9th June 2023, Mumbai: कृति सेनन (Kriti Sanon) इन दिनों एक कॉन्ट्रोवर्सी के चलते चर्चा में हैं. अभिनेत्री इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) के प्रमोशन में जुटी हैं, जिसमें वह ‘माता सीता’ के किरदार में दिखाई देंगी. इस किरदार में कृति खूब जंच रही हैं, लेकिन हाल ही में कुछ ऐसा हो गया कि वह ट्रोल्स के निशाने पर आ गईं. वजह थे फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत. दरअसल, कृति सेनन से हाल ही में फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत जब मंदिर परिसर में मिले तो उन्होंने अभिनेत्री को गले लगाया और फिर ‘KISS’ कर लिया, ये पूरा वीडियो कैमरे में भी कैद हो गया और जैसे ही यह सामने आया, सोशल मीडिया पर बवाल मच गया. यूजर्स ने इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला वाकया बताते हुए अभिनेत्री को ट्रोल करना शुरू कर दिया.
कृति सेनन और ओम राउत के इस वीडियो पर मचे बवाल पर अब रामानंद सागर की ‘रामायण’ में ‘माता सीता’ का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका चिखलिया ने भी प्रतिक्रिया दी है. दीपिका चिखलिया ने Aajtak.in से बातचीत में इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और उन्होंने भी कृति सेनन और ओम राउत के वीडियो की निंदा की है. दीपिका का इस पूरे मुद्दे पर क्या कहना है, आइये जानते हैं.
कृति और ओम राउत के वीडियो पर बात करते हुए दीपिका चिखलिया कहती हैं- ‘मुझे लगता है कि आज कल के स्टार्स के साथ एक बहुत बड़ी दिक्कत है और वो ये कि वे ना तो किरदार में घुसते हैं और ना ही इसके इमोशन को समझ पाते हैं. उनके लिए रामायण महज एक फिल्म होगी. शायद ही इन स्टार्स ने इस फिल्म में अपनी आत्मा को झोंका होगा. कृति आज की जनरेशन की अभिनेत्री हैं. आज के समय में किसी को गले लगाना या किस करना एक स्वीट जेस्चर माना जाता है. उन्होंने कभी खुद को सीता समझा ही नहीं होगा.’
दीपिका आगे कहती हैं- ‘ये सिर्फ और सिर्फ इमोशन की बात है. मैंने सीता जी के किरदार को जीया है. लेकिन, आज की अभिनेत्रियां इसे सिर्फ एक रोल समझती हैं. फिल्म खत्म होने के बाद उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हमारे सेट की बात करें तो तब किसी की इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वह हमारा नाम तक लेकर पुकार सके. जब हम सेट में अपने किरदार में होते थे तो सेट पर कई लोग तो आकर पैर छूने लगते थे. वो दौर ही अलग था.’
‘उस समय हमें एक्टर समझा ही नहीं जाता था. हमें तो लोग भगवान ही समझ बैठे थे. तो किसी को किस करना तो बहुत दूर की बात, हम किसी को गले तक नहीं लगा सकते थे. आदिपुरुष की रिलीज के बाद सारे एक्टर अपने दूसरे प्रोजेक्ट में बिजी हो जाएंगे. शायद ऐसा भी हो कि वे अपने किरदार को ही भूल जाएं, लेकिन हमारे समय में ऐसा नहीं था. हमें तो भगवान की तरह ही ट्रीट किया जाने लगा था. ऐसा लगता था, जैसे हम सच में भगवान हैं और ऊपर से आए हैं. यही वजह है कि हमने कभी कुछ ऐसा नहीं किया, जो लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए.’