'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर लगी रोक, दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया ये आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी है. यह फिल्म दर्जी कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित है और 11 जुलाई को रिलीज होनी थी. कोर्ट ने यह रोक तब तक के लिए लगाई है जब तक केंद्र सरकार इस फिल्म पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय नहीं ले लेती. दिल्ली हाई कोर्ट ने कही ये बात दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अपनी शिकायत लेकर दो दिनों के भीतर केंद्र सरकार के पास जाएं. ये याचिकाकर्ता वही हैं जो कन्हैया लाल हत्या मामले में आरोपी हैं. उन्होंने अदालत में दलील दी कि फिल्म की रिलीज से उनके निष्पक्ष ट्रायल (न्यायिक प्रक्रिया) पर असर पड़ेगा. कोर्ट ने कहा स्वीकार्य है कि याचिकाकर्ताओं ने अब तक केंद्र सरकार के पास उपलब्ध उपायों का सहारा नहीं लिया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया आदेश दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा चूंकि हम याचिकाकर्ताओं को पुनरीक्षण उपाय अपनाने के लिए कह रहे हैं इसलिए हम यह निर्देश देते हैं कि जब तक सरकार द्वारा अंतरिम राहत की अर्जी पर निर्णय नहीं हो जाता तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक रहेगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने दो दिन के भीतर जमीयत उलेमा हिन्द को केंद्र सरकार के पास अपील करने के लिए कहा वही अपील दायर होने के बाद 7 दिन के भीतर केंद्र सरकार से फ़िल्म के रिलीज पर फैसला लेने के लिए कहा है. साल 2022 में एनआईए ने की थी मामले की जांच उदयपुर निवासी दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों ने हत्या के बाद एक वीडियो जारी कर कहा था कि यह कार्रवाई पूर्व बीजेपी नेता नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने को लेकर की गई थी. यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांचा गया और आरोपियों पर सख्त गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. फिलहाल यह मुकदमा जयपुर स्थित विशेष NIA अदालत में लंबित है. ये भी पढ़ें -किसी को आया कॉल, तो किसी पर चली गोलियां...कपिल शर्मा से पहले गैंगस्टर के निशाने पर आ चुके हैं ये पंजाबी स्टार्स

दिल्ली हाईकोर्ट ने 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी है. यह फिल्म दर्जी कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित है और 11 जुलाई को रिलीज होनी थी. कोर्ट ने यह रोक तब तक के लिए लगाई है जब तक केंद्र सरकार इस फिल्म पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय नहीं ले लेती.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कही ये बात
दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अपनी शिकायत लेकर दो दिनों के भीतर केंद्र सरकार के पास जाएं. ये याचिकाकर्ता वही हैं जो कन्हैया लाल हत्या मामले में आरोपी हैं. उन्होंने अदालत में दलील दी कि फिल्म की रिलीज से उनके निष्पक्ष ट्रायल (न्यायिक प्रक्रिया) पर असर पड़ेगा. कोर्ट ने कहा स्वीकार्य है कि याचिकाकर्ताओं ने अब तक केंद्र सरकार के पास उपलब्ध उपायों का सहारा नहीं लिया है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा चूंकि हम याचिकाकर्ताओं को पुनरीक्षण उपाय अपनाने के लिए कह रहे हैं इसलिए हम यह निर्देश देते हैं कि जब तक सरकार द्वारा अंतरिम राहत की अर्जी पर निर्णय नहीं हो जाता तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक रहेगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने दो दिन के भीतर जमीयत उलेमा हिन्द को केंद्र सरकार के पास अपील करने के लिए कहा वही अपील दायर होने के बाद 7 दिन के भीतर केंद्र सरकार से फ़िल्म के रिलीज पर फैसला लेने के लिए कहा है.
साल 2022 में एनआईए ने की थी मामले की जांच
उदयपुर निवासी दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों ने हत्या के बाद एक वीडियो जारी कर कहा था कि यह कार्रवाई पूर्व बीजेपी नेता नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने को लेकर की गई थी. यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांचा गया और आरोपियों पर सख्त गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. फिलहाल यह मुकदमा जयपुर स्थित विशेष NIA अदालत में लंबित है.
ये भी पढ़ें -किसी को आया कॉल, तो किसी पर चली गोलियां...कपिल शर्मा से पहले गैंगस्टर के निशाने पर आ चुके हैं ये पंजाबी स्टार्स
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