आज बाॅलीवुड में अच्छी कहानियों की बहुत कमी है, मैं अच्छी कहानियों पर काम करना चाहता हूं: सूरज सूर्य मिश्रा
मुम्बई। लोग बाॅलीवुड में एक्टर, राइटर या डायरेक्टर बनने आते हैं मगर मैं एक ब�...
मुम्बई। लोग बाॅलीवुड में एक्टर, राइटर या डायरेक्टर बनने आते हैं मगर मैं एक बेहतर प्रोड्यूसर बनने आया हूं और मेरे लिए एक्टर से ज्यादा स्टोरी महत्वपूर्ण है इसलिए मैं कृष्णा शान्ति प्रोडक्शन हाउस के अंतर्गत अच्छी और विशुद्ध कहानियों पर फिल्म निर्माण का कार्य शुरू किया है। फिल्म ‘इश्क़ पश्मीना‘ कृष्णा शान्ति प्रोडक्शन इसी विचार का एक साकार रूप है।
मूलतः उत्तरप्रदेश के लखनऊ शहर के रहने वाले सूरज सूर्य मिश्रा बचपन में एक्टर बनना चाहते थे। गोविन्दा उनके पसन्दीदा हीरो हुआ करते थे। मगर जिन्दगी के जद्दोजहद में सूरज सूर्य का एक्टर बनने का सपना कहीं दब गया और वो उत्तरप्रदेश के एक जाने माने व्यवसायी और समाज सेवक बन गये। रियल स्टेट और ट्रान्सपोर्ट के बिजनेस में इन्होंने खूब कामयाबी पाई। व्यापार में एक मकाम बनाने के बाद सूरज सूर्य मिश्रा ने अपने बचपन के सपने को सकार करने की सोची मगर इस बार वह एक्टर नहीं बल्कि प्रोड्यूसर बनना चाहते थे। अपने इसी विचार को आधार बनाते हुए सूरज सूर्य ने अपनी पत्नी शालू मिश्रा के साथ मिलकर साल 2021 में अपने माता-पिता की स्मृति में कृष्णा शान्ति प्रोडक्शन की नींव रखी।
फिल्म ‘इश्क़ पश्मीना‘ कृष्णा शान्ति प्रोडक्शन का पहला प्रयास है। इस फिल्म को बनाने में सूरज सूर्य और उनकी टीम ने दिन रात एक करके काम किया है। सूरज सूर्य ने अपनी समझ से एक बेहतरीन कहानी पर काम किया है। जो प्रेम की गहरी संवेदनाओं से भरी हुई है। सूरज सूर्य और शालू को नये टैलेन्ट पर ज्यादा भरोसा है उनका मानना है कि नये लोग पूरी शिद्दत से काम को करते हैं। उनमें बेस्ट करने का जुनून होता है। फिल्म 'इश्क़ पश्मीना' में फेमस इन्फ्लूवेन्सर भाविन भानुशाली और मालती चाहर मुख्य भूमिकाओं में है। इसमें ज़रीना वहाब और बृजेन्द्र काला बेहद अहम रोल में हैं जबकि कायनात अरोड़ा ने आइटम सॉन्ग किया है। इतना ही नहीं सूरज सूर्य ने अपनी इस पहली फिल्म में उत्तर प्रदेश खासकर लखनऊ के कई कलाकारों को अच्छा मौका दिया है। इस फिल्म के लेखक और निर्देशक अरविन्द पाण्डेय हैं जो लखनऊ के रहने वाले हैं। फिल्म की पूरी टीम माइनस 5 डीग्री तापमान पर भी पूरी ऊर्जा से काम करते रहे और तय समय में फिल्म की शूटिंग को पूरा कर पाये।
सूरज सूर्य का कहना है कि अगर हमारे साथ स्त्री शक्ति हो तो हम बड़े से बड़े काम को आसानी से कर सकते हैं, इस काम में शक्ति स्वरूपा मेरी पत्नी शालू मिश्रा मुझे और मेरी टीम को प्रेरणा देती रहती हैं। इस फिल्म के डीओपी नवीन मिश्रा, कास्टिंग डायरेक्टर मितुल पटेल और एडीटर राजेश पाण्डेय हैं।
शालू मिश्रा ने बताया कि इस फिल्म में कुल पांच गाने हैं जिसे शाम-बलकार और शाश्वत प्रखर भारद्धाज ने कंपोज किया है जबकि गीतों को शाम-बलकार और अरविन्द पाण्डेय ने लिखा है। गीतों को जावेद अली, पलक मुच्छल, यासिर देसाई, राज बर्मन, साक्षी होलकर और प्रतीक्षा श्रीवास्तव ने अपनी आवाज दी है।
सूरज सूर्य को अपनी इस फिल्म से बहुत उम्मीदें हैं, उनका मानना है कि आज ज़्यादातर बॉलीवुड की बड़ी फिल्में दर्शकों को पसन्द नहीं आ रही है इसके पीछे वजह है अच्छी कहानी का न होना और फिल्म में इमोशन्स का न होना। आज यहाँ के मेकर कहानियों पर काम नहीं करके हाॅलीवुड और टाॅलीवुड की फिल्मों की काॅपी करने में लगे हैं जो कि हिन्दी सिनेमा और हिन्दी सिने प्रेमियों के लिए कतई ठीक नहीं है।
सूरज सूर्य मिश्रा एवं शालू मिश्रा की राय में देश में अच्छे टैलेन्ट्स की कमी नहीं मगर उन्हें सही ब्रेक नही मिल रहा है। हम अपनी हर फिल्म में कम से कम 10 नये कलाकारों को उनके टैलेन्ट के अनुसार अवश्य मौका देंगे।
फिलहाल हमारी पहली प्राथमिकता 'इश्क़ पश्मीना' को एक कामयाब फिल्म बनाना है। क्योंकि फिल्म बनाना तो यहां आसान है मगर फिल्म को अच्छे ढंग से रिलीज करना बड़ा कठिन काम है।
'इश्क पश्मीना' आगामी 23 सितम्बर को पूरे देश में रिलीज हो रही है।
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