16th May 2023, Mumbai: ‘मोहरा (Mohra)’ जैसी बेहतरीन मूवी में काम करने वाली रवीना टंडन 90 के दशक की बहुत ही जबरदस्त अदाकारा (Actress) रह चुकी हैं. रवीना टंडन (Raveena Tandon) ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत सलमान खान (Salman Khan) स्टारर ‘पत्थर के फूल (Patthar Ke Phool)’ से की थी. इसी बीच एक्ट्रेस कपिल शर्मा के शो ‘द कपिल शर्मा शो (The Kapil Sharma Show)’ में शामिल हुई. शो मे रवीना टंडन ने इस याद को शेयर किया कि उन्हें उनके करियर की पहली मूवी कैसे मिली थी.
रवीना टंडन की याद
रवीना टंडन ने अपनी ओल्ड मेमोरीज को शेयर करते हुए कहा कि, ‘मैं अपने कॉलेज के फर्स्ट ईयर में थी. मैं और मेरे दोस्त अक्सर पिज्जा की दुकान पर जाते थे. एक दिन, जब हम वहां थे, मैंने पास में बैठे विवेक वासवानी और अनंत बलानी को देखा, जो कि सलमान खान की दूसरी फिल्म के लिए हीरोइन के बारे में बात कर रहे थे. उसी टाइम अनंत ने मेरी तरफ इशारा किया और विवेक से मुझसे बात करने को कहा. विवेक ने मुझे नहीं पहचाना, लेकिन मैंने उन्हें पहचान लिया. वो मेरे भाई के फ्रेंड हैं. जब उन्होंने मेरा नाम पूछा तो मैने बताया कि मैं रवि जी की बेटी हूं. इसी के बाद हमारी जान पहचान हुई.’
रवीना टंडन ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि, ‘मैं उन दिनों प्रह्लाद कक्कड़ के साथ इंटर्नशिप कर रही थी और शूटिंग में उनकी हेल्प किया करती थी. इसके साथ जब भी मॉडल मौजूद नहीं होती थी, तो वो मुझे खड़ा कर देते थे. इसके बाद बांद्रा में एक मूवी की शूटिंग के दौरान मुझे बंटी वालिया ने मुझे देखा.’
सलमान से मुलाकात
बात को जारी रखते हुए रवीना ने कहा, ‘इसके बाद उन्होंने सलमान से कहा कि वो मूवीज के लिए बिलकुल ठीक हैं, और वही सलमान को मेरे पास ले आए. हालांकि सलमान पर्सनली तौर पर मुझसे नहीं मिले थे. इसी बीच मेरे पापा को सलीम जी का फोन आया और इस तरह मुझे एक और मौका मिल गया. आप जानते हैं कि किस्मत कैसे बदलती है, इसमें जो लिखा है वह हमेशा होगा. इस दौरान रवीना अपने पिता को याद कर भावुक हो गईं.’
पिता को किया याद
पिता क याद करते हुए रवीना टंडन (Raveena Tandon) ने कहा कि, ‘मैंने फरवरी में अपने पिता को खो दिया. इसके ठीक बाद मुझे मेरा पहला पहला दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड (Dadasaheb Phalke International Film Festival Award) मिला. मुझे इसका पूरा ट्रस्ट है कि मेरे पापा हमेशा मेरे साथ हैं. मैं कभी भी किसी खास वजह से कहीं भी जाती हूं, तो हमेशा अपने पिता की घड़ी पहनती हूं. आज भी मेरे डिजाइनर ने मुझसे कहा कि यह घड़ी ड्रेस से मेल नहीं खा रही है, लेकिन मैंने जवाब दिया कि यह घड़ी मेरे पापा के आशीर्वाद के रूप में हमेशा मेरे साथ रहेगी.’