हांगकांग और सिंगापुर ने भारतीय कंपनियों MDH प्राइवेट लिमिटेड और एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स लिमिटेड के करी मसालों की सेल पर बैन लगा दिया है। इसके बाद केंद्र सरकार ने इन दोनों ब्रांड के मसालों के सैंपल की टेस्टिंग कराने का फैसला किया। केंद्र सरकार ने फूड कमिश्नर को इन दोनों ब्रांड्स के मसालों के सैंपल कलेक्ट करने के निर्देश दिए हैं। तो चलिए इस मामले की पूरी जानकारी आपको देते हैं।
क्या पाया गया परीक्षण में?
हांगकांग ने दोनों कंपनियों के इन प्रोडक्ट्स में कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की ज्यादा मात्रा होने की बात कही थी। इसके बाद सिंगापुर ने भी इन ब्रांड्स के मसालों पर बैन लगा दिया था। इन प्रोडक्ट्स में इस पेस्टिसाइड की ज्यादा मात्रा से कैंसर होने का खतरा है। इससे पहले हांगकांग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने बयान जारी कर कहा कि MDH ग्रुप के तीन मसाला मिक्स- मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर में कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा पाई गई है। रूटीन सर्विलांस प्रोग्राम के तहत एवरेस्ट के फिश करी मसाला में भी यह पेस्टिसाइड पाया गया है।
अन्य देशों मे भी लगा रोक
साल 2023 में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने भी एवरेस्ट के फूड प्रोडक्ट्स को सैल्मोनेला के लिए पॉजिटिव पाया था। सैल्मोनेला एक बैक्टीरिया होता है जिसके शरीर में पहुंचने से डायरिया, बुखार जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। आपको बता दें सिंगापुर वाले आदेश में भी एवरेस्ट के ‘फिश करी मसाले’ में भी कीटनाशक मिले होने की बात सामने आई है। बताया गया कि कंपनी के मसाले में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई है। कैंसर पर रिसर्च करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’ ने इस कीटनाशक को कैंसरजनक पदार्थ की श्रेणी में रखा है। उनका कहना है कि इस कीटनाशक से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।