा और उनके बड़े भाई सेल्वाराघवन एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं. फिल्मी घराने से होने के बावजूद उन्हें अभिनय से बिल्कुल भी प्यार नहीं था. वह बचपन में एक्टिंग से दूर भागते थे. उनकी दिलचस्पी कुकिंग में थी. वह शेफ बनना चाहते थे. जब उनके परिवार ने उन्हें एक्टिंग स्कूल भेजने की बात की, तो उन्होंने इसका विरोध किया और खाना तक छोड़ दिया. एक्टिंग स्कूल से बचने के लिए वह उपवास तक रखने लगे थे. मगर, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. परिवार के कहने पर धीरे-धीरे उन्होंने एक्टिंग की दुनिया को अपनाया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. थुल्लुवीधो इलमई से मिली पहचान धनुष ने अपने करियर की शुरुआत साल 2002 में फिल्म 'थुल्लुवाधो इलमई' से की, जिसे उनके पिता ने ही डायरेक्ट किया था. इसके बाद उन्होंने लगातार कई फिल्में कीं, लेकिन 2006 में आई फिल्म 'पुधुपेट्टई' से उन्हें खास पहचान मिली. इस फिल्म का निर्देशन उनके भाई ने किया था और इसमें उन्होंने गैंगस्टर की भूमिका निभाई थी. 2011 में रिलीज हुई फिल्म 'आदुकलम' उनके करियर में अहम मोड़ साबित हुई. इसमें उन्होंने एक मुर्गा लड़ाने वाले युवक की भूमिका निभाई थी और इसके लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला. इसी साल उन्होंने एक गाना गाया 'व्हाई दिस कोलावेरी डी', जो इंटरनेट पर बहुत वायरल हुआ. इसे सिर्फ 6 मिनट में लिखा गया और 35 मिनट में रिकॉर्ड किया गया था. यह गाना भारत का पहला यूट्यूब हिट बन गया, जिसे 100 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया. रांझणा से रखा बॉलीवुड में कदम 2013 में धनुष ने हिंदी फिल्म 'रांझणा' से बॉलीवुड में कदम रखा. इसमें उन्होंने बनारसी लड़के का किरदार निभाया और अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया. इसके बाद उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म 'शमिताभ', सारा अली खान और अक्षय कुमार के साथ 'अतरंगी रे' जैसी हिंदी फिल्में भी कीं. धनुष ने साउथ सिनेमा में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं, जिनमें 'मारी', 'कोडी', 'वाडा चेन्नई', 'वेलैइला पट्टाधारी', 'असुरन', और 'कर्णन' जैसी फिल्में शामिल हैं. 2019 में आई फिल्म 'असुरन' में उन्होंने एक गरीब किसान का किरदार निभाया, जिसके लिए उन्हें एक बार फिर नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला. हॉलीवुड में भी छोड़ी छाप सिर्फ साउथ और बॉलीवुड ही नहीं, धनुष ने 2022 में हॉलीवुड फिल्म 'द ग्रे मैन' में भी काम किया, जिसमें उन्होंने रयान गोसलिंग और क्रिस इवांस जैसे स्टार्स के साथ स्क्रीन शेयर की. धनुष आज के समय में सिर्फ तमिल सिनेमा में ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय और ग्लोबल फिल्म जगत में एक बड़ा नाम हैं. वह अपनी सादगी, मेहनत और टैलेंट की वजह से लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं.

मशहूर एक्टर धनुष आज पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि जिस अभिनय के लिए आज उन्हें इतना प्यार मिलता है, कभी उनके लिए यह एक बोझ की तरह था.
अभिनय से बचने के लिए वह तरह-तरह के बहाने बनाते थे और जब वह बहाने काम नहीं आते तो भगवान की शरण में जाकर उपवास तक रखते थे, ताकि वह एक्टिंग स्कूल जाने से बच सकें. ये किस्सा उनकी जिंदगी के सबसे दिलचस्प पलों में से एक है.
फिल्मी परिवार से हैं धनुष
धनुष का असली नाम वेंकटेश प्रभु कस्तूरी राजा है. उनका जन्म 28 जुलाई 1983 को तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ था. वह एक फिल्मी परिवार से आते हैं. उनके पिता कस्तूरी राजा और उनके बड़े भाई सेल्वाराघवन एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं.
फिल्मी घराने से होने के बावजूद उन्हें अभिनय से बिल्कुल भी प्यार नहीं था. वह बचपन में एक्टिंग से दूर भागते थे. उनकी दिलचस्पी कुकिंग में थी. वह शेफ बनना चाहते थे. जब उनके परिवार ने उन्हें एक्टिंग स्कूल भेजने की बात की, तो उन्होंने इसका विरोध किया और खाना तक छोड़ दिया.
एक्टिंग स्कूल से बचने के लिए वह उपवास तक रखने लगे थे. मगर, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. परिवार के कहने पर धीरे-धीरे उन्होंने एक्टिंग की दुनिया को अपनाया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
थुल्लुवीधो इलमई से मिली पहचान
धनुष ने अपने करियर की शुरुआत साल 2002 में फिल्म 'थुल्लुवाधो इलमई' से की, जिसे उनके पिता ने ही डायरेक्ट किया था. इसके बाद उन्होंने लगातार कई फिल्में कीं, लेकिन 2006 में आई फिल्म 'पुधुपेट्टई' से उन्हें खास पहचान मिली. इस फिल्म का निर्देशन उनके भाई ने किया था और इसमें उन्होंने गैंगस्टर की भूमिका निभाई थी.
2011 में रिलीज हुई फिल्म 'आदुकलम' उनके करियर में अहम मोड़ साबित हुई. इसमें उन्होंने एक मुर्गा लड़ाने वाले युवक की भूमिका निभाई थी और इसके लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला.
इसी साल उन्होंने एक गाना गाया 'व्हाई दिस कोलावेरी डी', जो इंटरनेट पर बहुत वायरल हुआ. इसे सिर्फ 6 मिनट में लिखा गया और 35 मिनट में रिकॉर्ड किया गया था. यह गाना भारत का पहला यूट्यूब हिट बन गया, जिसे 100 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया.
रांझणा से रखा बॉलीवुड में कदम
2013 में धनुष ने हिंदी फिल्म 'रांझणा' से बॉलीवुड में कदम रखा. इसमें उन्होंने बनारसी लड़के का किरदार निभाया और अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया. इसके बाद उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म 'शमिताभ', सारा अली खान और अक्षय कुमार के साथ 'अतरंगी रे' जैसी हिंदी फिल्में भी कीं.
धनुष ने साउथ सिनेमा में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं, जिनमें 'मारी', 'कोडी', 'वाडा चेन्नई', 'वेलैइला पट्टाधारी', 'असुरन', और 'कर्णन' जैसी फिल्में शामिल हैं. 2019 में आई फिल्म 'असुरन' में उन्होंने एक गरीब किसान का किरदार निभाया, जिसके लिए उन्हें एक बार फिर नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला.
हॉलीवुड में भी छोड़ी छाप
सिर्फ साउथ और बॉलीवुड ही नहीं, धनुष ने 2022 में हॉलीवुड फिल्म 'द ग्रे मैन' में भी काम किया, जिसमें उन्होंने रयान गोसलिंग और क्रिस इवांस जैसे स्टार्स के साथ स्क्रीन शेयर की.
धनुष आज के समय में सिर्फ तमिल सिनेमा में ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय और ग्लोबल फिल्म जगत में एक बड़ा नाम हैं. वह अपनी सादगी, मेहनत और टैलेंट की वजह से लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं.
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