अपने जमाने की मशहूर एक्ट्रेस रही आशा पारेख (Asha Parekh) को इस साल प्रतिष्ठित पुरस्कार दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Awards) से सम्मानित किया जाएगा। हाल ही में इसकी घोषणा हुई है। इस खबर के सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी साबित हुई है। यह अवार्ड वेटरन एक्ट्रेस को फिल्म इंडस्ट्री में दिए गए उनके अहम योगदान के लिए दिया जाएगा।
वेटरन एक्ट्रेस आशा पारेख (Asha Parekh) ने अपने दमदार अदाकारी, खूबसूरती से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है। खुशी की बात यह है कि 22 साल के बाद दादा साहेब फाल्के अवार्ड से किसी महिला को सम्मानित किया जा रहा है। अपने दमदार अदाकारी के लिए जानी जाती है। 68वें नेशनल फिल्म अवार्ड में एक्ट्रेस को इस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आखरी बार साल 2019 में साउथ सुपरस्टार रजनीकांत को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। ऐसे में अब इस साल आशा पारेख को इसे बहुत से सम्मानित किया जाएगा।
आखिरी बार साल 2000 में मशहूर सिंगर आशा भोंसले को इस अवार्ड से नवाजा गया था। ऐसे में अब यह 22 साल में पहली बार हुआ है, जब किसी महिला को दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जाने वाला है। बता दी कि साल 1942 में 2 अक्टूबर को मुंबई में एक्ट्रेस का जन्म हुआ था। महज 10 साल की उम्र से एक्ट्रेस ने अपने एक्ट्रेस ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। साल 1952 में रिलीज़ हुई फ़िल्म आसमान में आशा पारेख ने पहली बार बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट एक्टिंग किया था। इसके बाद 1954 में उन्होंने बाप बेटी फिल्म में काम किया, मगर यह फल बुरी तरह फ्लॉप हुई थी।
फिर 1959 में 16 साल की उम्र में एक्ट्रेस ‘गूंज उठी शहनाई’ फिल्म में नजर आई। कहीं इसके बाद इसी साल उनकी दिल देके देखो भी रिलीज हुई। इससे एक्ट्रेस रातों-रात स्टार बन गई और इसके बाद उन्होंने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्मों से दर्शकों का मनोरंजन किया। इस फिल्म में वह शम्मी कपूर के ऑपोजिट नजर आई थी। और यहीं से उन्हें इंडस्ट्री में एक अलग पहचान में। एक्ट्रेस ने अपने फिल्मी करियर में जब प्यार किसी से होता है, फिर वही दिल लाया हूं, तीसरी मंजिल, बहारों के सपने, प्यार का मौसम, कारवां जैसी दमदार फिल्मों से बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाया। आखरी बार एक्ट्रेस आशा पारेख साल 1999 में आई फिल्म सर आंखों पर में नजर आई थी। फिल्म जगत के लिए यह गौरव का क्षण है।
स्रोत – सोशल मीडिया