सोशल मीडिया ने ऊंच नीच,बड़ा छोटा, आम खास की खाई को पाट दिया है। हाथों में मोबाइल होने से अब अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है।पिछले कुछ साल पहले बुलबुल रानी ( तवायफ) का एक नृत्य वायरल हुआ था। मुंबई के बड़े बड़े निर्देशकों और कला प्रेमियों की प्रतिक्रियाएं आई थीं। इस साल भी एक लड़की ने उसी तरह से लोगों के दिलों को जीता है। मोह लिया है इस बच्ची ने। साधारण देसी लिबास और नृत्य की अद्भुत शैली। नृत्य ऐसा कि एक बार नहीं हजार बार देखने को मन कहेगा। अभी हफ्ते भी नहीं बीते है,इस लड़की ने करोड़ों लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
बेगूसराय की रहने वाली प्रिया सुहानी नाम की इस बच्ची ने कुछ ही दिनों पहले अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो डाला। लाल सारी पहने इस बच्ची ने जिस अंदाज में डांस किया है वो देखने लायक है। कमर और पैर का अद्भुत तालमेल। इसके नृत्य को देखकर ऐसा लगता है जैसी इस बच्ची नृत्य की शैलियों को बारीकी से सीखा हो। मगर ऐसा नहीं है। बिना प्रशिक्षण के भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। हमारे देश में ऐसी कलाओं की कमी नहीं है। प्रिया सुहानी ने अपनी भाव भंगिमाओं से सभी को मोहित कर डाला है।
इस नृत्य के वायरल होने के बाद प्रिया सुहानी के वीडियो पर बड़े बड़े इन्फ्लूएंसर भी वीडियो बनाने में लग गए। खेसारी लाल यादव के गाए गीत ‘ राजा एक दिन जहर खाके मर जाइब ‘ पर किए गए इस नृत्य की हर एक ताल के साथ प्रिया बखूबी सामंजस्य बिठाती दिख रही हैं।
प्रिया सुहानी के पिता बेगूसराय में रिक्शा चालक हैं और मां गृहिणी हैं। प्रिया कुल पांच भाई बहन हैं। प्रिया इससे पहले बिहार के बहुचर्चित लोक शैली दुगोला चैता के आयोजन में भी जाती रही हैं।
प्रिया सुहानी के वीडियो को भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने भी देखा और प्रिया से लाइव बात भी की और आने वाले दिनों में अपने एल्बम में उनके साथ काम करने का वादा भी किया। प्रिया जब खेसारी लाल यादव से बात कर रही थीं तो काफी भावुक थीं ऐसे में भोजपुरी स्टार ने प्रिया का हौसला बढ़ाया और हर मदद करने की बात कही।
इंस्टाग्राम अकाउंट पर प्रिया सुहानी के अभी करीब दो लाख फॉलोअर्स हैं मगर आने वाले समय में ऐसा लगता है कि ये बच्ची नए झंडे बुलंद करेगी।
रातों रात वायरल हुई प्रिया सुहानी ने कला का ऐसा प्रतिमान स्थापित किया है जिसको देखकर हम कह सकते हैं कि सहजता,सरलता और शील तरीके से भी ऊंचाई को पाया जा सकता है।
रिपोर्ट – विवेक रंजन सिंह